कुल्लू: शुक्रवार 3 नवंबर को शुक्र की चाल बदलने वाली है जिसका असर सभी राशि के जातकों पर पड़ने वाला है. आचार्य पुष्पराज की मानें तो शुक्र ग्रह का गोचर कन्या राशि में होने वाला है. जिससे कुछ राशि के जातकों को परेशानी उठानी पड़ेगी तो कुछ पर माता लक्ष्मी और भगवान शिव की कृपा बरसेगी और उनके बिगड़े हुए काम बनेंगे. शुक्र का राशि परिवर्तन 5 राशियों के लिए मुश्किल समय लेकर आ सकता है लेकिन शुक्र से शुभ फल पाने के लिए कुछ उपाय करने होंगे.
आचार्य पुष्पराज बताते हैं कि सौंदर्य और विलासिता के स्वामी कहे जाने वाले दैत्य गुरु शुक्र भी का भी राशि परिवर्तन होने वाला है. शुक्र ग्रह 3 नवंबर को सुबह 4:58 बजे कन्या राशि में गोचर करेंगे. कन्या राशि में गोचर होने पर कुछ राशि के जातकों को दिक्कतें भी उठानी होगी. कन्या राशि में शुक्र को नीच का माना गया है. ऐसे में शुक्र के कन्या राशि में प्रवेश करने से व्यक्ति के जीवन में कई परेशानी भी बढ़ जाती है. कुछ राशियां ऐसी हैं जिन पर शुक्र का कन्या राशि में गोचर होना उनके जीवन में काफी हलचल लाएगा.
मेष- जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें घर के स्वामी है और वह छठे घर में गोचर करेंगे. कमजोर शुक्र जीवनसाथी के साथ रिश्तों को प्रभावित करेंगे और दोनों के बीच झगड़ा भी हो सकता है. वहीं इस गोचर के दौरान कार्य क्षेत्र में चुनौतियां और काम का अधिक बोझ उठाना पड़ सकता है. शुक्र के कन्या राशि में गोचर होने के चलते मेष राशि के जातकों के आनंद में कमी देखने को मिलेगी. इसके अलावा सहकर्मी के साथ-साथ रिश्तो में भी कुछ समस्या आ सकती है. वहीं नौकरी में भी बदलाव की आशंका नजर आएगी. अगर कोई जातक व्यापार कर रहा है, तो उसे कम मुनाफा मिलेगा और धन हानि की भी आशंका है. साझेदारी में कोई व्यवसाय कर रहे हैं तो उसमें भी चीज बेहतर नहीं होगी.
वृषभ- जातकों के लिए शुक्र लग्न का स्वामी तथा छठे भाव का स्वामी नीच अवस्था में पांचवें भाव में गोचर करने जा रहा हैं. इस राशि के जो जातक अगर किसी रिश्ते में हैं तो उनके लिए परेशानियां खड़ी होंगी. रोमांटिक रिश्तो के लिए समय बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है. कार्य क्षेत्र में भी जातक को अपने वरिष्ठ से बढ़ते दबाव का सामना करना होगा. वहीं जातक को अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना होगा. शुक्र गोचर के दौरान व्यापार में भी हानि उठानी पड़ेगी. जिसे संभाल पाना जातक के लिए थोड़ा मुश्किल होगा. इसके अलावा कारोबार में कई तरह के उतार-चढ़ाव भी देखने को मिलेंगे.
सिंह- जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और अपनी नीच अवस्था में दूसरे घर में गोचर कर रहा है. शुक्र के गोचर के चलते रिश्तो में परेशानी और टकराव की स्थिति बनेगी. इसके अलावा जीवनसाथी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भी संतुलन बनाने में कठिनाई साबित होगी. इस गोचर के दौरान कार्य क्षेत्र में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा और नौकरी में भी बदलाव हो सकता है. अगर जातक कोई व्यापार करता है तो परिणाम स्वरुप उसे कोई बड़ा लाभ नहीं होगा. बल्कि मुनाफे में भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है.
कुंभ- शुक्र चौथे और नवम भाव का स्वामी है और गोचर के दौरान आठवें भाव में स्थित होगा. जिसके चलते जातक का रिश्ता और प्रतिष्ठा दोनों खराब होने की आशंका है. कार्यस्थल पर भी काम का बोझ अधिक होगा और सहकर्मियों से भी परेशानियों का सामना करना होगा. वहीं जातक अगर किसी व्यवसाय से जुड़ा हुआ है तो उसे अच्छे सफलता नहीं मिलेंगे इसके अलावा नए कार्य के लिए भी उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना होगा.
मीन- जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें घर का स्वामी है इसलिए मीन राशि के लिए यह एक अशुभ ग्रह भी माना गया है. शुक्र अपनी नीच अवस्था में सातवें भाव में गोचर करने जा रहा है. जिसके चलते मीन राशि के जातकों के वैवाहिक जीवन में कुछ अशुभ संकेत भी आएंगे. जीवनसाथी के साथ रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है और यह समय जातक के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है. जातक अगर व्यवसाय से जुड़ा हुआ है तो उसे अधिक पैसा नहीं मिलेगा बल्कि प्रतिस्पर्धा के बीच उसके व्यवसाय को भी खतरा पैदा हो सकता है.
शुक्र को कैसे मनाएं- आचार्य पुष्पराज का कहना है कि शुक्र ग्रह के शुभ फल पाने के लिए व्यक्ति को कुछ उपाय करने चाहिए. शुभ फल पाने के लिए मां लक्ष्मी को पांच लाल फूल अर्पित करें और हर शुक्रवार को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें. प्रत्येक शुक्रवार को व्रत रखें तथा ज्यादा से ज्यादा सफेद और गुलाबी रंग के कपड़े पहनें. जातक प्रतिदिन खुशबूदार परफ्यूम या इत्र लगाए और अपने आसपास स्वच्छता को बनाए रखें. इसके अलावा शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का भी जाप करें.
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