कुल्लू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी करने के लिए शीत मरुस्थल लाहौल-स्पीति तैयार है. घाटी में प्रधानमंत्री का जनजातीय संस्कृति से स्वागत किया जाएगा. इस दौरान पारंपरिक व्यंजन भी परोसे जाएंगे.
तीन अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल टनल का उद्घाटन करने लाहौल और मनाली आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए प्रदेश सरकार और प्रशासन जुटे हुए हैं. पीएम का मनाली में कुल्लवी परंपरा के अनुसार स्वागत होगा.
वहीं, लाहौल घाटी में लाहौली परंपरा में स्वागत किया जाएगा. दोपहर के भोज में उन्हें स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे. स्थानीय व्यंजनों में देशी घी के साथ मन्ना व लाल आलू, लाहौल के अनाज काठु से बना चिलड़ा, अखरोट के सिड्डू, पुदीना व धनियां से बनी चटनी समेत थुपका परोसा जाएगा.
इसके अलावा नमकीन चाय भी पोरसी जाएगी. पीएम नरेंद्र मोदी का हिमाचल से गहरा लगाव रहा है. हिमाचल के भाजपा प्रभारी रहते हुए उन्होंने समस्त देवभूमि का भ्रमण किया है. दिसंबर 2018 में प्रदेश के कांगड़ा दौरे के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हिमाचल आता हूं तो लगता है कि जैसे अपने घर आया हूं.
मोदी के मनाली व लाहौल दौरे को लेकर यहां के लोगों में भारी उत्साह बना हुआ है. पीएम के लिए लाहौल स्पीति व मनाली नई या अनजान जगह नहीं है. तीन जून 2002 में केलंग में जब अटल टनल की घोषणा हुई थी तो वे हिमाचल प्रभारी के रूप में मौजूद थे. अटल टनल के साउथ पोर्टल के सड़क के शिलान्यास के दौरान भी मोदी मनाली के सासे में मौजूद थे.
आज जब टनल बनकर तैयार है तो वह इसका लोकापर्ण करने 3 अक्टूबर को आ रहे हैं. लाहौल-स्पीति के विधायक एवं तकनीक शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाहौली परंपरा अनुसार स्वागत किया जाएगा. प्रधानमंत्री को पारंपरिक पकवान परोसे जाएंगे. उन्होंने कहा हिमाचल सरकार प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारी में जुट गई है.
घी मन्ना और आलू बनाने की रेसेपी
आटे में काला जीरा व नमक मिलाकर घोल तैयार किया जाता है. तैयार घोल से मन्ना तैयार किया जाता है. मन्ना बनाने की विधि डोसा बनाने की तरह ही है. इसे घर के देशी घी व लाल आलू की सब्जी के साथ परोसा जाता है.
लवाड़ चिलड़ा बनाने की विधी
हिमालयन काठु के आटे का घोल बनाया जाता है, जिसमें ईस्ट, नमक डालकर लवाड़ तैयार किया जाता है। इसे धनिया व पुदीना की चटनी के साथ परोसा जाता है.
थुपका और सिड्डू
काला चना, चावल, छुरपे व सब्जियों को पकाकर थुपका तैयार होता है. इसके अलावा सिड्डू अखरोट, गाजर, गरी का मिश्रण तैयार कर आटे में डालकर पकाया जाता है. इसे हरा धनिया व पुदीना की चटनी के साथ परोसा जाता है. नमकीन चाय इन सभी पारंपरिक पकवानों का स्वाद दोगुना करती है.