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सवारी न मिलने से निजी बस ऑपरेटर परेशान, खर्च निकालना भी मुश्किल

सरकारी आदेशों के बाद जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण रूटों पर निजी बस ऑपरेटरों की ओर से 70 बसों का परिचालन शुरू किया गया था, लेकिन कोरोना के डर के चलते लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. नतीजतन खाली बसें ही सड़कों पर दौड़ रही है, इसके चलते अब निजी बस ऑपरेटरों को बसों के खर्चे निकालने भी मुश्किल हो गए हैं.

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Published : Jun 6, 2020, 1:29 PM IST

Private buses suffering
कुल्लू निजी बस सेवा

कुल्लू: जिला कुल्लू में 1 जून से निजी बसों का परिचालन शुरू हो गया है, लेकिन सवारी ना मिलने के चलते उनका धंधा चौपट होता जा रहा है. निजी बस संचालकों का कहना है अगर आगे भी यही हाल रहा तो कुछ दिनों में सवारियों की कमी के चलते उन्हें दोबारा बसें खड़ी करनी पड़ सकती है.

सरकारी आदेशों के बाद जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण रूटों पर निजी बस ऑपरेटरों की ओर से 70 बसों का परिचालन शुरू किया गया था, लेकिन कोरोना के डर के चलते लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. नतीजतन खाली बसें ही सड़कों पर दौड़ रही है, इसके चलते अब निजी बस ऑपरेटरों को बसों के खर्चे निकालने भी मुश्किल हो गए हैं.

इतना ही नहीं मनाली से भुंतर तक निजी बस ऑपरेटरों को अड्डा फीस के नाम पर भी 2 सौ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जो कि उनके लिए काफी मुश्किल है. निजी बस ऑपरेटरों की मानें तो सरकार ने बसें चलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके बावजूद उनके लिए कोई खास सहूलियत अभी तक नहीं मिल पाई है. वे सरकार के आदेशों के चलते अपनी बसों को विभिन्न रूटों पर चला रहे हैं, लेकिन कई बस रूटों पर तो बस के तेल का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

निजी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रजत जम्वाल ने कहा कि निजी बस ऑपरेटरों की मांग के बारे में सरकार को भी अवगत करवाया गया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो 2 दिनों के बाद वे एक बार फिर से अपनी बसों को खड़ा कर देंगे.

गौर रहे कि 1 जून को जिला के विभिन्न रूटों पर 70 निजी बसें रवाना हुई थी, लेकिन सवारियां न मिलने के चलते अब इनकी संख्या केवल 20 ही रह गई है. ऐसे में आने वाले दिनों में भी बसों में सवारिया न होने के चलते एक बार फिर से निजी बस ऑपरेटर अपनी गाड़ियों को खड़ा कर देंगे.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में कोरोना का नया मामला, 8 महीने की बच्ची निकली पॉजिटिव

कुल्लू: जिला कुल्लू में 1 जून से निजी बसों का परिचालन शुरू हो गया है, लेकिन सवारी ना मिलने के चलते उनका धंधा चौपट होता जा रहा है. निजी बस संचालकों का कहना है अगर आगे भी यही हाल रहा तो कुछ दिनों में सवारियों की कमी के चलते उन्हें दोबारा बसें खड़ी करनी पड़ सकती है.

सरकारी आदेशों के बाद जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण रूटों पर निजी बस ऑपरेटरों की ओर से 70 बसों का परिचालन शुरू किया गया था, लेकिन कोरोना के डर के चलते लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. नतीजतन खाली बसें ही सड़कों पर दौड़ रही है, इसके चलते अब निजी बस ऑपरेटरों को बसों के खर्चे निकालने भी मुश्किल हो गए हैं.

इतना ही नहीं मनाली से भुंतर तक निजी बस ऑपरेटरों को अड्डा फीस के नाम पर भी 2 सौ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जो कि उनके लिए काफी मुश्किल है. निजी बस ऑपरेटरों की मानें तो सरकार ने बसें चलाने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके बावजूद उनके लिए कोई खास सहूलियत अभी तक नहीं मिल पाई है. वे सरकार के आदेशों के चलते अपनी बसों को विभिन्न रूटों पर चला रहे हैं, लेकिन कई बस रूटों पर तो बस के तेल का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट

निजी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रजत जम्वाल ने कहा कि निजी बस ऑपरेटरों की मांग के बारे में सरकार को भी अवगत करवाया गया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो 2 दिनों के बाद वे एक बार फिर से अपनी बसों को खड़ा कर देंगे.

गौर रहे कि 1 जून को जिला के विभिन्न रूटों पर 70 निजी बसें रवाना हुई थी, लेकिन सवारियां न मिलने के चलते अब इनकी संख्या केवल 20 ही रह गई है. ऐसे में आने वाले दिनों में भी बसों में सवारिया न होने के चलते एक बार फिर से निजी बस ऑपरेटर अपनी गाड़ियों को खड़ा कर देंगे.

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