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स्पीति वैली के चिचिम में नजर आया स्नो लेपर्ड, घाटी में फल फूल रहा बर्फानी तेंदुओं का जीवन - चिचिम में नजर आया स्नो लेपर्ड

बर्फानी तेंदुओं ने स्पीति घाटी के अनुरूप खुद को ढाल लिया है और यहां इनकी हलचल दिखने लगी है. (snow leopard in Spiti Valley) मंगलवार को स्पीति घाटी के चिचिम गांव में वन विभाग की टीम ने अपने कैमरे में लेपर्ड को कैद किया. वन विभाग इनकी सुरक्षा व रिसर्च पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है तो स्थानीय लोग भी इनकी सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं.

Snow Leopard in Lahaul Spiti
लाहौल स्पीति में स्नो लेपर्ड
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Published : Dec 28, 2022, 6:03 PM IST

लाहौल स्पीति में स्नो लेपर्ड

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश की लाहौल स्पीति की वादियां बर्फानी तेंदुए को रास आने लगी हैं. हालांकि यहां पर बर्फानी तेंदुए पहले से ही मौजूद थे, लेकिन अब यहां पर बर्फानी तेंदुए आए दिन पहाड़ियों पर विचरते हुए नजर आ रहे हैं. तो वहीं, देश-विदेश से यहां आने वाले शोधार्थियों के कैमरे में भी इन्हें कैद किया जा रहा है. मंगलवार को स्पीति घाटी के चिचिम गांव में वन विभाग की टीम ने अपने कैमरे में लेपर्ड को कैद किया. (Snow Leopard in Lahaul Spiti)

लाहौल स्पीति की स्पीति घाटी के विभिन्न इलाकों में भी बर्फानी तेंदुए का (Snow Leopard in Spiti Valley) जनजीवन बेहतर तरीके से फल-फूल रहा है. जिसका परिणाम यह है कि यहां आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों के साथ लगती पहाड़ियों में बर्फानी तेंदुआ अठखेलियां करते हुए नजर आ रहा है. वहीं, वन विभाग की मानें तो बर्फानी तेंदुए ने स्पीति घाटी के अनुरूप खुद को ढाल लिया है और यहां अब उनकी हलचल अधिक दिखने लगी है. वन विभाग के प्रयासों से घाटी में तेंदुए को अनुकूल वातावरण भी मिला है.

Snow Leopard in Lahaul Spiti
लाहौल स्पीति में स्नो लेपर्ड

हिमाचल प्रदेश में वन विभाग इनकी सुरक्षा व रिसर्च पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है. वहीं, स्थानीय लोग भी इनकी सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं. स्पीति घाटी में आइबेक्स व ब्लू शीप जैसे जंगली जानवरों के शिकार पर कई तरह के सामाजिक व धार्मिक प्रतिबंध से उनकी भी तादाद बढ़ी है और बर्फानी तेंदुओं (snow leopard in lahaul spiti) को भी आसानी से शिकार मिल जाता है. स्पीति घाटी में किब्बर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी सबसे बड़ी है और इसका क्षेत्रफल 2200 वर्ग किलोमीटर है. कुल्लू को लाहौल से जोड़ने वाली पिन वैली की वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी 675 वर्ग किलोमीटर है. जबकि चंद्रताल सेंक्चुरी 50 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है.

काजा में तैनात सहायक लोक संपर्क अधिकारी अजय बनयाल का कहना है कि स्पीति के साथ लाहौल में भी इस वन्य जीव की प्रजाति फल-फूल रही है. आए दिन बर्फानी तेंदुए आपस में खेलते हुए नजर आते हैं और अन्य लोग भी आसानी से अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं. स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुए सहित आइबेक्स, ब्लू शीप, ब्लैक व ब्राउन बियर, बर्फानी लोमड़ी भी पाए जाते हैं. लाहौल स्पीति में बर्फानी तेंदुए काफी पहले से मौजूद है. बर्फानी तेंदुआ बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में पाया जाता है लेकिन बर्फबारी के कारण खाने की तलाश में यह इन दिनों निचले इलाकों का रुख करते हैं.

ये भी पढ़ें: शिमला में फूड फेस्टिवल: पर्यटकों और स्थानीयों को खूब भा रहे हिमाचली व्यंजन

लाहौल स्पीति में स्नो लेपर्ड

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश की लाहौल स्पीति की वादियां बर्फानी तेंदुए को रास आने लगी हैं. हालांकि यहां पर बर्फानी तेंदुए पहले से ही मौजूद थे, लेकिन अब यहां पर बर्फानी तेंदुए आए दिन पहाड़ियों पर विचरते हुए नजर आ रहे हैं. तो वहीं, देश-विदेश से यहां आने वाले शोधार्थियों के कैमरे में भी इन्हें कैद किया जा रहा है. मंगलवार को स्पीति घाटी के चिचिम गांव में वन विभाग की टीम ने अपने कैमरे में लेपर्ड को कैद किया. (Snow Leopard in Lahaul Spiti)

लाहौल स्पीति की स्पीति घाटी के विभिन्न इलाकों में भी बर्फानी तेंदुए का (Snow Leopard in Spiti Valley) जनजीवन बेहतर तरीके से फल-फूल रहा है. जिसका परिणाम यह है कि यहां आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों के साथ लगती पहाड़ियों में बर्फानी तेंदुआ अठखेलियां करते हुए नजर आ रहा है. वहीं, वन विभाग की मानें तो बर्फानी तेंदुए ने स्पीति घाटी के अनुरूप खुद को ढाल लिया है और यहां अब उनकी हलचल अधिक दिखने लगी है. वन विभाग के प्रयासों से घाटी में तेंदुए को अनुकूल वातावरण भी मिला है.

Snow Leopard in Lahaul Spiti
लाहौल स्पीति में स्नो लेपर्ड

हिमाचल प्रदेश में वन विभाग इनकी सुरक्षा व रिसर्च पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है. वहीं, स्थानीय लोग भी इनकी सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं. स्पीति घाटी में आइबेक्स व ब्लू शीप जैसे जंगली जानवरों के शिकार पर कई तरह के सामाजिक व धार्मिक प्रतिबंध से उनकी भी तादाद बढ़ी है और बर्फानी तेंदुओं (snow leopard in lahaul spiti) को भी आसानी से शिकार मिल जाता है. स्पीति घाटी में किब्बर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी सबसे बड़ी है और इसका क्षेत्रफल 2200 वर्ग किलोमीटर है. कुल्लू को लाहौल से जोड़ने वाली पिन वैली की वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी 675 वर्ग किलोमीटर है. जबकि चंद्रताल सेंक्चुरी 50 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है.

काजा में तैनात सहायक लोक संपर्क अधिकारी अजय बनयाल का कहना है कि स्पीति के साथ लाहौल में भी इस वन्य जीव की प्रजाति फल-फूल रही है. आए दिन बर्फानी तेंदुए आपस में खेलते हुए नजर आते हैं और अन्य लोग भी आसानी से अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं. स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुए सहित आइबेक्स, ब्लू शीप, ब्लैक व ब्राउन बियर, बर्फानी लोमड़ी भी पाए जाते हैं. लाहौल स्पीति में बर्फानी तेंदुए काफी पहले से मौजूद है. बर्फानी तेंदुआ बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में पाया जाता है लेकिन बर्फबारी के कारण खाने की तलाश में यह इन दिनों निचले इलाकों का रुख करते हैं.

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