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प्राकृतिक सुंदरता के लिए विख्यात है हिमाचल की स्पीति घाटी, अब काजा पहुंचना होगा बेहद आसान

Gramphu to Samdo Border Double Lane in Spiti Valley: हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी को इसकी प्राकृतिक खूबसूरती और बौद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है. हर साल देश-विदेश से सैलानी स्पीति घाटी की ओर आकर्षित होकर यहां का रुख करते हैं. वहीं अब स्पीति के काजा पहुंचना सैलानियों के लिए आसाना हो जाएगा, क्योंकि बीआरओ द्वारा ग्रामफू से लेकर समदो बॉर्डर तक सड़क को डबल लेन किया जा रहा है.

Spiti Valley of Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 9:20 AM IST

Updated : Dec 20, 2023, 9:31 AM IST

लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश का जनजातीय जिला लाहौल स्पीति क्षेत्रफल की दृष्टि में राज्य में सबसे बड़ा जिला है. लाहौल स्पीति जिले की स्पीती घाटी अपने खूबसूरत नजारों के लिए जानी जाती है. देश-विदेश के सैलानी स्पीति घाटी की सुंदरता की ओर आकर्षित रहते हैं. स्पीति घाटी शीत मरुस्थल के नाम से भी जानी जाती है.

ट्रैकिंग के शौकीनों की खास पसंद: स्पीति घाटी में कई ऐसे धार्मिक स्थल भी हैं, जो कि देश-विदेश के सैलानियों को हर साल अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इसके अलावा ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी स्पीति घाटी खास जगह बनती जा रही है. वहीं, स्पीति घाटी में नेशनल पार्क में घूमते हुए स्नो लेपर्ड भी इसे खास बनाते हैं. सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 40 डिग्री तक पहुंच जाता है, लेकिन उसके बाद भी सर्दियों में स्पीती घाटी को निहारने का शौक सैलानी नहीं छोड़ पाते हैं.

Spiti Valley
स्पीति घाटी

अब काजा पहुंचना होगा आसान: स्पीति घाटी की अगर बात करें तो कुल्लू जिले के पर्यटन नगरी मनाली से अटल टनल होते हुए भी सैलानी यहां का रुख कर सकते हैं. इसके अलावा किन्नौर जिले से होते हुए भी स्पीती घाटी के मुख्यालय काजा तक पहुंचा जा सकता है. ऐसे में सैलानियों को काजा पहुंचने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए अब बीआरओ द्वारा लाहौल घाटी के ग्रामफू से लेकर समदो बॉर्डर तक सड़क को डबल लेन किया जा रहा है. इस सड़क को डबल लेन करने पर 1400 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि यहां पर 120 किलोमीटर काजा का यह सफर 3 से 4 घंटे में पूरा किया जा सके.

ये भी पढ़ें: हाड़ कंपा देने वाली ठंड में रहना मजा या मजबूरी!, -30 तक चला जाता है तापमान, जम चुका है पानी, ये है हिमाचल का 'सफेद रेगिस्तान'

ग्रामफू से 3 घंटे में पहुंचेंगे काजा: ग्रामफू से काजा समदो सड़क मार्ग समुद्र तल से 14,931 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह सड़क मार्ग कुंजुम दर्रा से होकर गुजरता है. सड़क को डबल लेन करने का कार्य भी इसी दर्रे से होकर किया जा रहा है. इससे चीन से लगती सीमा तक सेना को पहुंचने में भी आसानी होगी और सैलानी भी ग्रामफू से मात्र 3 घंटे में काजा पहुंच सकेंगे. यह सड़क करीब 202 किलोमीटर लंबी है, लेकिन जगह-जगह सड़क के कच्चा होने के चलते इस सफर को तय करने में 9 घंटे से भी अधिक का समय लग जाता है.

Spiti Valley
स्पीति घाटी में भारी बर्फबारी

दुर्लभ जीव-जंतुओं से भरा पिन वैली नेशनल पार्क: स्पीति घाटी में पिन वैली नेशनल पार्क स्थित है. जो एडवेंचर का शौक रखने वालों के लिए बेहतर जगह है. यह पार्क समुद्र तल से 11,500 फीट से लेकर 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पर ब्लू शीप, स्नो लेपर्ड, भूरा भालू, कस्तूरी मृग सहित अन्य दुर्लभ जीव जंतु देखने को मिलते हैं. स्नो लेपर्ड स्पीति घाटी में खूब फल फूल रहा है और आए दिन एडवेंचर के शौकीन इसे अपने कैमरे में भी कैद करते हैं. ऐसे में देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए भी यह पार्क खास जगह बनता जा रहा है और सैलानी अपने कैमरे में स्नो लेपर्ड सहित अन्य दुर्लभ जीव जंतुओं को कैद कर रहे हैं.

Chandratal Lake in Spiti Valley
चंद्रताल झील

हिमालय की सबसे खूबसूरत चंद्रताल झील: मनाली के अटल टनल से ग्रामफू होते हुए सैलानियों को स्पीति घाटी में चंद्रताल झील के भी दर्शन होते हैं. यह झील समुद्र तल से 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसे हिमालय की सबसे खूबसूरत झीलों में गिना जाता है. यह झील अर्थ चंद्राकर की शेप में है, जिसके चलते इसे चंद्रताल का नाम दिया गया है. यहां पर भी गर्मियों के दौरान सैलानी कैंपिंग का मजा लेने आते हैं, लेकिन सर्दियों में बर्फबारी के चलते यहां पर सैलानियों की आवाजाही को बंद कर दिया जाता है. ऐसे में गर्मियों के दौरान यहां पर ट्रैकिंग के शौकीन लोग कैंप लगाकर चंद्रताल झील के दर्शन करते हैं.

हिमालय का अजंता, बौद्ध मंदिर: स्पीति घाटी में ताबो मठ 1000 साल पुराना बौद्ध मंदिर है. जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस मठ को हिमालय के अजंता के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह पूरी तरह से मिट्टी का बना हुआ है और मठ की दीवारों पर आकर्षक भित्ति चित्र और प्राचीन चित्र बने हुए हैं. ताबो बौद्ध मठ सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है और बौद्ध विद्वान भी यहां पर अपने साधना में लीन रहते हैं. 1000 साल पुराने इस बौद्ध मठ को देखने के लिए भी सैलानी स्पीति घाटी का रुख करते हैं.

Langja village of Spiti valley
स्पीति घाटी का लांगजा गांव

स्पीति का लांगजा गांव: स्पीति घाटी के मुख्यालय काजा से लांगजा गांव की दूरी 16 किलोमीटर है और लांगजा गांव स्पीति वैली का बहुत खूबसूरत गांव है. यह गांव समुद्र तल से 14,500 फीट की ऊंचाई पर है. यहां गांव में भगवान बुद्ध की एक विशालकाय मूर्ति लगी हुई है जो दूर से ही नजर आती है. ऐसे में लांगजा गांव में कई प्राचीन मठ और मिट्टी के बने हुए घर हैं, जो सैलानियों को अपनी और आकर्षित करते हैं.

Key Gompa Buddhist Temple in Spiti Valley
की गोम्पा बौद्ध मंदिर

प्रसिद्ध तिब्बती बौद्ध मंदिर की गोम्पा: स्पीति घाटी में समुद्र तल से 4166 मीटर की ऊंचाई पर की गोम्पा स्थित है. यह लाहौल स्पीति जिले का सबसे पुराना और मशहूर तिब्बती बौद्ध मंदिर है. जो एक पहाड़ी पर बना हुआ है. यह बौद्ध मंदिर 1000 साल से भी अधिक पुराना है और इस बौद्ध मंदिर में बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु अपनी धार्मिक शिक्षा को ग्रहण करते हैं. ऐसे में यह बौद्ध मंदिर भी सैलानियों के लिए स्पीति घाटी में आकर्षण का केंद्र है.

दुनिया के सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस: स्पीति घाटी के हिक्किम में दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस स्थित है. ये दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस है और यहां पर भी सैलानी मात्र ₹30 में अपने किसी भी खास को पोस्टकार्ड भेज सकते हैं. दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

Chicham Bridge in Spiti Valley
चिचम ब्रिज

चिचम ब्रिज सैलानियों के आकर्षण का केंद्र: स्पीति घाटी के चिचम में 14,000 फीट की ऊंचाई पर सांबा लांबा नाले पर बना है एशिया का सबसे ऊंचा ब्रिज. इस ब्रिज को देखने और फोटो खिंचवाने के लिए भी सैलानियों की भीड़ लगी रहती है. सैलानियों के लिए इस ब्रिज को देखना एक अलग ही तरह का एडवेंचर है. ऐसे में स्पीति घाटी आने वाले सैलानी चिचम ब्रिज पर फोटो खींचने का शौक भी पूरा करते हैं.

दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र भी स्पीती घाटी में स्थित है. स्पीति घाटी के ताशीगंग को दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र माना गया है. जो 15,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी यहां पर 52 मतदाताओं ने मतदान किया था और इसे आदर्श मतदान केंद्र भी बनाया गया था. स्पीती घाटी के ताशीगंग गांव को देखने के लिए भी सैलानी यहां का रुख करते हैं.

Spiti Valley
ग्यू गांव के बौद्ध मंदिर में बौद्ध महात्मा की मम्मी

स्पीति घाटी में बौद्ध महात्मा की मम्मी: स्पीति घाटी में ग्यू गांव में एक बौद्ध मंदिर में बौद्ध महात्मा की मम्मी भी सुरक्षित रखी गई है. यह मम्मी भी देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. वैज्ञानिक जांच में बौद्ध महात्मा की यह मम्मी 550 साल पुरानी बताई गई है. ऐसे में इस बौद्ध महात्मा की मम्मी के बाल और नाखून आज भी बढ़ रहे हैं और स्थानीय लोग इस मम्मी को भगवान की तरह पूजते हैं. इस बौद्ध मम्मी के दर्शन के लिए भी सैलानी स्पीति घाटी का रुख करते हैं.

1400 करोड़ से तैयार होगा डबल लेन: लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि ग्रामफू काजा समदो सड़क मार्ग को डबल लाइन बनने के लिए बीआरओ के द्वारा काम किया जा रहा है. इस पर 1400 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है. जल्द ही सैलानी मनाली से कुंजम दर्रा होते हुए काजा पहुंच पाएंगे और यहां पर धार्मिक पर्यटन को भी सरकार के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: बर्फ से लदी हिमाचल की पहाड़ियां, यहां देखिए खूबसूरत नजारों की एक झलक

लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश का जनजातीय जिला लाहौल स्पीति क्षेत्रफल की दृष्टि में राज्य में सबसे बड़ा जिला है. लाहौल स्पीति जिले की स्पीती घाटी अपने खूबसूरत नजारों के लिए जानी जाती है. देश-विदेश के सैलानी स्पीति घाटी की सुंदरता की ओर आकर्षित रहते हैं. स्पीति घाटी शीत मरुस्थल के नाम से भी जानी जाती है.

ट्रैकिंग के शौकीनों की खास पसंद: स्पीति घाटी में कई ऐसे धार्मिक स्थल भी हैं, जो कि देश-विदेश के सैलानियों को हर साल अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इसके अलावा ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए भी स्पीति घाटी खास जगह बनती जा रही है. वहीं, स्पीति घाटी में नेशनल पार्क में घूमते हुए स्नो लेपर्ड भी इसे खास बनाते हैं. सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 40 डिग्री तक पहुंच जाता है, लेकिन उसके बाद भी सर्दियों में स्पीती घाटी को निहारने का शौक सैलानी नहीं छोड़ पाते हैं.

Spiti Valley
स्पीति घाटी

अब काजा पहुंचना होगा आसान: स्पीति घाटी की अगर बात करें तो कुल्लू जिले के पर्यटन नगरी मनाली से अटल टनल होते हुए भी सैलानी यहां का रुख कर सकते हैं. इसके अलावा किन्नौर जिले से होते हुए भी स्पीती घाटी के मुख्यालय काजा तक पहुंचा जा सकता है. ऐसे में सैलानियों को काजा पहुंचने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए अब बीआरओ द्वारा लाहौल घाटी के ग्रामफू से लेकर समदो बॉर्डर तक सड़क को डबल लेन किया जा रहा है. इस सड़क को डबल लेन करने पर 1400 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि यहां पर 120 किलोमीटर काजा का यह सफर 3 से 4 घंटे में पूरा किया जा सके.

ये भी पढ़ें: हाड़ कंपा देने वाली ठंड में रहना मजा या मजबूरी!, -30 तक चला जाता है तापमान, जम चुका है पानी, ये है हिमाचल का 'सफेद रेगिस्तान'

ग्रामफू से 3 घंटे में पहुंचेंगे काजा: ग्रामफू से काजा समदो सड़क मार्ग समुद्र तल से 14,931 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह सड़क मार्ग कुंजुम दर्रा से होकर गुजरता है. सड़क को डबल लेन करने का कार्य भी इसी दर्रे से होकर किया जा रहा है. इससे चीन से लगती सीमा तक सेना को पहुंचने में भी आसानी होगी और सैलानी भी ग्रामफू से मात्र 3 घंटे में काजा पहुंच सकेंगे. यह सड़क करीब 202 किलोमीटर लंबी है, लेकिन जगह-जगह सड़क के कच्चा होने के चलते इस सफर को तय करने में 9 घंटे से भी अधिक का समय लग जाता है.

Spiti Valley
स्पीति घाटी में भारी बर्फबारी

दुर्लभ जीव-जंतुओं से भरा पिन वैली नेशनल पार्क: स्पीति घाटी में पिन वैली नेशनल पार्क स्थित है. जो एडवेंचर का शौक रखने वालों के लिए बेहतर जगह है. यह पार्क समुद्र तल से 11,500 फीट से लेकर 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पर ब्लू शीप, स्नो लेपर्ड, भूरा भालू, कस्तूरी मृग सहित अन्य दुर्लभ जीव जंतु देखने को मिलते हैं. स्नो लेपर्ड स्पीति घाटी में खूब फल फूल रहा है और आए दिन एडवेंचर के शौकीन इसे अपने कैमरे में भी कैद करते हैं. ऐसे में देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए भी यह पार्क खास जगह बनता जा रहा है और सैलानी अपने कैमरे में स्नो लेपर्ड सहित अन्य दुर्लभ जीव जंतुओं को कैद कर रहे हैं.

Chandratal Lake in Spiti Valley
चंद्रताल झील

हिमालय की सबसे खूबसूरत चंद्रताल झील: मनाली के अटल टनल से ग्रामफू होते हुए सैलानियों को स्पीति घाटी में चंद्रताल झील के भी दर्शन होते हैं. यह झील समुद्र तल से 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इसे हिमालय की सबसे खूबसूरत झीलों में गिना जाता है. यह झील अर्थ चंद्राकर की शेप में है, जिसके चलते इसे चंद्रताल का नाम दिया गया है. यहां पर भी गर्मियों के दौरान सैलानी कैंपिंग का मजा लेने आते हैं, लेकिन सर्दियों में बर्फबारी के चलते यहां पर सैलानियों की आवाजाही को बंद कर दिया जाता है. ऐसे में गर्मियों के दौरान यहां पर ट्रैकिंग के शौकीन लोग कैंप लगाकर चंद्रताल झील के दर्शन करते हैं.

हिमालय का अजंता, बौद्ध मंदिर: स्पीति घाटी में ताबो मठ 1000 साल पुराना बौद्ध मंदिर है. जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस मठ को हिमालय के अजंता के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह पूरी तरह से मिट्टी का बना हुआ है और मठ की दीवारों पर आकर्षक भित्ति चित्र और प्राचीन चित्र बने हुए हैं. ताबो बौद्ध मठ सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है और बौद्ध विद्वान भी यहां पर अपने साधना में लीन रहते हैं. 1000 साल पुराने इस बौद्ध मठ को देखने के लिए भी सैलानी स्पीति घाटी का रुख करते हैं.

Langja village of Spiti valley
स्पीति घाटी का लांगजा गांव

स्पीति का लांगजा गांव: स्पीति घाटी के मुख्यालय काजा से लांगजा गांव की दूरी 16 किलोमीटर है और लांगजा गांव स्पीति वैली का बहुत खूबसूरत गांव है. यह गांव समुद्र तल से 14,500 फीट की ऊंचाई पर है. यहां गांव में भगवान बुद्ध की एक विशालकाय मूर्ति लगी हुई है जो दूर से ही नजर आती है. ऐसे में लांगजा गांव में कई प्राचीन मठ और मिट्टी के बने हुए घर हैं, जो सैलानियों को अपनी और आकर्षित करते हैं.

Key Gompa Buddhist Temple in Spiti Valley
की गोम्पा बौद्ध मंदिर

प्रसिद्ध तिब्बती बौद्ध मंदिर की गोम्पा: स्पीति घाटी में समुद्र तल से 4166 मीटर की ऊंचाई पर की गोम्पा स्थित है. यह लाहौल स्पीति जिले का सबसे पुराना और मशहूर तिब्बती बौद्ध मंदिर है. जो एक पहाड़ी पर बना हुआ है. यह बौद्ध मंदिर 1000 साल से भी अधिक पुराना है और इस बौद्ध मंदिर में बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षु अपनी धार्मिक शिक्षा को ग्रहण करते हैं. ऐसे में यह बौद्ध मंदिर भी सैलानियों के लिए स्पीति घाटी में आकर्षण का केंद्र है.

दुनिया के सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस: स्पीति घाटी के हिक्किम में दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस स्थित है. ये दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस है और यहां पर भी सैलानी मात्र ₹30 में अपने किसी भी खास को पोस्टकार्ड भेज सकते हैं. दुनिया का सबसे ऊंचा पोस्ट ऑफिस भी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है.

Chicham Bridge in Spiti Valley
चिचम ब्रिज

चिचम ब्रिज सैलानियों के आकर्षण का केंद्र: स्पीति घाटी के चिचम में 14,000 फीट की ऊंचाई पर सांबा लांबा नाले पर बना है एशिया का सबसे ऊंचा ब्रिज. इस ब्रिज को देखने और फोटो खिंचवाने के लिए भी सैलानियों की भीड़ लगी रहती है. सैलानियों के लिए इस ब्रिज को देखना एक अलग ही तरह का एडवेंचर है. ऐसे में स्पीति घाटी आने वाले सैलानी चिचम ब्रिज पर फोटो खींचने का शौक भी पूरा करते हैं.

दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र भी स्पीती घाटी में स्थित है. स्पीति घाटी के ताशीगंग को दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र माना गया है. जो 15,256 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी यहां पर 52 मतदाताओं ने मतदान किया था और इसे आदर्श मतदान केंद्र भी बनाया गया था. स्पीती घाटी के ताशीगंग गांव को देखने के लिए भी सैलानी यहां का रुख करते हैं.

Spiti Valley
ग्यू गांव के बौद्ध मंदिर में बौद्ध महात्मा की मम्मी

स्पीति घाटी में बौद्ध महात्मा की मम्मी: स्पीति घाटी में ग्यू गांव में एक बौद्ध मंदिर में बौद्ध महात्मा की मम्मी भी सुरक्षित रखी गई है. यह मम्मी भी देश-विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. वैज्ञानिक जांच में बौद्ध महात्मा की यह मम्मी 550 साल पुरानी बताई गई है. ऐसे में इस बौद्ध महात्मा की मम्मी के बाल और नाखून आज भी बढ़ रहे हैं और स्थानीय लोग इस मम्मी को भगवान की तरह पूजते हैं. इस बौद्ध मम्मी के दर्शन के लिए भी सैलानी स्पीति घाटी का रुख करते हैं.

1400 करोड़ से तैयार होगा डबल लेन: लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि ग्रामफू काजा समदो सड़क मार्ग को डबल लाइन बनने के लिए बीआरओ के द्वारा काम किया जा रहा है. इस पर 1400 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है. जल्द ही सैलानी मनाली से कुंजम दर्रा होते हुए काजा पहुंच पाएंगे और यहां पर धार्मिक पर्यटन को भी सरकार के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है.

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Last Updated : Dec 20, 2023, 9:31 AM IST
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