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काजा में लगे हिमाचल सरकार व कृषि मंत्री मुर्दाबाद के नारे, BRO के मजदूरों ने खोला मोर्चा - PWD

बीआरओ ने अब ग्रांफू-सुमदो सड़क की बहाली का कार्य रोक दिया है. बीआरओ के मजदूर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए काजा में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

BRO labour kaza
काजा में हिमाचल सरकार व कृषि मंत्री के खिलाफ लगे मुर्दाबाद नारे
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Published : Jun 6, 2020, 10:35 PM IST

मनाली/लाहौल स्पीति: सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण भारत तिब्बत मार्ग ग्रांफू-सुमदो सड़क को लेकर चल रहा विवाद नहीं थम रहा है. एक तरफ जहां बीआरओ ने अब ग्रांफू-सुमदो सड़क की बहाली का कार्य रोक दिया है. वहीं, दूसरी तरफ शनिवार को बीआरओ के मजदूर भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए काजा में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

ऐसे में ग्रांफू-सुमदो सड़क पर लाहौल स्पीति में सियासी पारा भी चढने लगा है. एक तरफ स्पीति के स्थानीय लोगों ने सरकार द्वारा जारी की गई ग्रांफू-सुमदो सड़क को पीडब्ल्यूडी के हवाले करने की अधिसूचना का विरोध किया है. अब बीआरओ के मजदूरों की लेबर कमेटी के सदस्यों ने भी इसके विरोध में शनिवार से एडीसी काजा के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

भूख हड़ताल पर बैठने से पहले मजदूरों ने फॉरेस्ट कॉलनी से लेकर एसडीएम ऑफिस तक प्रदेश सरकार के खिलाफ व कृषि मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगा कर धरना प्रदर्शन किया.

बीआरओ की लेबर कमेटी के सदस्यों ने कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जब तक ग्रांफू-सुमदो सड़क को बीआरओ के पास ही रखने की अधिसूचना सरकार जारी नहीं करती है, तब तक लेबर कमेटी का आंदोलन नहीं रुकेगा. कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि वह सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि नई अधिसूचना को रद्द किया जाए और बीआरओ के अधीन काम कर रहे मजदूरों से उनका रोजगार न छीना जाए.

स्पीति प्रशासन के माध्यम से लेबर कमेटी ने हाल ही एक ज्ञापन सौंप सरकार से यह आग्रह किया था कि शाम तक अगर उनकी मांग को नहीं माना गया, तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे. ऐसे में शनिवार को स्पीति में जहां मजदूरों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, वहीं कमेटी के सदस्य एडीसी काजा के कार्यालय के बाहर भी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

मजदूरों का कहना है कि ग्रांफू-सुमदो सड़क जहां सेना के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, वहीं स्पीति के पर्यटन कारोबार में ही यह सड़क अहम भूमिका अदा करती है.

यही नहीं वर्ष 2014 से ही इस सड़क की देखरेख जहां बीआरओ कर रहा है, वहीं, अब अचानक सड़क पीडब्ल्यूडी को सौंपने का निर्णय समझ से परे है. मजदूरों ने दो टूक शब्दों में सरकार को यह चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग को नहीं माना गया, तो स्पीति में स्थानीय लोगों के साथ मिल आंदोलन को बड़े पैमाने पर किया जाएगा.

उधर, लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि स्पीति में जहां ग्रांफू सुमदो सड़क के मसले पर लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं. कांग्रेस भी लोगों व मजदूरों की मांग का समर्थन करती है.

वर्तमान समय में चीन के साथ जो तनाव सीमा पर बना हुए हैं वह किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में इन हालातों के बीच ग्रांफू-सुमदो सड़क की भूमिका भी अहम है. रवि ठाकुर ने कहा कि यह सड़क जहां तिब्बत के साथ सटी हिमाचल की सीमा तक जाती है. इस सड़क की देख-रेख का जिम्मा अब पीडब्ल्यूडी को देने की अधिसूचना जारी करना तर्क संगत नहीं है. लाहौल-स्पीति कांग्रेस भी सरकार से यह मांग करती है कि ग्रांफू-सुमदो सड़क को बीआरओ के पास ही रखा जाए.

पढ़ें: जानिए सुंदरनगर के गुलेरिया ब्रदर्स की कहानी, जैविक खेती के प्रति किसानों को कर रहे जागरुक

मनाली/लाहौल स्पीति: सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण भारत तिब्बत मार्ग ग्रांफू-सुमदो सड़क को लेकर चल रहा विवाद नहीं थम रहा है. एक तरफ जहां बीआरओ ने अब ग्रांफू-सुमदो सड़क की बहाली का कार्य रोक दिया है. वहीं, दूसरी तरफ शनिवार को बीआरओ के मजदूर भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए काजा में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

ऐसे में ग्रांफू-सुमदो सड़क पर लाहौल स्पीति में सियासी पारा भी चढने लगा है. एक तरफ स्पीति के स्थानीय लोगों ने सरकार द्वारा जारी की गई ग्रांफू-सुमदो सड़क को पीडब्ल्यूडी के हवाले करने की अधिसूचना का विरोध किया है. अब बीआरओ के मजदूरों की लेबर कमेटी के सदस्यों ने भी इसके विरोध में शनिवार से एडीसी काजा के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

भूख हड़ताल पर बैठने से पहले मजदूरों ने फॉरेस्ट कॉलनी से लेकर एसडीएम ऑफिस तक प्रदेश सरकार के खिलाफ व कृषि मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगा कर धरना प्रदर्शन किया.

बीआरओ की लेबर कमेटी के सदस्यों ने कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जब तक ग्रांफू-सुमदो सड़क को बीआरओ के पास ही रखने की अधिसूचना सरकार जारी नहीं करती है, तब तक लेबर कमेटी का आंदोलन नहीं रुकेगा. कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि वह सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि नई अधिसूचना को रद्द किया जाए और बीआरओ के अधीन काम कर रहे मजदूरों से उनका रोजगार न छीना जाए.

स्पीति प्रशासन के माध्यम से लेबर कमेटी ने हाल ही एक ज्ञापन सौंप सरकार से यह आग्रह किया था कि शाम तक अगर उनकी मांग को नहीं माना गया, तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे. ऐसे में शनिवार को स्पीति में जहां मजदूरों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, वहीं कमेटी के सदस्य एडीसी काजा के कार्यालय के बाहर भी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

मजदूरों का कहना है कि ग्रांफू-सुमदो सड़क जहां सेना के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, वहीं स्पीति के पर्यटन कारोबार में ही यह सड़क अहम भूमिका अदा करती है.

यही नहीं वर्ष 2014 से ही इस सड़क की देखरेख जहां बीआरओ कर रहा है, वहीं, अब अचानक सड़क पीडब्ल्यूडी को सौंपने का निर्णय समझ से परे है. मजदूरों ने दो टूक शब्दों में सरकार को यह चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग को नहीं माना गया, तो स्पीति में स्थानीय लोगों के साथ मिल आंदोलन को बड़े पैमाने पर किया जाएगा.

उधर, लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि स्पीति में जहां ग्रांफू सुमदो सड़क के मसले पर लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं. कांग्रेस भी लोगों व मजदूरों की मांग का समर्थन करती है.

वर्तमान समय में चीन के साथ जो तनाव सीमा पर बना हुए हैं वह किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में इन हालातों के बीच ग्रांफू-सुमदो सड़क की भूमिका भी अहम है. रवि ठाकुर ने कहा कि यह सड़क जहां तिब्बत के साथ सटी हिमाचल की सीमा तक जाती है. इस सड़क की देख-रेख का जिम्मा अब पीडब्ल्यूडी को देने की अधिसूचना जारी करना तर्क संगत नहीं है. लाहौल-स्पीति कांग्रेस भी सरकार से यह मांग करती है कि ग्रांफू-सुमदो सड़क को बीआरओ के पास ही रखा जाए.

पढ़ें: जानिए सुंदरनगर के गुलेरिया ब्रदर्स की कहानी, जैविक खेती के प्रति किसानों को कर रहे जागरुक

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