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बर्फबारी के बिना सूना पड़ा हिमाचल का शीत मरुस्थल, लाहौल स्पीति में गहराया सिंचाई और पेयजल संकट का खतरा!

हिमाचल प्रदेश का शीत मरुस्थल इस बार अभी तक बर्फबारी नहीं होने से सूना पड़ा है. वहीं, बर्फबारी नहीं होने से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं. अगर समय से बर्फबारी नहीं हुई तो कुल्लू जिले में सिंचाई और पेयजल संकट गहरा सकता है. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 16, 2024, 10:38 AM IST

लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी न होने से किसान और बागवानों की परेशानी बढ़ गई है. वहीं, शीत मरुस्थल के नाम से मशहूर लाहौल स्पीति जिला में भी इन दिनों बर्फ गायब है. लाहौल स्पीति जिला के सभी इलाके में बर्फबारी नहीं होने सून पड़े हैं. लाहौल स्पीति जिला में नवंबर माह से लेकर अप्रैल माह तक लोग बर्फ के बीच ही रहते थे और गर्मियों में इसी बर्फ से किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होता था, लेकिन दिसंबर माह बीत जाने के बाद भी अभी तक लाहौल घाटी में बर्फबारी नहीं हो पाई है.

जिसके चलते अब ग्रामीणों की समस्या बढ़ गई है. ऐसे में स्पीति घाटी की लोसर पंचायत के ग्रामीणों ने भी अब माता कुंजम के दरबार में पहुंचकर पर बर्फबारी के लिए फरियाद लगाई है. लोसर पंचायत के ग्रामीण 14,000 फीट की ऊंचाई पर माता कुंजम के दरबार में पहुंचे और यहां पर माता कुंजम से बर्फबारी के लिए प्रार्थना की. स्पीति घाटी के ग्रामीणों का कहना है कि बर्फबारी ना होने के चलते सिंचाई और पीने के पानी के लिए लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

सर्दियों में बर्फबारी के चलते ही यहां के पेयजल स्रोत रिचार्ज होते हैं, लेकिन इस बार अभी तक बर्फबारी नहीं होने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई है. ऐसे में ग्रामीणों ने मिलकर देवी देवताओं के पास फरियाद करनी शुरू कर दी है. ताकि जल्द से जल्द यहां पर बर्फबारी हो सके. वहीं, काजा के नायब तहसीलदार प्रेम सिंह ने बताया कि लोसर पंचायत के ग्रामीणों ने कुंजम दर्रा में माता के दरबार में बर्फबारी के लिए विशेष पूजा अर्चना की है. अगर समय पर पर्याप्त बर्फबारी नहीं होती है तो स्पीति घाटी में सिंचाई और पेयजल का भी संकट पैदा हो सकता है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में जंगल की आग बुझाते वक्त एक व्यक्ति झुलसा, PGI ले जाते समय रास्ते में तोड़ा दम

लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी न होने से किसान और बागवानों की परेशानी बढ़ गई है. वहीं, शीत मरुस्थल के नाम से मशहूर लाहौल स्पीति जिला में भी इन दिनों बर्फ गायब है. लाहौल स्पीति जिला के सभी इलाके में बर्फबारी नहीं होने सून पड़े हैं. लाहौल स्पीति जिला में नवंबर माह से लेकर अप्रैल माह तक लोग बर्फ के बीच ही रहते थे और गर्मियों में इसी बर्फ से किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होता था, लेकिन दिसंबर माह बीत जाने के बाद भी अभी तक लाहौल घाटी में बर्फबारी नहीं हो पाई है.

जिसके चलते अब ग्रामीणों की समस्या बढ़ गई है. ऐसे में स्पीति घाटी की लोसर पंचायत के ग्रामीणों ने भी अब माता कुंजम के दरबार में पहुंचकर पर बर्फबारी के लिए फरियाद लगाई है. लोसर पंचायत के ग्रामीण 14,000 फीट की ऊंचाई पर माता कुंजम के दरबार में पहुंचे और यहां पर माता कुंजम से बर्फबारी के लिए प्रार्थना की. स्पीति घाटी के ग्रामीणों का कहना है कि बर्फबारी ना होने के चलते सिंचाई और पीने के पानी के लिए लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

सर्दियों में बर्फबारी के चलते ही यहां के पेयजल स्रोत रिचार्ज होते हैं, लेकिन इस बार अभी तक बर्फबारी नहीं होने से लोगों की चिंताएं बढ़ गई है. ऐसे में ग्रामीणों ने मिलकर देवी देवताओं के पास फरियाद करनी शुरू कर दी है. ताकि जल्द से जल्द यहां पर बर्फबारी हो सके. वहीं, काजा के नायब तहसीलदार प्रेम सिंह ने बताया कि लोसर पंचायत के ग्रामीणों ने कुंजम दर्रा में माता के दरबार में बर्फबारी के लिए विशेष पूजा अर्चना की है. अगर समय पर पर्याप्त बर्फबारी नहीं होती है तो स्पीति घाटी में सिंचाई और पेयजल का भी संकट पैदा हो सकता है.

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