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लाहौल-स्पीति की समृद्ध संस्कृति से प्रभावित हुए राज्यपाल आर्लेकर, बोले- हर जिले का दौरा कर लोगों से मिलेंगे

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर लाहौल-स्पीति के दौरे पर रहे. राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि यहां आकर उन्हें लगा कि हिमाचल सही मायनों में सुदूर क्षेत्रों में बसता है. वह कोशिश करेंगे कि राज्य के हर जिले का दौरा कर लोगों से मिलें. हिमाचल की संस्कृति को नजदीक से समझने के साथ-साथ इस तरह वह लोगों की समस्याओं को भी जान सकेंगे.

काजा पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
काजा पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
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Published : Aug 27, 2021, 5:26 PM IST

लाहौल स्पीति: जिला लाहौल स्पीति के काजा दौरे पर पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Himachal Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने कहा कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति, परम्पराएं और रीति-रिवाज समृद्ध है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि यहां के लोगों ने अपनी इस पहचान को कायम रखा है. उन्होंने कहा कि वह यहां की संस्कृति से प्रभावित हुए हैं. राज्यपाल लाहौल-स्पीति के काजा में उनके सम्मान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे.

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि यहां आकर उन्हें लगा कि हिमाचल सही मायनों में सुदूर क्षेत्रों में बसता है. वह कोशिश करेंगे कि राज्य के हर जिले का दौरा कर लोगों से मिलें. हिमाचल की संस्कृति को नजदीक से समझने के साथ-साथ इस तरह वह लोगों की समस्याओं को भी जान सकेंगे. उन्होंने कहा कि यहां उनसे मिले लाहौलवासियों ने भी अपनी कुछ समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया है और वह उन्हें दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
काजा पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. दुनिया को आकर्षित करते पहाड़ और बौद्ध संस्कृति और स्वच्छ वातावरण सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां नियोजित पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से रोजगार भी बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी. राज्यपाल ने इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य का आनंद लिया. वहीं, लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर भी इस दौरान उपस्थित थीं.

इससे पूर्व एडीएम मोहन दत्त ने राज्यपाल और लेडी गवर्नर को पारंपरिक वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया. वहीं, राज्यपाल ने स्थानीय प्रशासन के साथ भी बैठक कर प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं हमारे जनजातीय क्षेत्रों के लिए कार्यान्वित की हैं, जिनका लाभ पात्र लोगों तक पहुंचना चाहिए. राज्यपाल ने लांगचा, कौमिक और हिक्किम गांवों का भी दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की.

काजा में सांस्कृतिक कार्यक्रम
काजा में सांस्कृतिक कार्यक्रम

राज्यपाल ने लांगचा में छेरिंग डोलमा और गटूक छोड़न को गृहिणी सुविधा के तहत गैस कनेक्शन और चूल्हा वितरित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओें को खाना पकाने के चुल्हे के धुएं से छुटकारा दिलाने और पर्यावरण संरक्षण में हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गत तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य में इस योजना के तहत 2.85 लाख महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए हैं और इसी का परिणाम है कि दिसम्बर 2019 में हिमाचल प्रदेश को चूल्हा धुआं मुक्त राज्य घोषित किया गया. उन्होंने कहा कि हिमाचल इस प्रकार की उपलब्धि प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य है. उन्होंने लोगों से इस सुविधा का लाभ लेने की अपील की. वहीं, राज्यपाल ने ताबो और की-गोम्पा का दौरा भी किया.

ये भी पढ़ें- पर्यटकों की पसंद बनते जा रहे हैं पत्थर-लकड़ी के बने भवन, पर्यावरण सरंक्षण में भी दे रहे योगदान

लाहौल स्पीति: जिला लाहौल स्पीति के काजा दौरे पर पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Himachal Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने कहा कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति, परम्पराएं और रीति-रिवाज समृद्ध है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि यहां के लोगों ने अपनी इस पहचान को कायम रखा है. उन्होंने कहा कि वह यहां की संस्कृति से प्रभावित हुए हैं. राज्यपाल लाहौल-स्पीति के काजा में उनके सम्मान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अवसर पर बोल रहे थे.

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि यहां आकर उन्हें लगा कि हिमाचल सही मायनों में सुदूर क्षेत्रों में बसता है. वह कोशिश करेंगे कि राज्य के हर जिले का दौरा कर लोगों से मिलें. हिमाचल की संस्कृति को नजदीक से समझने के साथ-साथ इस तरह वह लोगों की समस्याओं को भी जान सकेंगे. उन्होंने कहा कि यहां उनसे मिले लाहौलवासियों ने भी अपनी कुछ समस्याओं से उन्हें अवगत करवाया है और वह उन्हें दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
काजा पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. दुनिया को आकर्षित करते पहाड़ और बौद्ध संस्कृति और स्वच्छ वातावरण सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां नियोजित पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलने से रोजगार भी बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी. राज्यपाल ने इस अवसर पर स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य का आनंद लिया. वहीं, लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर भी इस दौरान उपस्थित थीं.

इससे पूर्व एडीएम मोहन दत्त ने राज्यपाल और लेडी गवर्नर को पारंपरिक वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया. वहीं, राज्यपाल ने स्थानीय प्रशासन के साथ भी बैठक कर प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं हमारे जनजातीय क्षेत्रों के लिए कार्यान्वित की हैं, जिनका लाभ पात्र लोगों तक पहुंचना चाहिए. राज्यपाल ने लांगचा, कौमिक और हिक्किम गांवों का भी दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की.

काजा में सांस्कृतिक कार्यक्रम
काजा में सांस्कृतिक कार्यक्रम

राज्यपाल ने लांगचा में छेरिंग डोलमा और गटूक छोड़न को गृहिणी सुविधा के तहत गैस कनेक्शन और चूल्हा वितरित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओें को खाना पकाने के चुल्हे के धुएं से छुटकारा दिलाने और पर्यावरण संरक्षण में हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गत तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य में इस योजना के तहत 2.85 लाख महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए हैं और इसी का परिणाम है कि दिसम्बर 2019 में हिमाचल प्रदेश को चूल्हा धुआं मुक्त राज्य घोषित किया गया. उन्होंने कहा कि हिमाचल इस प्रकार की उपलब्धि प्राप्त करने वाला देश का पहला राज्य है. उन्होंने लोगों से इस सुविधा का लाभ लेने की अपील की. वहीं, राज्यपाल ने ताबो और की-गोम्पा का दौरा भी किया.

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