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Wild Garlic in Lahaul: लाहौल में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, 13 किलो जंगली लहसुन के साथ 5 गिरफ्तार - फ्रिटिलारिया सिरोसा

लाहौल के जंगल औषधीय पौधों और जैव विविधताओं से भरपूर हैं. ऐसे में यहां से किसी भी औषधीय पौधे या कोई जड़ी बूटी लेने से पहले वन मंडल लाहौल से परमिशन लेनी पड़ती है, उल्लंघन करने पर इंडियन फॉरेस्ट एक्ट द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. लाहौल में 13 किलो जंगली लहसुन के साथ 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. (Wild Garlic in Lahaul Forest)

Wild Garlic in Lahaul Forest.
लाहौल में जंगली लहसुन के साथ 5 आरोपी गिरफ्तार.
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Published : Jul 20, 2023, 3:22 PM IST

लाहौल-स्पीति: जिला लाहौल स्पीति में वन विभाग ने जंगली जड़ी बूटी (फ्रिटिलारिया सिरोसा) की अवैध तस्करी पर बड़ी कार्रवाई की है. मिली जानकारी के अनुसार लाहौल में वन विभाग के अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 किलो जंगली लहसुन के साथ 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, वन विभाग द्वारा आगामी तफ्तीश कर कार्रवाई की जाएगी.

13 किलो जंगली लहसुन बरामद: वन मंडल अधिकारी लाहौल अनिकेत बानवे ने जानकारी देते हुए बताया कि लाहौल वन मंडल के तिंदी रेंज की एक वन गश्ती टीम ने अपने नियमित गश्त के दौरान अवैध रूप से निकाले गए जंगली लहसुन (फ्रिटिलारिया सिरोसा) के साथ 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. वन मंडल अधिकारी ने बताया कि गश्ती दल ने 13 किलोग्राम ताजा जंगली लहसुन बरामद किया है.

फॉरेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज: वन मंडल ने बताया कि व्यक्तियों की पहचान हसन, लतीफ, प्यारदीन, हाशम, हामिद के तौर पर हुई है. सभी आरोपी चंबा जिले के निवासी हैं. वन मंडल अधिकारी लाहौल अनिकेत बानवे ने बताया कि इस मामले में इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 की धारा 68 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसमें पहली बार पकड़े जाने पर 30 हजार का जुर्माना किया गया है.

'औषधीय पौधों को निकालने के लिए परमिशन जरूरी': वन मंडल अधिकारी लाहौल अनिकेत बानवे ने बताया की लाहौल के जंगल इसकी जैव विविधता और विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों से भरपूर हैं. वन क्षेत्र के अधिकार धारकों को ही इन औषधीय पौधों को निकालने की अनुमति है. लाहौल के जंगलों में कर्मचारी लगातार अवैध कटाई और जंगलों से जड़ी बूटियों की अवैध तस्करी पर नजर बनाए हुए हैं. जैव विविधता से समृद्ध वनों के स्थायी प्रबंधन के लिए कानून के तहत सूचीबद्ध प्रजातियों को ही इन जड़ी बूटियों को निकालने और एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने की परमिशन जरूरी है.

इन इलाकों में पाया जाता है जंगली लहसुन: जंगली लहसुन पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. यह एक औषधीय पौधा है. वहीं, इसके खनन पर भी वन विभाग के द्वारा रोक लगाई गई है. वन विभाग के द्वारा ही इसके खनन की अनुमति स्थानीय लोगों को दी जाती है. जंगली लहसुन बाजार में 5000 से ₹10000 प्रति किलो तक बिकता है. कई आयुर्वेदिक औषधियों में इसका प्रयोग किया जाता है. दिल की बीमारी, जोड़ों का दर्द, शरीर में सूजन सहित कई अन्य बीमारियों में जंगली लहसुन का उपयोग किया जाता है. हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल स्पीति, जिला कुल्लू की पहाड़ियों, जिला चंबा और मंडी के ऊंचाई वाले इलाकों में यह जंगली लहसुन पाया जाता है.

यह भी पढे़ं: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में 3 किलो 84 ग्राम अफीम के साथ आरोपी गिरफ्तार

लाहौल-स्पीति: जिला लाहौल स्पीति में वन विभाग ने जंगली जड़ी बूटी (फ्रिटिलारिया सिरोसा) की अवैध तस्करी पर बड़ी कार्रवाई की है. मिली जानकारी के अनुसार लाहौल में वन विभाग के अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 किलो जंगली लहसुन के साथ 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, वन विभाग द्वारा आगामी तफ्तीश कर कार्रवाई की जाएगी.

13 किलो जंगली लहसुन बरामद: वन मंडल अधिकारी लाहौल अनिकेत बानवे ने जानकारी देते हुए बताया कि लाहौल वन मंडल के तिंदी रेंज की एक वन गश्ती टीम ने अपने नियमित गश्त के दौरान अवैध रूप से निकाले गए जंगली लहसुन (फ्रिटिलारिया सिरोसा) के साथ 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. वन मंडल अधिकारी ने बताया कि गश्ती दल ने 13 किलोग्राम ताजा जंगली लहसुन बरामद किया है.

फॉरेस्ट एक्ट के तहत मामला दर्ज: वन मंडल ने बताया कि व्यक्तियों की पहचान हसन, लतीफ, प्यारदीन, हाशम, हामिद के तौर पर हुई है. सभी आरोपी चंबा जिले के निवासी हैं. वन मंडल अधिकारी लाहौल अनिकेत बानवे ने बताया कि इस मामले में इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 की धारा 68 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसमें पहली बार पकड़े जाने पर 30 हजार का जुर्माना किया गया है.

'औषधीय पौधों को निकालने के लिए परमिशन जरूरी': वन मंडल अधिकारी लाहौल अनिकेत बानवे ने बताया की लाहौल के जंगल इसकी जैव विविधता और विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों से भरपूर हैं. वन क्षेत्र के अधिकार धारकों को ही इन औषधीय पौधों को निकालने की अनुमति है. लाहौल के जंगलों में कर्मचारी लगातार अवैध कटाई और जंगलों से जड़ी बूटियों की अवैध तस्करी पर नजर बनाए हुए हैं. जैव विविधता से समृद्ध वनों के स्थायी प्रबंधन के लिए कानून के तहत सूचीबद्ध प्रजातियों को ही इन जड़ी बूटियों को निकालने और एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने की परमिशन जरूरी है.

इन इलाकों में पाया जाता है जंगली लहसुन: जंगली लहसुन पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है. यह एक औषधीय पौधा है. वहीं, इसके खनन पर भी वन विभाग के द्वारा रोक लगाई गई है. वन विभाग के द्वारा ही इसके खनन की अनुमति स्थानीय लोगों को दी जाती है. जंगली लहसुन बाजार में 5000 से ₹10000 प्रति किलो तक बिकता है. कई आयुर्वेदिक औषधियों में इसका प्रयोग किया जाता है. दिल की बीमारी, जोड़ों का दर्द, शरीर में सूजन सहित कई अन्य बीमारियों में जंगली लहसुन का उपयोग किया जाता है. हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल स्पीति, जिला कुल्लू की पहाड़ियों, जिला चंबा और मंडी के ऊंचाई वाले इलाकों में यह जंगली लहसुन पाया जाता है.

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