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Atal Tunnel बनने के बाद भी कम नहीं हुआ लाहौल घाटी के लोगों का दर्द, जानें वजह - Atal Tunnel news

अटल टनल (Atal Tunnel) बनने के बाद भी लाहौल घाटी के लोगों का दर्द कम नहीं हो पाया है. आज भी छोटे से मर्ज के उपचार के लिए लाहौल घाटी से मरीजों को कुल्लू अस्पताल (Kullu Hospital) रेफर किया जाता है. जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग स्थित अस्पताल में आज भी विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली चल रहे हैं. जिसका खामियाजा लाहौल घाटी के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

Kullu atal tunnel, कुल्लू अटल टनल
फोटो.
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Published : Jul 20, 2021, 4:27 PM IST

कुल्लू: अटल टनल बनने से जहां लाहौल घाटी में 12 महीने आवागमन की सुविधा जनजातीय क्षेत्र के लोगों में को मिली है तो वहीं, टनल बनने के बाद भी लाहौल घाटी के लोगों का दर्द कम नहीं हो पाया है. आज भी छोटे से मर्ज के उपचार के लिए लाहौल घाटी से मरीजों को कुल्लू अस्पताल (Kullu Hospital) रेफर किया जाता है.

जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग स्थित अस्पताल में आज भी विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली चल रहे हैं. जिसका खामियाजा लाहौल घाटी के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि पहले क्षेत्र के लोगों को लग रहा था कि अटल टनल (Atal Tunnel) बनने के बाद यहां के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदलेगी और लाहौल घाटी को भी नए विशेषज्ञ डॉक्टर मिलेंगे, लेकिन टनल बनने के बाद भी यहां पर सरकार विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती नहीं कर पाई है.

वहीं, स्वास्थ्य विभाग में तैनात एंबुलेंस चालक को भी बीते दिनों विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी थी. एंबुलेंस चालक रविंद्र सेन की मौत को लेकर परिजनों ने भी केलांग अस्पताल में जमकर हंगामा किया था तो वहीं, परिजनों को शांत करने के लिए प्रशासन को एक कमेटी भी गठित करनी पड़ी थी. जो इस पूरे मामले की 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगी.

वीडियो.

दूसरी ओर अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए लाहौल स्पीति युवा कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भी भेजा है. जिला लाहौल स्पीति युवा कांग्रेस के मीडिया प्रभारी कुंगा बोध के साथ अन्य युवा कार्यकर्ता लाहौल स्पीति के डीसी नीरज कुमार से मिले और नीरज कुमार के माध्यम से ज्ञापन प्रदेश सरकार को भेजा गया.

कुंगा बोध का कहना है कि अटल टनल (Atal Tunnel) बनने के बाद यहां मजदूरों व पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन कई बार पर्यटकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बीमार होने पर अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के चलते उन्हें भी कुल्लू अस्पताल रेफर किया जाता रहा है.

ऐसे में जनजातीय क्षेत्र की जनता की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार जल्द से जल्द यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती करे, ताकि लाहौल घाटी के लोगों को कैलाश अस्पताल में उपचार मिल सके.

ये भी पढ़ें- ये है त्रिलोक की पाठशाला, कोरोनाकाल में चंबा के इस BDC ने घर पर ही शुरू कर दिया स्कूल

कुल्लू: अटल टनल बनने से जहां लाहौल घाटी में 12 महीने आवागमन की सुविधा जनजातीय क्षेत्र के लोगों में को मिली है तो वहीं, टनल बनने के बाद भी लाहौल घाटी के लोगों का दर्द कम नहीं हो पाया है. आज भी छोटे से मर्ज के उपचार के लिए लाहौल घाटी से मरीजों को कुल्लू अस्पताल (Kullu Hospital) रेफर किया जाता है.

जिला लाहौल स्पीति के मुख्यालय केलांग स्थित अस्पताल में आज भी विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली चल रहे हैं. जिसका खामियाजा लाहौल घाटी के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि पहले क्षेत्र के लोगों को लग रहा था कि अटल टनल (Atal Tunnel) बनने के बाद यहां के ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर बदलेगी और लाहौल घाटी को भी नए विशेषज्ञ डॉक्टर मिलेंगे, लेकिन टनल बनने के बाद भी यहां पर सरकार विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती नहीं कर पाई है.

वहीं, स्वास्थ्य विभाग में तैनात एंबुलेंस चालक को भी बीते दिनों विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी थी. एंबुलेंस चालक रविंद्र सेन की मौत को लेकर परिजनों ने भी केलांग अस्पताल में जमकर हंगामा किया था तो वहीं, परिजनों को शांत करने के लिए प्रशासन को एक कमेटी भी गठित करनी पड़ी थी. जो इस पूरे मामले की 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगी.

वीडियो.

दूसरी ओर अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए लाहौल स्पीति युवा कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भी भेजा है. जिला लाहौल स्पीति युवा कांग्रेस के मीडिया प्रभारी कुंगा बोध के साथ अन्य युवा कार्यकर्ता लाहौल स्पीति के डीसी नीरज कुमार से मिले और नीरज कुमार के माध्यम से ज्ञापन प्रदेश सरकार को भेजा गया.

कुंगा बोध का कहना है कि अटल टनल (Atal Tunnel) बनने के बाद यहां मजदूरों व पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन कई बार पर्यटकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बीमार होने पर अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के चलते उन्हें भी कुल्लू अस्पताल रेफर किया जाता रहा है.

ऐसे में जनजातीय क्षेत्र की जनता की समस्या को देखते हुए प्रदेश सरकार जल्द से जल्द यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती करे, ताकि लाहौल घाटी के लोगों को कैलाश अस्पताल में उपचार मिल सके.

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