कुल्लू: जिले की डीसी ऋचा वर्मा ने कुल्लू से पश्मीना उत्पादों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से कार व बाइकर्स की एक साहसिक रैली को लेह के लिए रवाना किया. पश्मीना मानकों के तहत पश्मीना उत्पादों की पहचान, अंकन और लेबलिंग लेह में 2 अगस्त 2019 को शुरू की जाएगी.
गौरतलब है कि भारतीय मानक ब्यूरो की साहसिक रैली लद्दाख के सांसद जम्यांग छेरिंग नमज्ञान ने ब्यूरो की महानिदेशक सुरीना राजन की उपस्थिति में दिल्ली से रवाना किया था. भारतीय मानक ब्यूरो ने भारतीय मानक अनुरूपता मूल्यांकन योजनाओं के माध्यम से पश्मीना उत्पाद की पहचान के लिए परीक्षण विधि पर भारतीय मानक विकसित किया है. भारतीय मानक ब्यूरो पश्मीना उत्पादों की शुद्धता निर्धारित करने के लिए सक्रिय तत्व हस्ताक्षर प्रौद्योगिकी नामक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में मदद कर रहा है.
लद्दाख के सांसद ने पश्मीना उद्योग के लिए मानक स्थापित करने के भारतीय मानक ब्यूरो के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लद्दाख के लोगों को इससे काफी फायदा मिलेगा और वे इस दिशा में वर्षों बाद इस तरह के प्रयासों से खुश होंगे. उन्होंने कहा कि पश्मीना विश्व के लिए एक उपहार है और लोगों को जानकारी होनी चाहिए कि ये कहां से आता है. मानक स्थापित हो जाने से नोमैडिक समुदाय के लोगों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा व उद्योग फर्जी पश्मीना उत्पादों से बच सकेगा.
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महानिदेशक सुरीना राजन ने कहा कि मानदण्ड निर्धारित करने से पश्मीना, कार्पेट ल हथकरघा उत्पादों से जुड़े विशेष मसलों को चिन्हित करके इनका समाधान करने में मदद मिलेगी. इससे कामगारों और कलाकारों की आर्थिक दशा में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि पश्मीना के मानक उपभोक्ताओं के हितों की भी रक्षा करेंगे जब वे गुणवत्तायुक्त उत्पाद को खरीद रहे हों.
वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों की इस रैली में 20 बाईकर्ज, एसयूबी और एक ट्रक शामिल है, जो पश्मीना के उत्पति स्थल तक जाएंगे. रैली चांगथंग, सो-मोरारी, पैंगोंग त्सो, नुबरा घाटी और खारदुंगला दर्रे से होकर गुजरेगी. ये बटालिक सीमा, कारगिल और सुरू घाटी में भी जाएगी. रैली चांग दर्रे में चांगथग के एक समुदाय से मिलेगी और पश्मीना उद्योग के बारे में बारीकियों से अध्ययन कर ये पता लगाएगी कि लद्दाख का पश्मीना विश्व में सर्वश्रेष्ठ है.
वहीं, डीसी कुल्लू ऋचा वर्मा ने साहसिक रैली को बधाई दी और उनकी सुरक्षित और सुखद यात्रा की कामना की. उन्होंने वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों से पश्मीना के मानकों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और जानकारी हासिल की. उन्होंने कहा कि लद्दाख क्षेत्र और हिमाचल के जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति में तैयार किया जाने वाला पश्मीना बेशक सर्वोत्तम गुणवत्तायुक्त है. इसके मानक निर्धारित हो जाने पर उत्पादकों, दस्तकारों और कलाकारों को बड़ा लाभ पहुंचेगा.
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