लाहौल स्पीति: मौसम साफ होने का बाद लाहौल स्पीति जिले में जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है. बीआरओ भी लगातार घाटी की खराब पड़ी सड़कों की हालत को सुधारने में जुटा हुआ है. नालों का उफनता पानी बीआरओ के काम में परेशानी पैदा कर रहा है, लेकिन अधिकतर सड़कों पर बीआरओ ने वैकल्पिक व्यवस्था भी कर ली है.
लाहौल घाटी के शांशा और जाहलमा नाले ने बीआरओ की सबसे अधिक मुश्किलें बढ़ाई हैं. दोनों ही नालों पर पुलों के बह जाने के चलते शांशा नाले पर बीआरओ ने एक फुटब्रिज तैयार किया है, जहां से लोग इधर-उधर गुजर रहे हैं. वहीं, जाहलमा पुल पर झूला पुल ही अभी तक लोगों का सहारा बना हुआ है. बीआरओ के युद्धस्तर पर काम करने से शांशा में पैदल पुलिया बनने से किसानों को सबसे अधिक राहत मिली है.
पुलिया बनने के बाद खराब हो रही मटर और गोभी की फसल अब सब्जी मंडियों में भेजी जा रही हैं. जाहलमा नाले सहित शांशा से कीर्तिंग के बीच सब्जी की पेटियों को कंधे में उठाकर आगे भेजा जा रहा है. बीआरओ के तांदी किलाड़ संसारी मार्ग पर चार पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. जाहलमा में बीआरओ नए सिरे से पुल का निर्माण करेगा.
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर (BRO Commander Uma Shankar) का कहना है बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया है. चार पुलों के साथ साथ कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें बह गई हैं. हालात को सामान्य बनाने के लिए बीआरओ युद्धस्तर पर काम में जुटा हुआ है. शांशा नाले का पानी मोड़कर पुल को बाहन योग्य बनाया जा रहा है. जाहलमा में भी नए पुल का कार्य शुरू है. थिरोट पुल की हालत सुधार ली है, जबकि मड़ग्रा पुल का कार्य भी प्रगति पर है.
वहीं, तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा (Technical Education Minister Dr. Ramlal Markanda) भी लगातार उदयपुर उपमंडल का निरीक्षण कर रहे हैं और ग्रामीणों के साथ ही मुलाकात कर रहे हैं. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ रामलाल मारकंडा ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही सभी संपर्क मार्गों को भी दुरुस्त किया जाएगा और पैदल पुल व झूला पुल के माध्यम से भी सब्जियों को बाहर निकाला जाएगा. ताकि लाहौल के किसानों की आर्थिकी का मुख्य स्त्रोत भी बचा रह सके.
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