कुल्लू: जिला कुल्लू और मंडी की सीमा पर ब्यास नदी में बना लारजी पन विद्युत प्रोजेक्ट प्राकृतिक आपदा के चलते बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ था. वहीं, अब प्रोजेक्ट प्रबंधन द्वारा फिर से इसकी मरम्मत की जा रही है. ऐसे में बीते 5 माह से 126 मेगावाट के इस विद्युत प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन बंद है. जिसके चलते आने वाले समय में सर्दियों में हिमाचल प्रदेश में बिजली का संकट गहरा सकता है. वहीं, ग्रामीण इलाकों में सर्दी के कट भी लोगों को परेशान कर सकते हैं. अब बिजली बोर्ड द्वारा इसके मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है और 15 दिसंबर तक एक टरबाइन को चलाने का भी लक्ष्य रखा गया है.
लारजी विद्युत प्रोजेक्ट में 42-42 मेगावाट क्षमता की तीन टरबाइन हैं. ब्यास नदी में बाढ़ आने के बाद पानी और मलबे से प्रोजेक्ट की भूमिगत चार मंजिला बुरी तरह से प्रभावित हुई थी. इसके बाद बिजली बोर्ड के अधिकारियों द्वारा भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड से इसके नुकसान का आकलन करवाया गया और अब इसकी मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. बिजली बोर्ड का प्रयास है कि 15 दिसंबर तक इसकी एक टरबाइन को शुरू कर दिया जाए. ऐसे में अगर 15 दिसंबर तक इसकी टरबाइन शुरू नहीं होती है तो, हिमाचल प्रदेश के तीन जिला में बिजली के कट का लोगों को सामना करना पड़ सकता है.
जुलाई माह में ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते विद्युत प्रोजेक्ट की भूमिगत बनी चार मंजिला मलबे से भर गई थी. उसके बाद यहां से मलबे को साफ करने का काम भी शुरू किया गया था. ऐसे में अब मलबे को बाहर निकल गया है और भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड द्वारा इसकी मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. विद्युत प्रोजेक्ट के बंद होने से अभी तक बिजली बोर्ड को 500 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.
गौरतलब रहे कि लारजी विद्युत प्रोजेक्ट राज्य विद्युत परिषद का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. जिला कुल्लू, मंडी और हमीरपुर को इसकी सीधी बिजली के सप्लाई दी जाती है. जबकि बाकी बिजली ग्रिड के जरिए अन्य राज्यों को भेजी जाती है. 5 माह से प्रोजेक्ट के ठप होने के कारण 3 जिला में अन्य ग्रिड से बिजली उठाई जा रही है. ताकि सप्लाई बाधित न हो. लारजी विद्युत प्रोजेक्ट के बंद होने के चलते आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में इसका बुरा असर पड़ सकता है.
वही लारजी विद्युत प्रोजेक्ट उत्पादन के अधीक्षण अभियंता संजय कौशल ने बताया कि प्रोजेक्ट की मरम्मत का कार्य तेज गति से किया जा रहा है. तीन टरबाइन में एक टरबाइन को 15 दिसंबर तक शुरू कर दिया जाएगा. ताकि सर्दियों के दौरान लोगों को बिजली कट का सामना न करना पड़े. वहीं बाकी बची दो टरबाइन के कार्य भी जल्द पूरे किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: फिर गर्माया हिमाचल और लद्दाख का सीमा विवाद, सरचू में 15 किमी. अंदर तक लगाए पिलर, सुक्खू सरकार ने जताया ऐतराज