कुल्लू: प्रदेश सरकार की ओर से 1 जून से निगम की बसें चलाने का निर्णय लिया गया है. वहीं, निजी बसों के संचालन के बारे में भी निर्देश जारी किए हैं, लेकिन जिला कुल्लू में निजी बस ऑपरेटरों ने बस चलाने से मना कर दिया है. निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तब तक वह बसें नहीं चलाएंगे.
कुल्लु के मुख्यालय सरवरी में निजी बस ऑपरेटर संघ की ओर से एक बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में निजी बस आपरेटरों ने सरकार से मांग रखी कि जिस तरह से सरकारी बसों के चालकों व परिचालकों को कोरोना बीमारी के तहत 50 लाख का बीमा करवाया गया है. उसी तरह से निजी बस के चालक व परिचालकों का भी बीमा किया जाना चाहिए.
बस ऑपरेटरों का कहना है कि 60% सवारियों के साथ बस चलाना संभव नहीं है. पहले ही 2 महीने से वह रोजगार के बिना घर बैठे हुए हैं और कोरोना से उनकी कमाई भी काफी प्रभावित हुई है. ऐसे में वे अपने कर्मचारियों को भी कहां से वेतन देंगे. सरकार को कोरोना के दौर तक उनका टैक्स माफ करना चाहिए. वहीं, न्यूनतम किराए में भी वृद्धि की जानी चाहिए, जिससे बस मालिक अपने बसों में काम कर रहे कर्मियों को भी रोजगार दे सके.
क्या कह रहे बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष:
कुल्लू निजी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रजत जम्वाल का कहना है कि सरकार के समक्ष कुछ मांगे रखी गई है. अगर सरकार इन मांगों को मानती है तो बस चालक बसों को चलाने के लिए तैयार हैं. वहीं, संघ के उपाध्यक्ष राजेन्द्र का कहना है कि सरकार को निजी बस आपरेटरों को कोरोना का दौर चलने तक राहत देनी चाहिए,जिससे निजी बसों का लाभ आम जनता को भी हो सके.