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श्रम कानूनों में बदलाव के विरोध में उतरे मजदूर, केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

ढालपुर में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियन के समन्वय समिति की ओर से एक रोष प्रदर्शन का आयोजन किया गया व डीसी कुल्लू के कार्यालय के बाहर धरना दिया गया. संयुक्त संघर्ष समिति ने धरना के माध्यम से केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर जल्द ही इन फैसलों को नहीं बदला गया तो देशभर में व्यापक रूप से आंदोलन किए जाएंगे.

मजदूरों का विरोध
मजदूरों का विरोध
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Published : Sep 23, 2020, 4:53 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 5:03 PM IST

कुल्लू: केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर देशभर में मजदूरों की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. कुल्लू के ढालपुर में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियन के समन्वय समिति की ओर से एक रोष प्रदर्शन का आयोजन किया गया व डीसी कुल्लू कार्यालय के बाहर धरना दिया गया.

संयुक्त समन्वय समिति के संयोजक राजेश ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में किए गए बदलाव से भारत व हिमाचल प्रदेश के करोड़ों मजदूरों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इससे देश के लगभग 73% मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट.

राजेश ठाकुर ने कहा कि ठेकेदार व मजदूर कानून बदलाव से करोड़ों मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा खत्म हो जाएगी और मजदूरों की स्थिति बंधुआ मजदूरों की तरह हो जाएगी. वहीं, 8 से 12 काम के घंटे होने से भी मजदूरों का शोषण बढ़ेगा और एक तिहाई मजदूर रोजगार से वंचित हो जाएंगे. श्रम कानूनों में बदलाव पूंजीपतियों व ठेकेदारों के फायदे के लिए है, जिससे मजदूरों का शोषण बढ़ेगा.

राजेश ठाकुर का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से बैंक, बीमा रेलवे, कोयला, रक्षा क्षेत्र सहित सार्वजनिक क्षेत्रों को एक-एक करके बेचा जा रहा है, जो बेहद चिंता का विषय है. सरकार ने 50 साल की आयु पूरी करने और 30 साल का कार्यकाल पूरा करने पर नियमित सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट का फरमान भी जारी किया है, जो चिंतनीय है.

वहीं, नियमित सरकारी कर्मचारियों की जगह ठेके पर अनुबंध पार्ट टाइम तरीकों से भर्तियां की जा रही है, जिससे नियमित रोजगार पर भी खासा प्रभाव पड़ रहा है. वहीं, संयुक्त संघर्ष समिति ने धरना के माध्यम से केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर जल्द ही इन फैसलों को नहीं बदला गया तो देशभर में व्यापक रूप से आंदोलन किए जाएंगे.

पढ़ें: आंगनबाड़ी केंद्र तलाई पुगारा में कार्यक्रम आयोजित

कुल्लू: केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर देशभर में मजदूरों की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. कुल्लू के ढालपुर में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियन के समन्वय समिति की ओर से एक रोष प्रदर्शन का आयोजन किया गया व डीसी कुल्लू कार्यालय के बाहर धरना दिया गया.

संयुक्त समन्वय समिति के संयोजक राजेश ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में किए गए बदलाव से भारत व हिमाचल प्रदेश के करोड़ों मजदूरों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. इससे देश के लगभग 73% मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट.

राजेश ठाकुर ने कहा कि ठेकेदार व मजदूर कानून बदलाव से करोड़ों मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा खत्म हो जाएगी और मजदूरों की स्थिति बंधुआ मजदूरों की तरह हो जाएगी. वहीं, 8 से 12 काम के घंटे होने से भी मजदूरों का शोषण बढ़ेगा और एक तिहाई मजदूर रोजगार से वंचित हो जाएंगे. श्रम कानूनों में बदलाव पूंजीपतियों व ठेकेदारों के फायदे के लिए है, जिससे मजदूरों का शोषण बढ़ेगा.

राजेश ठाकुर का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से बैंक, बीमा रेलवे, कोयला, रक्षा क्षेत्र सहित सार्वजनिक क्षेत्रों को एक-एक करके बेचा जा रहा है, जो बेहद चिंता का विषय है. सरकार ने 50 साल की आयु पूरी करने और 30 साल का कार्यकाल पूरा करने पर नियमित सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट का फरमान भी जारी किया है, जो चिंतनीय है.

वहीं, नियमित सरकारी कर्मचारियों की जगह ठेके पर अनुबंध पार्ट टाइम तरीकों से भर्तियां की जा रही है, जिससे नियमित रोजगार पर भी खासा प्रभाव पड़ रहा है. वहीं, संयुक्त संघर्ष समिति ने धरना के माध्यम से केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर जल्द ही इन फैसलों को नहीं बदला गया तो देशभर में व्यापक रूप से आंदोलन किए जाएंगे.

पढ़ें: आंगनबाड़ी केंद्र तलाई पुगारा में कार्यक्रम आयोजित

Last Updated : Sep 23, 2020, 5:03 PM IST
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