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माता नैना के दरबार में दिखा दैवीय शक्ति का चमत्कार, दहकते अंगारों पर कूदे हरियान, गुर माता की चेलियां - Shitala mata

दैवीय चमत्कार का यह प्रदर्शन भुंतर के साथ सटे नैना माता के जन्मोत्सव पर देखने को मिला. चमत्कार का ये क्रम करीब दो घंटे चला और ये सब नैना माता, भद्रकाली, कोयला माता, शीतला माता के गुरों हारियानों की मौजूदगी में हुआ.

माता नैना के दरबार में दिखा दैवीय शक्ति का चमत्कार
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Published : Jul 27, 2019, 4:24 PM IST

Updated : Jul 27, 2019, 7:52 PM IST

कुल्लू: जिला के पिप्लागे में हजारों लोगों ने साक्षात दैवीय शक्ति का चमत्कार देखा. दैवीय शक्ति के प्रदर्शन को देखकर भक्तजन दंग रह गए. दरअसल यहां नैना माता के हरियान, गुर और माता की चेलियां नंगे पांव दहकते अंगारों पर कूद गए. कहा जाता है कि ये किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होता.

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मान्यता है कि इससे क्षेत्र में सुख स्मृद्धि आती है. साथ ही इससे देवताओं के क्षेत्र में दैवीय शक्ति मौजूद होने का भी आभास होता है. इस दौरान वहां मौजूद हरियानों में जिनके पास भी देवता की शक्ति आती है, वे स्वत: ही आग के दहकते अंगारों पर कूदने लगते हैं. इस हैरतअंगेज खेल के बाद नैना माता का रथ भी आग के बीच में उतारा जाता है.

बता दें कि दैवीय चमत्कार का यह प्रदर्शन भुंतर के साथ सटे नैना माता के जन्मोत्सव पर देखने को मिला. चमत्कार का ये क्रम करीब दो घंटे चला और ये सब नैना माता, भद्रकाली, कोयला माता, शीतला माता के गुरों, हरियानों की मौजूदगी में हुआ. मंदिर प्रांगण में आग के शोलों के बीच गुर माता की प्रमुख चेलियों ने आग के अंगारों को बुझाया.

दहकते अंगारों पर कूदने से किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ. वहीं, गुर आशु और पुजारी अमित महंत ने बताया कि जागरण समारोह में दैवीय चमत्कार देखने को मिलता है. उन्होंने बताया कि इस जागरण का आयोजन काफी पुराने समय से किया जा रहा है.

ये भी पढ़े: Ex CM धूमल ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर दी बधाई

कुल्लू: जिला के पिप्लागे में हजारों लोगों ने साक्षात दैवीय शक्ति का चमत्कार देखा. दैवीय शक्ति के प्रदर्शन को देखकर भक्तजन दंग रह गए. दरअसल यहां नैना माता के हरियान, गुर और माता की चेलियां नंगे पांव दहकते अंगारों पर कूद गए. कहा जाता है कि ये किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होता.

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मान्यता है कि इससे क्षेत्र में सुख स्मृद्धि आती है. साथ ही इससे देवताओं के क्षेत्र में दैवीय शक्ति मौजूद होने का भी आभास होता है. इस दौरान वहां मौजूद हरियानों में जिनके पास भी देवता की शक्ति आती है, वे स्वत: ही आग के दहकते अंगारों पर कूदने लगते हैं. इस हैरतअंगेज खेल के बाद नैना माता का रथ भी आग के बीच में उतारा जाता है.

बता दें कि दैवीय चमत्कार का यह प्रदर्शन भुंतर के साथ सटे नैना माता के जन्मोत्सव पर देखने को मिला. चमत्कार का ये क्रम करीब दो घंटे चला और ये सब नैना माता, भद्रकाली, कोयला माता, शीतला माता के गुरों, हरियानों की मौजूदगी में हुआ. मंदिर प्रांगण में आग के शोलों के बीच गुर माता की प्रमुख चेलियों ने आग के अंगारों को बुझाया.

दहकते अंगारों पर कूदने से किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ. वहीं, गुर आशु और पुजारी अमित महंत ने बताया कि जागरण समारोह में दैवीय चमत्कार देखने को मिलता है. उन्होंने बताया कि इस जागरण का आयोजन काफी पुराने समय से किया जा रहा है.

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Intro:कुल्लू
माता नैना के दरबार मे आग पर कूद पड़े भक्त
मंदिर में मनाया गया जाग उत्सवBody:
जिला कुल्लू के पिप्लागे में हजारों लोगों ने साक्षात दैवीय शक्ति का चमत्कार देखा। दैवीय शक्ति के प्रदर्शन को देखकर भक्त दंग रहे। दरअसल यहां नैना माता के हरियान, गुर और माता की चेलियां नंगे पांव दहकते अंगारों पर कूदे। कहा जाता है कि यह देवताओं के लोगों की किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होता। शुक्रवार की रात को भी भुंतर के साथ लगते क्षेत्र पीपलागे में नैना माता के पवित्र स्थान पर दैवीय चमत्कार देखने को मिला।

माता के हरियान कुछ चुनिंदा लोग और कुछ महिलाएं नंगे पांव जब दहकते आग के शोलों पर कूदने लगे तो वहां मौजूद लोगों ने जयकारों की गूंज से क्षेत्र को देवमय कर दिया। यह चमत्कार पीपलागे में नैणा माता के सम्मान में मनाए गए जन्मोत्सव में देखने को मिला। इस दौरान मध्यरात्रि को देवी देवताओं के गुरों और हारियानों ने दहकते अंगारों पर नंगे पांव कूदकर देव नृत्य किया।

मान्यता है कि समाज में इससे क्षेत्र में सुख समृद्धि आएगी। साथ ही इससे देवताओं की क्षेत्र में दैवीय शक्ति मौजूद होने का भी आभास होता है। देव कारिंदों का कहना है कि आग के अंगारों पर कूदकर यह भी देखा जाता है कि कहीं देवीय चमत्कार एवं शक्ति क्षीण तो नहीं पड़ गए हैं। इस दौरान वहां मौजूद हारियानों में जिनके पास भी देवता की शक्ति आती है वे स्वत: ही आग के दहकते अंगारों पर कूदने लगते हैं। इस हैरतअंगेज खेल के बाद नैणा माता का रथ भी जाग के बीच में उतरा। माता के देव रथ को उठाने वाले हारियानों ने एक-एक करके आग के अंगारों को पांव से बुझाया। इस हैरतअंगेज देव कृत्य को देखकर लोग अचंभित हो गए और इस दौरान लोगों ने साक्षात दर्शन कर मनोकामनाएं भी मांगी।

Conclusion:करीब दो घंटे चला देव शक्ति को प्रदर्शन

दैवीयचमत्कार का यह प्रदर्शन भुंतर के साथ सटे नैणा माता के जन्मोत्सव पर देखने को मिला। चमत्कार का यह क्रम करीब दो घंटे चला और ये सब नैणा माता, भद्रकाली, कोयला माता, शीतला माता के गुरों हारियानों की मौजूदगी में हुआ। मंदिर प्रांगण में आग के शोलों के बीच गुर माता की प्रमुख चेलियों में आग के अंगारों को बुझाया। करीब 4 दर्जन माता की चेलियों दर्जन भर गुर के शरीर में देवी-देवता का प्रवेश होने के साथ ही वे एक-एक करके आग के अंगारों पर कूदने लगे। दहकते अंगारों पर कूदने से किसी काे भी कोई नुकसान नहीं हुआ। माता के गुर आशु और पुजारी अमित महंत ने बताया इस जागरण समारोह में जहां दैवीय चमत्कार देखने को मिलता है। उन्होंने बताया कि इस जागरण का आयोजन काफी पुराने समय से किया जाता रहा है और दहकते अंगारों पर कूद कूद देव हारियान क्षेत्र में दैवीय शक्ति के मौजूद होने का आभास करवाते हैं।
Last Updated : Jul 27, 2019, 7:52 PM IST
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