कुल्लू: सनातन धर्म में पवित्र नदियों में स्नान करने की प्राचीन परंपरा है. इसके साथ ही दान पुण्य का भी बहुत महत्व दर्शाया गया है. ऐसे में भगवान सूर्य को समर्पित मकर संक्रांति के दिन भी पवित्र नदियों में भक्त स्नान करते हैं और दान कर पुण्य अर्जित करते हैं. भगवान सूर्य को समर्पित मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन देश भर में पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए भक्तों की भीड़ भी जुटेगी.
मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. धार्मिक मान्यता है कि मकर सक्रांति से दिन भी बढ़ने शुरू हो जाते है. वही, इसी दिन से भगवान सूर्य उत्तरायण में प्रवेश कर जाएंगे. 14 जनवरी की रात 2 बजकर 54 मिनट पर भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और उदया तिथि के हिसाब से मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा. वही, मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा.
आचार्य विजय कुमार शर्मा का कहना है कि मकर संक्रांति के दिन भक्त को सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और पीले वस्त्र धारण कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. उसके बाद सूर्य चालीस और आदित्य हृदय स्रोत का पाठ कर दान भी अवश्य करना चाहिए. आचार्य का कहना है कि उत्तर भारत में इस दिन चावल और खिचड़ी दान की परपंरा है और कई जगहों पर इसे कई अन्य नाम के साथ भी मनाया जाता है.
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