कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जहां हर साल लाखों सैलानी प्राकृतिक सौंदर्य का मजा लेने के लिए देश-विदेश से आते हैं, तो वहीं इस दौरान वे यहां पर साहसिक गतिविधियों का मजा लेने से भी नहीं चूकते. हिमाचल प्रदेश में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित करवाई जाती हैं. जिला कुल्लू की बात करें तो यहां पर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग का रोमांच हर कोई उठाना चाहता है. हालांकि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर, बिलासपुर, लाहुल स्पीति, मंडी, शिमला, ऊना, हमीरपुर और धर्मशाला में भी पैराग्लाइडिंग के लिए स्थान चिन्हित किए गए हैं. लेकिन पर्यटकों का सबसे अधिक रुझान धर्मशाला के बीड बिलिंग और जिला कुल्लू की ओर है.
जिला कुल्लू में पैराग्लाइडिंग के लिए 8 साइट चिन्हित की गई हैं. जबकि लाहौल स्पीति में तीन, मंडी में चार, बिलासपुर में एक, ऊना में दो, हमीरपुर में दो, शिमला में 2, सिरमौर में एक साइट पैराग्लाइडिंग की हैं. जहां पर पैराग्लाइडिंग करवाई जाती है. लेकिन प्रदेश में सबसे अधिक साइटें जिला कुल्लू में है. जहां पर हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाते हैं. ऐसे में साहसिक गतिविधियों में जिला कुल्लू का नाम हिमाचल प्रदेश में सबसे ऊपर है और इस कारोबार से जुड़ कर हजारों लोगों को फायदा भी हो रहा है.
हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग के लिए पर्यटन विभाग के द्वारा अलग-अलग रेट भी तय किए गए हैं और यह सब रेट ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों से लिए जाते हैं. वहीं, पर्यटकों के साथ किसी प्रकार का हादसा न हो, इसके लिए विभाग द्वारा कमेटी भी बनाई गई है. जो समय-समय पर पैराग्लाइडिंग साइट का निरीक्षण करती है. इसके अलावा पायलट 1 दिन में चार बार ही उड़ान भर सकता है और उड़ान के दौरान उसे अपने गले में लाइसेंस भी रखना होगा. अगर कोई पायलट नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना भी किया जाता हैय
जिला कुल्लू में पर्यटन कारोबार से जुड़े हुए नवनीत शर्मा, भूपेंद्र ठाकुर, नवीन ठाकुर का कहना है कि अब पीज से भी ढालपुर मैदान के लिए पैराग्लाइडिंग शुरू कर दी गई है. जिला कुल्लू में अब पर्यटन सीजन भी शुरू होने वाला है और एक और साइट के होने से कुल्लू में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेंगी तथा युवाओं को घर द्वार पर ही रोजगार मिलेगा.
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