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CS जनजातीय विकास ओंकार शर्मा ने होम स्टे पंजीकरण के सिंग्ल विंडो शिविर का किया शुभारंभ

प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार शर्मा ने होम स्टे पंजीकरण के एकल खिड़की शिविर का उदयपुर में शुभारंभ किया गया.उपायुक्त पंकज राय ने मुख्यतिथि का स्वागत किया.ओंकार शर्मा ने कहा की अटल-टनल रोहतांग के खुल जाने से लाहौल घाटी में पर्यटन की सम्भावनाए बहुत बढ़ गयी हैं.

Principal Secretary Tribal Development Onkar Sharma
प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार शर्मा
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Published : Feb 26, 2021, 10:45 PM IST

कुल्लूः प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार शर्मा ने होम स्टे पंजीकरण के एकल खिड़की शिविर का उदयपुर में शुभारंभ किया गया. उसके बाद एकलव्य विद्यालय कुकुमसेरी में भी व्यवस्था का निरीक्षण किया.

उपायुक्त पंकज राय ने मुख्यतिथि और उनके साथ पधारे अन्य अतिथियों का स्वागत किया. ओंकार शर्मा ने कहा की अटल-टनल रोहतांग के खुल जाने से लाहौल घाटी में पर्यटन की सम्भावनाए बहुत बढ़ गयी हैं.

होम स्टे के लिये लोगों को किया जा रहा प्रेरित

वर्तमान में लाहौल घाटी में मात्र 3 हजार पर्यटकों के ठहरने को क्षमता है. जबकि गर्मियों के मौसम में संभावित तौर पर दस हजार से अधिक पर्यटक प्रतिदिन घाटी में प्रवेश करेंगे. जिले में पर्यटकों की संख्या को देखते हुए व लोगों को खेती-बाड़ी के साथ आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराने के लिये जिला प्रशासन की पहल से होम स्टे के लिये लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.

उदयपुर में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं होंगी उपलब्ध

ओंकार शर्मा ने कहा कि यह बहुत अच्छी सुविधा है जिसके तहत सिंगल विंडो में होम-स्टे पंजीकरण पर आयोजित तीन दिवसीय विशेष कार्यशाला में तीन सौ से अधिक लोगों ने पंजीकरण करवाया था. स्नो फेस्टिवल का हिस्सा बनाते हुए होमस्टे रजिस्ट्रेशन के लिये सिंगल विंडो के तहत उदयपुर में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं.

लाहौल की संस्कृति बहुत प्राचीन

ओंकार शर्मा ने बताया कि लाहौल की संस्कृति बहुत प्राचीन है. जोबरंग का जोगणी उत्सव योर लगभग 300 साल पुराना है. स्नो फेस्टिवल मनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि विंटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए और घाटी की समृद्ध संस्कृति को भारत व विश्व मानचित्र पर लाये. इसी के तहत होमस्टे रजिस्ट्रेशन करवाकर लोगो को आर्थिक लाभ मिलेगा. उन्होंने सतत पर्यटन, स्वच्छता व ठोस कचरे के उचित निष्पादन के लिए भी जागरूकता से कार्य करने पर बल दिया.

उन्होंने बताया कि 'स्नो फेस्टिवल' लाहौल के पर्यटन के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है. शरद कालीन खेलों व सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाओं का उचित दोहन करने के लिए लोगों होम-स्टे योजना पर विशेष ध्यान देना चाहिए. ताकि पर्यटन का संतुलित एवं सतत विकास निश्चित हो सके.

एकलव्य विद्यालय का किया निरीक्षण

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मार्कण्डेय जनजातीय विकास को लेकर विशेष रूप से प्रयत्नशील हैं. उन्होंने कूकुमसेरी में स्थित एकलव्य विद्यालय में जाकर व्यवस्था का निरीक्षण किया. यहां के हॉस्टल व शैक्षणिक परिसर का भी निरीक्षण किया. उन्होंने केलांग में जिला अधिकारियों से जनजातीय उप योजना पर समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की. इस अवसर पर एसडीएम उदयपुर राजकुमार, नायब तहसीलदार, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

पढ़ें: अधर में लटका भराड़िया स्कूल का भवन निर्माण, पुराने असुरक्षित भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र

कुल्लूः प्रधान सचिव जनजातीय विकास ओंकार शर्मा ने होम स्टे पंजीकरण के एकल खिड़की शिविर का उदयपुर में शुभारंभ किया गया. उसके बाद एकलव्य विद्यालय कुकुमसेरी में भी व्यवस्था का निरीक्षण किया.

उपायुक्त पंकज राय ने मुख्यतिथि और उनके साथ पधारे अन्य अतिथियों का स्वागत किया. ओंकार शर्मा ने कहा की अटल-टनल रोहतांग के खुल जाने से लाहौल घाटी में पर्यटन की सम्भावनाए बहुत बढ़ गयी हैं.

होम स्टे के लिये लोगों को किया जा रहा प्रेरित

वर्तमान में लाहौल घाटी में मात्र 3 हजार पर्यटकों के ठहरने को क्षमता है. जबकि गर्मियों के मौसम में संभावित तौर पर दस हजार से अधिक पर्यटक प्रतिदिन घाटी में प्रवेश करेंगे. जिले में पर्यटकों की संख्या को देखते हुए व लोगों को खेती-बाड़ी के साथ आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराने के लिये जिला प्रशासन की पहल से होम स्टे के लिये लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.

उदयपुर में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं होंगी उपलब्ध

ओंकार शर्मा ने कहा कि यह बहुत अच्छी सुविधा है जिसके तहत सिंगल विंडो में होम-स्टे पंजीकरण पर आयोजित तीन दिवसीय विशेष कार्यशाला में तीन सौ से अधिक लोगों ने पंजीकरण करवाया था. स्नो फेस्टिवल का हिस्सा बनाते हुए होमस्टे रजिस्ट्रेशन के लिये सिंगल विंडो के तहत उदयपुर में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं.

लाहौल की संस्कृति बहुत प्राचीन

ओंकार शर्मा ने बताया कि लाहौल की संस्कृति बहुत प्राचीन है. जोबरंग का जोगणी उत्सव योर लगभग 300 साल पुराना है. स्नो फेस्टिवल मनाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि विंटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए और घाटी की समृद्ध संस्कृति को भारत व विश्व मानचित्र पर लाये. इसी के तहत होमस्टे रजिस्ट्रेशन करवाकर लोगो को आर्थिक लाभ मिलेगा. उन्होंने सतत पर्यटन, स्वच्छता व ठोस कचरे के उचित निष्पादन के लिए भी जागरूकता से कार्य करने पर बल दिया.

उन्होंने बताया कि 'स्नो फेस्टिवल' लाहौल के पर्यटन के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है. शरद कालीन खेलों व सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाओं का उचित दोहन करने के लिए लोगों होम-स्टे योजना पर विशेष ध्यान देना चाहिए. ताकि पर्यटन का संतुलित एवं सतत विकास निश्चित हो सके.

एकलव्य विद्यालय का किया निरीक्षण

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मार्कण्डेय जनजातीय विकास को लेकर विशेष रूप से प्रयत्नशील हैं. उन्होंने कूकुमसेरी में स्थित एकलव्य विद्यालय में जाकर व्यवस्था का निरीक्षण किया. यहां के हॉस्टल व शैक्षणिक परिसर का भी निरीक्षण किया. उन्होंने केलांग में जिला अधिकारियों से जनजातीय उप योजना पर समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की. इस अवसर पर एसडीएम उदयपुर राजकुमार, नायब तहसीलदार, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

पढ़ें: अधर में लटका भराड़िया स्कूल का भवन निर्माण, पुराने असुरक्षित भवन में पढ़ने को मजबूर छात्र

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