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सात महीने बाद बहाल हुआ रोहतांग दर्रा, तेल के टैंकरों की आवाजाही शुरू

आखिरकार सात महीने बाद रोहतांग दर्रा बहाल हो गया. 46 किलोमीटर ज्यादा सफर कर 78 तेल के टैंकरों को लेह भेजा गया. कुछ दिनों में छोटे वाहनों की आवाजाही की बात भी बीआरो की तरफ से कही गई है.

Rohtang Pass
रोहतांग दर्रा
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Published : Jun 3, 2021, 9:19 AM IST

कुल्लू: देश-दुनिया में विख्यात पर्यटन नगरी मनाली का रोहतांग दर्रा अब वाहनों की आवाजाही के लिए भी बहाल हो गया. बीआरओ ने रोहतांग दर्रा से बर्फ हटाकर बुधवार को सड़क मार्ग को खोला था. वहीं, अब तेल के टैंकर की आवाजाही शुरू कर दी गई है. तेल के टैंकर मनाली से लेह के लिए रोहतांग दर्रा होते हुए रवाना किए गए. कुछ दिनों बाद यहां से छोटे वाहनों की आवाजाही की अनुमति भी बीआरओ की तरफ से मिल जाएगी.

टनल होकर जाने की अनुमति

रक्षा मंत्रालय ने टैंकरों को टनल होकर भी जाने की अनुमति भी दी है, लेकिन वह सिर्फ आपात स्थित में है. ऐसे में भी टैंकर सीमित संख्या में जा सकेंगे. सात महीने बाद बहाल हुए रोहतांग दर्रा से होकर तेल से भरे टैंकरों ने लेह के लिए गति पकड़ ली है. रोहतांग दर्रा होकर इन टैंकरों को 46 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है. इसमें मनाली की तरफ से चढ़ाई और लाहौल की तरफ से उतराई में उतरना पड़ता है.

78 टैंकर रवाना

बताया जा रहा है कि लेह से वापस खाली आने वाले टैंकर नौ किलोमीटर लंबी टनल होकर गुजर सकते हैं, जबकि भरे हुए टैंकरों को सुरक्षा की दृष्टि से टनल के भेजना आसान नहीं है. टनल होकर अगर आपात स्थित में टैंकर जाएंगे तो उनके साथ अग्निशमन वाहन भी जाएंगे. एक वाहन के साथ मात्र दो से तीन टैंकरों को ही जाने दिया जाता है. इस दौरान टनल में दूसरी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रहती है.

. बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया रोहतांग दर्रा होकर वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से चल रही है.तेल से भरे 78 टैंकर रोहतांग दर्रा होकर मनाली से लेह के लिए रवाना किए गए है.

ये भी पढ़ें : देवभूमि में डिजिटल बाबा ने रमाई धूनी, डिजिटल कथाओं से युवाओं को लुभा रहे हैं हाईटेक बाबा

कुल्लू: देश-दुनिया में विख्यात पर्यटन नगरी मनाली का रोहतांग दर्रा अब वाहनों की आवाजाही के लिए भी बहाल हो गया. बीआरओ ने रोहतांग दर्रा से बर्फ हटाकर बुधवार को सड़क मार्ग को खोला था. वहीं, अब तेल के टैंकर की आवाजाही शुरू कर दी गई है. तेल के टैंकर मनाली से लेह के लिए रोहतांग दर्रा होते हुए रवाना किए गए. कुछ दिनों बाद यहां से छोटे वाहनों की आवाजाही की अनुमति भी बीआरओ की तरफ से मिल जाएगी.

टनल होकर जाने की अनुमति

रक्षा मंत्रालय ने टैंकरों को टनल होकर भी जाने की अनुमति भी दी है, लेकिन वह सिर्फ आपात स्थित में है. ऐसे में भी टैंकर सीमित संख्या में जा सकेंगे. सात महीने बाद बहाल हुए रोहतांग दर्रा से होकर तेल से भरे टैंकरों ने लेह के लिए गति पकड़ ली है. रोहतांग दर्रा होकर इन टैंकरों को 46 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है. इसमें मनाली की तरफ से चढ़ाई और लाहौल की तरफ से उतराई में उतरना पड़ता है.

78 टैंकर रवाना

बताया जा रहा है कि लेह से वापस खाली आने वाले टैंकर नौ किलोमीटर लंबी टनल होकर गुजर सकते हैं, जबकि भरे हुए टैंकरों को सुरक्षा की दृष्टि से टनल के भेजना आसान नहीं है. टनल होकर अगर आपात स्थित में टैंकर जाएंगे तो उनके साथ अग्निशमन वाहन भी जाएंगे. एक वाहन के साथ मात्र दो से तीन टैंकरों को ही जाने दिया जाता है. इस दौरान टनल में दूसरी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रहती है.

. बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया रोहतांग दर्रा होकर वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से चल रही है.तेल से भरे 78 टैंकर रोहतांग दर्रा होकर मनाली से लेह के लिए रवाना किए गए है.

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