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स्वास्थ्य शिक्षा एवं पेयजल जागरूकता शिविर का शुभारंभ, लोगों को बांटी गई निशुल्क दवाइयां - 3 day health and sanitation campaign in karsog

करसोग की तेवन पंचायत में तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिक्षा एवं पेयजल से संबंधित जागरूकता शिविर का राष्ट्रीय मानव देखभाल संगठन ने बुधवार को शुभारंभ किया. इस शिविर में स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की गई और शुगर, ब्लड प्रेशर सहित कई रोगों की निशुल्क दवाइयां भी दी गई.

ealth and sanitation campaign in karsog
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Published : Nov 20, 2019, 8:59 PM IST

करसोगः जिला मंडी के उपमंडल करसोग की तेवन पंचायत में राष्ट्रीय मानव देखभाल संगठन ने बुधवार को तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिक्षा एवं पेयजल से संबंधित जागरूकता शिविर का शुभारंभ किया. इस दौरान ग्रामीणों को दूषित पेयजल पीने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया गया.

शिविर में मौजूद डॉ सत्या ने लोगों को जागरुक करते हुए बताया कि दूषित पानी के सेवन से चर्म रोग, पेट रोग, पीलिया, हैजा, दस्त, उल्टियां, टाइफाईड और बुखार जैसे रोग हो सकते हैं. गर्मी व बरसात के दिनों में इनके होने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए पीने के लिए हमेशा स्वच्छ पानी का प्रयोग करें. तालाब के किनारे लगे हैंडपंपों से पानी न पिएं और बरसात के दिनों में पानी को उबाल कर पिएं. इसके अतिरिक्त समय-समय पर पेयजल स्त्रोतों दवाई डालते रहें. वहीं, कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं. बाजार से खुले में बिकने वाले चीजों को सेवन न करें.

वीडियो.

दूषित पानी पीने से होने वाले रोग
इस अभियान के तहत स्थानीय लोगों को बताया गया कि पीने का पानी दूषित होने से तो कई बीमरियां चपेट में ले सकती हैं. ये बीमारियां दूषित पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं.

गंदा पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसकी वजह से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं. ये बीमारियां हाथ मिलाने, गले लगने, एक-दूसरे का रुमाल उपयोग करने व एक साथ खाना खाने से फैलती हैं. इनमें बुखार, पेचिश, हैज और आइफ्लू जैसी बीमारियां भी प्रमुख हैं.

35 लोगों की स्वास्थ्य जांच भी की गई
तीन दिवसीय इस शिविर में पहले ही दिन 35 लोगों ने अपनी स्वास्थ्य जांच भी करवाई. इस दौरान शुगर, ब्लड प्रेशर सहित कई रोगों की निशुल्क दवाइयां भी दी गई. राष्ट्रीय मानव संगठन के शाखा प्रबंधक गोपाल सूर्यवंशी ने बताया कि इस तरह के कैंप समय-समय पर हर पंचायतों के वार्ड में संगठन की किए जाएंगे.

राष्ट्रीय मानव संगठन के शाखा प्रबंधक गोपाल सूर्यवंशी ने बताया कि इस तरह के कैंप समय-समय पर हर पंचायतों के वार्ड में संगठन की किए जाएंगे. यह संगठन एक सामाजिक कल्याण संस्था है जो समय-समय पर ग्रामीणों को स्वास्थ्य शिक्षा कृषि पेयजल के बारे जागृति प्रदान करता है. इस मौके पर पंचायत प्रतिनिधियों संस्था के लोगों ने भाग लिया. शिविर में तेवन पंचायत के प्रधान धर्म सिंह बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए.

करसोगः जिला मंडी के उपमंडल करसोग की तेवन पंचायत में राष्ट्रीय मानव देखभाल संगठन ने बुधवार को तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिक्षा एवं पेयजल से संबंधित जागरूकता शिविर का शुभारंभ किया. इस दौरान ग्रामीणों को दूषित पेयजल पीने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया गया.

शिविर में मौजूद डॉ सत्या ने लोगों को जागरुक करते हुए बताया कि दूषित पानी के सेवन से चर्म रोग, पेट रोग, पीलिया, हैजा, दस्त, उल्टियां, टाइफाईड और बुखार जैसे रोग हो सकते हैं. गर्मी व बरसात के दिनों में इनके होने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए पीने के लिए हमेशा स्वच्छ पानी का प्रयोग करें. तालाब के किनारे लगे हैंडपंपों से पानी न पिएं और बरसात के दिनों में पानी को उबाल कर पिएं. इसके अतिरिक्त समय-समय पर पेयजल स्त्रोतों दवाई डालते रहें. वहीं, कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं. बाजार से खुले में बिकने वाले चीजों को सेवन न करें.

वीडियो.

दूषित पानी पीने से होने वाले रोग
इस अभियान के तहत स्थानीय लोगों को बताया गया कि पीने का पानी दूषित होने से तो कई बीमरियां चपेट में ले सकती हैं. ये बीमारियां दूषित पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं.

गंदा पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसकी वजह से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं. ये बीमारियां हाथ मिलाने, गले लगने, एक-दूसरे का रुमाल उपयोग करने व एक साथ खाना खाने से फैलती हैं. इनमें बुखार, पेचिश, हैज और आइफ्लू जैसी बीमारियां भी प्रमुख हैं.

35 लोगों की स्वास्थ्य जांच भी की गई
तीन दिवसीय इस शिविर में पहले ही दिन 35 लोगों ने अपनी स्वास्थ्य जांच भी करवाई. इस दौरान शुगर, ब्लड प्रेशर सहित कई रोगों की निशुल्क दवाइयां भी दी गई. राष्ट्रीय मानव संगठन के शाखा प्रबंधक गोपाल सूर्यवंशी ने बताया कि इस तरह के कैंप समय-समय पर हर पंचायतों के वार्ड में संगठन की किए जाएंगे.

राष्ट्रीय मानव संगठन के शाखा प्रबंधक गोपाल सूर्यवंशी ने बताया कि इस तरह के कैंप समय-समय पर हर पंचायतों के वार्ड में संगठन की किए जाएंगे. यह संगठन एक सामाजिक कल्याण संस्था है जो समय-समय पर ग्रामीणों को स्वास्थ्य शिक्षा कृषि पेयजल के बारे जागृति प्रदान करता है. इस मौके पर पंचायत प्रतिनिधियों संस्था के लोगों ने भाग लिया. शिविर में तेवन पंचायत के प्रधान धर्म सिंह बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए.

Intro:दूषित पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं।Body:दूषित पानी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं कई तरह के गंभीर रोग, यहां लोगों को दी गई जानकारी
करसोग
उपमंडल करसोग में राष्ट्रीय मानव देखभाल संगठन के सौजन्य से दूर दराज की पंचायत तेवन में बुधवार से तीन दिवसीय स्वास्थ्य शिक्षा एवं पेयजल से संबंधित जागरूकता शिविर का शुभारंभ किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। इस दौरान ग्रामीणों को दूषित पेयजल पीने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया गया। डॉ सत्या लोगों को बताया कि दूषित पानी के सेवन से चर्म रोग, पेट रोग, पीलिया, हैजा, दस्त, उल्टियां, टाइफाईड व बुखार आदि रोग हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी व बरसात के दिनों में इनके होने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए पीने के लिए हमेशा स्वच्छ पानी का प्रयोग करें। तालाब के किनारे लगे हैंडपंपों से पानी न पिएं। पीने वाले पानी को हमेशा ढ़ककर रखें। बरसात के दिनों में पानी को उबाल कर पिएं। इसके अतिरिक्त समय-समय पर पेयजल स्त्रोतों दवाई डालते रहें। वहीं कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं। बाजार से खुले में बिकने वाले चीजों को सेवन न करें। उन्होने कहा कि पानी की टंकियों में ढक्कन को लगाकर रखें।


रोग, जो होते हैं दूषित पानी पीने से:
लोगों को बताया गया कि पीने का पानी दूषित है तो कई बीमरियां चपेट में ले सकती हैं। ये बीमारियां दूषित पानी में रहने वाले छोटे-छोटे जीवाणुओं के कारण होती हैं, जो पानी के साथ से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे पानी की वजह से होने वाली बीमारियों के कई कारक हो सकते हैं, जिनमें वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और पेट में होने वाले रिएक्शन प्रमुख हैं। गंदा पानी पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है, जिसकी वजह से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां आसानी से किसी को भी अपना शिकार बना सकती हैं। इसके अलावा गंदा पानी पीने से वायरल इंफेक्शन भी हो सकता है। वायरल इंफेक्शन के कारण हेपेटाइटिस ए, फ्लू, कॉलरा, टायफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं। इससे कई संक्रामक बीमारियां भी फैलती हैं। ये बीमारियां हाथ मिलाने, गले लगने, एक-दूसरे का रुमाल उपयोग करने व एक साथ खाना खाने से फैलती हैं। इनमें बुखार, पेचिश, हैज और आइफ्लू व आंख आने जैसी बीमारियां भी प्रमुख हैं।

35 लोगों की स्वास्थ्य जांच भी की गई:
तीन दिन तक चलने वाले इस शिविर में पहले ही दिन 35 लोगों ने अपनी स्वास्थ्य जांच भी करवाई। इस दौरान शुगर, ब्लड प्रेशर सहित कई रोगों की निशुल्क दवाइयां भी वितरित की गई। राष्ट्रीय मानव संगठन के शाखा प्रबंधक गोपाल सूर्यवंशी ने बताया कि इस तरह के कैंप समय-समय पर हर पंचायतों के वार्ड में संगठन की किए जाएंगे। यह संगठन एक सामाजिक कल्याण संस्था है जो समय-समय पर ग्रामीणों को स्वास्थ्य शिक्षा कृषि पेयजल के बारे जागृति प्रदान करता है। इस मौके पर पंचायत प्रतिनिधियों संस्था के लोगों ने भाग लिया। शिविर में तेवन पंचायत के प्रधान धर्म सिंह बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए।Conclusion:राष्ट्रीय मानव संगठन के शाखा प्रबंधक गोपाल सूर्यवंशी ने बताया कि इस तरह के कैंप समय-समय पर हर पंचायतों के वार्ड में संगठन की किए जाएंगे। यह संगठन एक सामाजिक कल्याण संस्था है जो समय-समय पर ग्रामीणों को स्वास्थ्य शिक्षा कृषि पेयजल के बारे जागृति प्रदान करता है। इस मौके पर पंचायत प्रतिनिधियों संस्था के लोगों ने भाग लिया। शिविर में तेवन पंचायत के प्रधान धर्म सिंह बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए।
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