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आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पहुंचे चंद्रभागा संगम, स्विट्जरलैंड से की लाहौल स्पीति की तुलना

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Published : Mar 21, 2021, 8:46 PM IST

Updated : Mar 21, 2021, 10:46 PM IST

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर इन दिनो कुल्लू मनाली पहुंचे हुए हैं. गुरु श्री श्री रविशंकर ने वैदिक नदी असकिनी (चंद्रभागा संगम) का दर्शन कर पवित्र जल से पंचस्नान किया. इसके बाद आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने तुपचीलिंग गोम्पा का भी दर्शन किया और पूजा की.

Spiritual Guru Sri Sri Ravi Shankar
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर पहुंचे चंद्रभागा संगम

लाहौल स्पीति: इमं में गंगे यमुने सरस्वती शुतुद्रि स्तोमं सचता परुषण्या, असिवक्न्या मरूद्वृधे वितस्तयार्जीकीये श्रणुह्या सुषोमया. ऋग्वेद के इसी श्लोक से वशीभूत हो कर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर कुल्लू-मनाली पहुंचे हुए हैं. आज बहुत ही गोपनीय तरीके से उन्होंने अपनी संक्षिप्त यात्रा में वैदिक नदी असकिनी जो चंद्रभागा संगम के नाम से विख्यात है, का दर्शन किया और पवित्र जल से पंचस्नान किया.

इसके बाद आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने तुपचीलिंग गोम्पा का भी दर्शन किया और पूजा की. श्री श्री रविशंकर के स्वागत के लिए उपायुक्त पंकज राय और तांदी पंचायत के उप प्रधान वीरेंदर ने गोम्पा में उन की अगवानी की.

वीडियो.

स्विट्जरलैंड से की लाहौल स्पीति की तुलना

उप प्रधान वीरेंदर ने बताया कि गुरु श्री श्री रविशंकर ने लाहौल को स्विट्जरलैंड की तरह सुंदर बताया और यहां के लोग विषम हालातों में कैसे गुजर बसर करते हैं, इस बारे में जानकारी ली. जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में इन दिनों स्नो फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है और बीते दो महीने से लगातार अलग-अलग तरह की गतिविधियां स्नो फेस्टिवल के दौरान करवाई जा रही है. देश-विदेश और फिल्मी जगत की हस्तियां भी इन दिनों लाहौल स्पीति घूमने आ रहे हैं.

वहीं, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर भी लाहौल स्पीति में करवाए जा रहे स्नो फेस्टिवल देखने पहुंचे. जहां पर उन्होंने लाहौल की हसीन वादियों का दीदार भी किया.

'उत्सवों का उसत्व' स्नो फेस्टिवल

डीसी लाहौल स्पीति पंकज राय ने बताया कि लाहौल स्पीति को ऐतिहासिक आयोजन 'उत्सवों का उसत्व' स्नो फेस्टिवल के लिए गवर्नेन्स की श्रेणी में स्कोच अवार्ड का सिल्वर मेडल हासिल हुआ है. यह आयोजन समस्त जनता की भागीदारी से ही सम्भव हो पाया है, जिसके माध्यम से यह उत्सव सफल हो रहा है.

Spiritual Guru Sri Sri Ravi Shankar
गुरु श्री श्री रविशंकर पहुंचे लाहौल स्पीति

स्नो फेस्टिवल को मिला स्कोच अवार्ड का सिल्वर मेडल

वहीं, आज लाहौल भ्रमण पर पधारे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर फूड फेस्टिवल परिसर में पधारे जहां उन्हें उपायुक्त पंकज राय व अन्य अधिकारियों के साथ स्कोच -अवार्ड स्नो फ़ेस्टिवल अवार्ड हासिल करने के उपलक्ष्य में, देसी घी से बनाए केक (मारपिणी) को काटकर बधाई दी.

गुरु श्रीश्री रविशंकर का उपायुक्त के द्वारा पारम्परिक रूप से सम्मान किया गया. स्कोच-अवार्ड का सिल्वर मेडल 'स्कोच' संस्था द्वारा 20 मार्च को घोषित किया गया था. लाहौल स्पीति प्रशासन को यह सम्मान स्नो फेस्टिवल के आयोजन के लिए दिया गया है.

75 दिनों तक चलने वाला देश का सबसे लंबा फेस्टिवल

स्नो फेस्टिवल 75 दिनों तक चलने वाला, देश के सबसे लम्बे चलने वाले उत्सवों में एक है. फेस्टिवल के माध्यम से लुप्त हो रही परम्पराओं को पुनर्जीवित किया गया है, जिसके सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

जैसे शंगजतार लगभग 90 वर्ष के बाद, राइंक जातर लगभग 50 साल एवं दारचा क्षेत्र का सेलु नृत्य का पुनः जीवन्त, गमत्सआ उत्सव का 40 वर्ष बाद आयोजन होना, इस प्रयास का परिणाम है. गौरतलब है कि स्कोच अवार्ड, स्कोच संस्था द्वारा 2003 में स्थापित स्थापित, देश का एक अति प्रतिष्ठित सम्मान है जोकि जटिल डॉक्यूमेंटेशन प्रक्रिया, द्वारा स्वंतंत्र निर्णायक मण्डल द्वारा विभिन्न श्रेणियों में दिया जाता है. इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा, सहायक आयुक्त राजेश भण्डारी सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे.

पढ़ें: लाहौल-स्पीति फूड फेस्टिवल: पर्यटकों ने लिया पारंपरिक व्यंजनों का जायका

लाहौल स्पीति: इमं में गंगे यमुने सरस्वती शुतुद्रि स्तोमं सचता परुषण्या, असिवक्न्या मरूद्वृधे वितस्तयार्जीकीये श्रणुह्या सुषोमया. ऋग्वेद के इसी श्लोक से वशीभूत हो कर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर कुल्लू-मनाली पहुंचे हुए हैं. आज बहुत ही गोपनीय तरीके से उन्होंने अपनी संक्षिप्त यात्रा में वैदिक नदी असकिनी जो चंद्रभागा संगम के नाम से विख्यात है, का दर्शन किया और पवित्र जल से पंचस्नान किया.

इसके बाद आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने तुपचीलिंग गोम्पा का भी दर्शन किया और पूजा की. श्री श्री रविशंकर के स्वागत के लिए उपायुक्त पंकज राय और तांदी पंचायत के उप प्रधान वीरेंदर ने गोम्पा में उन की अगवानी की.

वीडियो.

स्विट्जरलैंड से की लाहौल स्पीति की तुलना

उप प्रधान वीरेंदर ने बताया कि गुरु श्री श्री रविशंकर ने लाहौल को स्विट्जरलैंड की तरह सुंदर बताया और यहां के लोग विषम हालातों में कैसे गुजर बसर करते हैं, इस बारे में जानकारी ली. जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में इन दिनों स्नो फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है और बीते दो महीने से लगातार अलग-अलग तरह की गतिविधियां स्नो फेस्टिवल के दौरान करवाई जा रही है. देश-विदेश और फिल्मी जगत की हस्तियां भी इन दिनों लाहौल स्पीति घूमने आ रहे हैं.

वहीं, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर भी लाहौल स्पीति में करवाए जा रहे स्नो फेस्टिवल देखने पहुंचे. जहां पर उन्होंने लाहौल की हसीन वादियों का दीदार भी किया.

'उत्सवों का उसत्व' स्नो फेस्टिवल

डीसी लाहौल स्पीति पंकज राय ने बताया कि लाहौल स्पीति को ऐतिहासिक आयोजन 'उत्सवों का उसत्व' स्नो फेस्टिवल के लिए गवर्नेन्स की श्रेणी में स्कोच अवार्ड का सिल्वर मेडल हासिल हुआ है. यह आयोजन समस्त जनता की भागीदारी से ही सम्भव हो पाया है, जिसके माध्यम से यह उत्सव सफल हो रहा है.

Spiritual Guru Sri Sri Ravi Shankar
गुरु श्री श्री रविशंकर पहुंचे लाहौल स्पीति

स्नो फेस्टिवल को मिला स्कोच अवार्ड का सिल्वर मेडल

वहीं, आज लाहौल भ्रमण पर पधारे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर फूड फेस्टिवल परिसर में पधारे जहां उन्हें उपायुक्त पंकज राय व अन्य अधिकारियों के साथ स्कोच -अवार्ड स्नो फ़ेस्टिवल अवार्ड हासिल करने के उपलक्ष्य में, देसी घी से बनाए केक (मारपिणी) को काटकर बधाई दी.

गुरु श्रीश्री रविशंकर का उपायुक्त के द्वारा पारम्परिक रूप से सम्मान किया गया. स्कोच-अवार्ड का सिल्वर मेडल 'स्कोच' संस्था द्वारा 20 मार्च को घोषित किया गया था. लाहौल स्पीति प्रशासन को यह सम्मान स्नो फेस्टिवल के आयोजन के लिए दिया गया है.

75 दिनों तक चलने वाला देश का सबसे लंबा फेस्टिवल

स्नो फेस्टिवल 75 दिनों तक चलने वाला, देश के सबसे लम्बे चलने वाले उत्सवों में एक है. फेस्टिवल के माध्यम से लुप्त हो रही परम्पराओं को पुनर्जीवित किया गया है, जिसके सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं.

जैसे शंगजतार लगभग 90 वर्ष के बाद, राइंक जातर लगभग 50 साल एवं दारचा क्षेत्र का सेलु नृत्य का पुनः जीवन्त, गमत्सआ उत्सव का 40 वर्ष बाद आयोजन होना, इस प्रयास का परिणाम है. गौरतलब है कि स्कोच अवार्ड, स्कोच संस्था द्वारा 2003 में स्थापित स्थापित, देश का एक अति प्रतिष्ठित सम्मान है जोकि जटिल डॉक्यूमेंटेशन प्रक्रिया, द्वारा स्वंतंत्र निर्णायक मण्डल द्वारा विभिन्न श्रेणियों में दिया जाता है. इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा, सहायक आयुक्त राजेश भण्डारी सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे.

पढ़ें: लाहौल-स्पीति फूड फेस्टिवल: पर्यटकों ने लिया पारंपरिक व्यंजनों का जायका

Last Updated : Mar 21, 2021, 10:46 PM IST
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