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आज अटल टनल से सामरिक मोर्चे पर खुलेगा नया अध्याय, ड्रैगन के नापाक इरादों के खिलाफ मजबूत होगा भारत

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Published : Oct 3, 2020, 12:01 AM IST

Updated : Oct 3, 2020, 12:06 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अटल टनल का लोकार्पण करने के लिए हिमाचल आ रहे हैं. इससे पूर्व शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल पहुंच चुके हैं.कल पीएम नरेंद्र मोदी दस बजे के करीब टनल के साउथ पोर्टल पर सामरिक महत्व की इस टनल का शुभारंभ करेंगे. बाद में वे विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए सिस्सू जाएंगे और शनिवार को ही सेम रूट से उनकी दिल्ली वापिसी होगी. रोहतांग टनल के उद्घाटन कार्यक्रम को हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में 90 एलईडी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा.

अटल टनल का उद्घाटन
अटल टनल

शिमला: लंबे समय से चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल रोहतांग टनल के उद्घाटन अवसर पर ड्रैगन को कोई सख्त संदेश जरूर देंगे. करीब 3200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार अटल टनल से न केवल लाहौल घाटी के निवासियों का छह माह का हिम वनवास खत्म होगा, बल्कि भारतीय सेना को भी सामरिक रूप से मजबूती मिलेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस टनल का लोकार्पण करने के लिए हिमाचल आ रहे हैं. इससे पूर्व शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल पहुंच चुके हैं. आज पीएम नरेंद्र मोदी दस बजे के करीब टनल के साउथ पोर्टल पर सामरिक महत्व की इस टनल का शुभारंभ करेंगे. बाद में वे विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए सिस्सू जाएंगे और शनिवार को ही सेम रूट से उनकी दिल्ली वापिसी होगी.

इस टनल को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और टशी दावा की दोस्ती का प्रतीक भी कहा जा सकता है. ये अटल सपना अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में पूरा होने वाला है. सर्दियों में बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा बंद हो जाता था. लोग कैद होकर रह जाते थे. इलाज के लिए तड़पना पड़ता था. हवाई सेवा के लिए हैलीकॉप्टर का इंतजाम करना पड़ता था, जिस पर सालाना अनुमानित चौदह करोड़ रुपए खर्च होता था. इसके अलावा चीन की सीमा तक आवाजाही के लिए भी रोहतांग का महत्व है.

टनल बन जाने से अब सेना की पहुंच हर मौसम में बारह महीना सुनिश्चित हो पाएगी. पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल से अपने भावनात्मक जुड़ाव को कई बार व्यक्त कर चुके हैं.हिमाचल को भी उम्मीद है कि पीएम इस ऐतिहासिक मौके पर कोई न कोई सौगात प्रदेश को देंगे. हालांकि सीएम जयराम ठाकुर ये कह चुके हैं कि 3200 करोड़ रुपए का ये तोहफा खुद में बड़ी सौगात है, लेकिन जनता को पीएम से किसी घोषणा की आस है. अलबत्ता पीएम नरेंद्र मोदी इस अवसर पर कोई न कोई कूटनीतिक स्ट्रोक जरूर मारेंगे. चीन को मनोवैज्ञानिक तरीके से घेरने के साथ ही वे कोई सख्त संदेश भी ड्रैगन को जरूर देंगे.

अटल टनल लोकार्पण का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना के विशेष विमान से दिल्ली से आएंगे. पीएम सुबह सात बजे दिल्ली से रवाना होंगे. पहले वे चंडीगढ़ पहुंचेंगे, फिर हैलीकॉप्टर के जरिए सासे हैलीपेड मनाली आएंगे. सासे से वे दस बजे टनल के साउथ पोर्टल आएंगे और इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लोकार्पण करेंगे.

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल सरकार के चुनिंदा मंत्री व अधिकारी, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री आदि मौजूद रहेंगे. बाद में पीएम टनल के नॉर्थ पोर्टल पर जाएंगे. दोपहर बारह बजे सिस्सू में जनसभा होगी. बीआरओ के अफसरों के साथ भी मीटिंग व चर्चा होगी. दिन में सवा एक बजे से चार बजे तक सोलंग वैली में कार्यक्रम होंगे.बाद में पीएम सेम रूट से दिल्ली रवाना हो जाएंगे. रोहतांग टनल के उद्घाटन कार्यक्रम को हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में 90 एलईडी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा.

अटल रोहतांग टनल के निर्माण में हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में भी कुछ सक्रियता आई थी, लेकिन कोविड-19 के इस संकटपूर्ण दौर में भाजपा के दिग्गज नेता इस समारोह का हिस्सा नहीं बन पाएंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व सीएम शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल से निजी तौर पर समारोह में भाग न लेने का आग्रह किया था, जिसे दोनों नेताओं ने स्वीकार किया. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बिहार चुनाव निकट आने के कारण व्यस्त होने से लाहौल नहीं आएंगे.

हिमाचल से मोदी का खास लगाव

पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल भाजपा के प्रभारी रह चुके हैं. उनका देवभूमि से खास लगाव है.अपने हिमाचल प्रवास के दौरान व कुल्लू व लाहौल में खूब घूमे हैं. बिजली महादेव से लेकर लाहौल घाटी तक स्थानीय लोगों से उनके जुड़ाव की स्मृतियां अभी भी ताजा हैं. पीएम मोदी रात को लाहौल में रुकना चाहते थे, लेकिन कोविड संकट और अन्य सुरक्षा कारणों से ये कार्यक्रम टल गया है. अटल टनल के बनने से लाहौल घाटी के लोगों में जश्न का माहौल है.

लाहौल के निवासियों को कैद से मुक्ति मिलने की खुशी है.लोकल आर्थिकी भी टनल के बनने से मजबूत होगी.लोगों को अपने उत्पाद अब कुल्लू तक पहुंचाने में आसानी होगी.आलू व सेब के अच्छे दाम मिलेंगे.बीमार लोगों को इलाज की सुविधा होगी.टनल बनने से कुल्लू व मनाली पहुंचना आसान होगा.

लाहौल के विधायक व हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि टनल के निर्माण से लाहौल घाटी को अनेक लाभ होंगे.बारह महीने आवागमन सुनिश्चित होगा.बीमार लोगों का इलाज सुगम होगा और पर्यटन को भी पंख लगेंगे.

शिमला: लंबे समय से चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अटल रोहतांग टनल के उद्घाटन अवसर पर ड्रैगन को कोई सख्त संदेश जरूर देंगे. करीब 3200 करोड़ रुपए की लागत से तैयार अटल टनल से न केवल लाहौल घाटी के निवासियों का छह माह का हिम वनवास खत्म होगा, बल्कि भारतीय सेना को भी सामरिक रूप से मजबूती मिलेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस टनल का लोकार्पण करने के लिए हिमाचल आ रहे हैं. इससे पूर्व शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर हिमाचल पहुंच चुके हैं. आज पीएम नरेंद्र मोदी दस बजे के करीब टनल के साउथ पोर्टल पर सामरिक महत्व की इस टनल का शुभारंभ करेंगे. बाद में वे विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए सिस्सू जाएंगे और शनिवार को ही सेम रूट से उनकी दिल्ली वापिसी होगी.

इस टनल को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और टशी दावा की दोस्ती का प्रतीक भी कहा जा सकता है. ये अटल सपना अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में पूरा होने वाला है. सर्दियों में बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा बंद हो जाता था. लोग कैद होकर रह जाते थे. इलाज के लिए तड़पना पड़ता था. हवाई सेवा के लिए हैलीकॉप्टर का इंतजाम करना पड़ता था, जिस पर सालाना अनुमानित चौदह करोड़ रुपए खर्च होता था. इसके अलावा चीन की सीमा तक आवाजाही के लिए भी रोहतांग का महत्व है.

टनल बन जाने से अब सेना की पहुंच हर मौसम में बारह महीना सुनिश्चित हो पाएगी. पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल से अपने भावनात्मक जुड़ाव को कई बार व्यक्त कर चुके हैं.हिमाचल को भी उम्मीद है कि पीएम इस ऐतिहासिक मौके पर कोई न कोई सौगात प्रदेश को देंगे. हालांकि सीएम जयराम ठाकुर ये कह चुके हैं कि 3200 करोड़ रुपए का ये तोहफा खुद में बड़ी सौगात है, लेकिन जनता को पीएम से किसी घोषणा की आस है. अलबत्ता पीएम नरेंद्र मोदी इस अवसर पर कोई न कोई कूटनीतिक स्ट्रोक जरूर मारेंगे. चीन को मनोवैज्ञानिक तरीके से घेरने के साथ ही वे कोई सख्त संदेश भी ड्रैगन को जरूर देंगे.

अटल टनल लोकार्पण का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेना के विशेष विमान से दिल्ली से आएंगे. पीएम सुबह सात बजे दिल्ली से रवाना होंगे. पहले वे चंडीगढ़ पहुंचेंगे, फिर हैलीकॉप्टर के जरिए सासे हैलीपेड मनाली आएंगे. सासे से वे दस बजे टनल के साउथ पोर्टल आएंगे और इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लोकार्पण करेंगे.

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल सरकार के चुनिंदा मंत्री व अधिकारी, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री आदि मौजूद रहेंगे. बाद में पीएम टनल के नॉर्थ पोर्टल पर जाएंगे. दोपहर बारह बजे सिस्सू में जनसभा होगी. बीआरओ के अफसरों के साथ भी मीटिंग व चर्चा होगी. दिन में सवा एक बजे से चार बजे तक सोलंग वैली में कार्यक्रम होंगे.बाद में पीएम सेम रूट से दिल्ली रवाना हो जाएंगे. रोहतांग टनल के उद्घाटन कार्यक्रम को हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में 90 एलईडी स्क्रीन पर दिखाया जाएगा.

अटल रोहतांग टनल के निर्माण में हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के कार्यकाल में भी कुछ सक्रियता आई थी, लेकिन कोविड-19 के इस संकटपूर्ण दौर में भाजपा के दिग्गज नेता इस समारोह का हिस्सा नहीं बन पाएंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व सीएम शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल से निजी तौर पर समारोह में भाग न लेने का आग्रह किया था, जिसे दोनों नेताओं ने स्वीकार किया. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बिहार चुनाव निकट आने के कारण व्यस्त होने से लाहौल नहीं आएंगे.

हिमाचल से मोदी का खास लगाव

पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल भाजपा के प्रभारी रह चुके हैं. उनका देवभूमि से खास लगाव है.अपने हिमाचल प्रवास के दौरान व कुल्लू व लाहौल में खूब घूमे हैं. बिजली महादेव से लेकर लाहौल घाटी तक स्थानीय लोगों से उनके जुड़ाव की स्मृतियां अभी भी ताजा हैं. पीएम मोदी रात को लाहौल में रुकना चाहते थे, लेकिन कोविड संकट और अन्य सुरक्षा कारणों से ये कार्यक्रम टल गया है. अटल टनल के बनने से लाहौल घाटी के लोगों में जश्न का माहौल है.

लाहौल के निवासियों को कैद से मुक्ति मिलने की खुशी है.लोकल आर्थिकी भी टनल के बनने से मजबूत होगी.लोगों को अपने उत्पाद अब कुल्लू तक पहुंचाने में आसानी होगी.आलू व सेब के अच्छे दाम मिलेंगे.बीमार लोगों को इलाज की सुविधा होगी.टनल बनने से कुल्लू व मनाली पहुंचना आसान होगा.

लाहौल के विधायक व हिमाचल सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि टनल के निर्माण से लाहौल घाटी को अनेक लाभ होंगे.बारह महीने आवागमन सुनिश्चित होगा.बीमार लोगों का इलाज सुगम होगा और पर्यटन को भी पंख लगेंगे.

Last Updated : Oct 3, 2020, 12:06 AM IST
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