लाहौल स्पीति: जिला लाहौल स्पीति में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी से पूरे इलाके में 2 से 3 फीट बर्फ की चादर बिछ गई है. हालांकि पिछले दो तीन दिनों से घाटी में मौसम साफ है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. यहां पर बिजली व्यवस्था व पेयजल व्यवस्था ग्रामीणों के लिए चुनौती बनी हुई है. लाहौल स्पीति के मयाड़ घाटी के आखिरी गांव भुजंड में भी पहाड़ियों पर भारी हिमस्खलन हुआ है. जिसके चलते गांव का एकमात्र प्राकृतिक पेयजल स्रोत भी उसकी चपेट में आ गया है.
पेयजल स्रोत के बर्फ के नीचे दबने के चलते ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब ग्रामीण ही मिलकर पेयजल स्रोत की बहाली में जुट गए हैं. भुजंड गांव के ग्रामीणों का कहना है कि शनिवार को सभी ग्रामीण जान हथेली पर रख कर ऊंची पहाड़ी पर पहुंचे हैं. हालांकि यहां पर हिमस्खलन काफी अधिक हुआ है. ऐसे में यहां पहुंचना भी ग्रामीणों के लिए काफी जोखिम भरा था. लेकिन ग्रामीण यहां पर पहुंचे हैं और अब अपने स्तर पर यह प्राकृतिक पेयजल स्रोत को बहाल करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि पानी न होने के चलते उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और करीब 5 किलोमीटर दूर पैदल चलकर उन्हें अपने लिए व पशुओं के लिए पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है.
ऐसे में लाहौल घाटी में बर्फबारी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. लाहौल स्पीति के डीसी सुमित खिमटा का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को परेशानी न हो इसके लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी लगातार कार्य कर रहे हैं. बिजली व्यवस्था को सुधार दिया गया है और लोक निर्माण विभाग की टीम भी सड़कों को बहाल करने में जुटी हुई है.
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