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स्थानीय लोगों को डराता है भुंतर पुल, सुबह-शाम ब्रिज पर लगता है लंबा जाम

भुंतर के सिंगल लेन अस्थाई ब्रिज के जाम व पुल की आवाज से लोग बहुत परेशान हैं. साल 1995 में भुंतर पुल बाढ़ का शिकार हुआ था जिसका खामियाजा लोग आज तक भुगत रहे हैं.

भुंतर पुल
भुंतर पुल
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Published : Oct 8, 2020, 11:25 AM IST

कुल्लू: भुंतर में सब्जी मंडी के पास पुल पर लगने वाले जाम व इसकी आवाज से जनता अब दुखी है. स्थानीय जनता और वाहन चालकों का कहना है कि भुंतर पुल की प्लेटों की आवाज रात को सोने नहीं देती और दिन को इसका जाम परेशान करता है.

भुंतर के टैक्सी चालक बेली राम, स्थानीय निवासी घनश्याम, मनीष व ऋषि का कहना है कि भुंतर के सिंगल लेन अस्थाई ब्रिज के जाम व पुल की आवाज से वे बहुत दुखी हैं. रात को पुल की आवाज डराती है तो वहीं सुबह से शाम तक जाम ने परेशान करके रखा है.

वीडियो रिपोर्ट

किसानों-बागवानों को सब्जी व फल मंडी पहुंचाने के लिए भुंतर के संकरे पुल के पास खूब पसीना बहाना पड़ता है. यहां के लोग बीते 25 सालों से पुल पर जाम से परेशान हैं. साल1995 में भुंतर पुल बाढ़ का शिकार हुआ था जिसका खामियाजा लोग आज तक भुगत रहे हैं.

25 सालों के अंतराल में कई बार सरकारें बदलीं, लेकिन ब्यास-पार्वती नदी संगम पर बने अस्थाई ब्रिज को किसी ने स्थाई बनाने की जहमत नहीं उठाई. जनहित में यातायात की इस समस्या को देखते हुए माननीय हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है, लेकिन काईकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है.

हर बार पुल की मरम्मत करके काम चलाया जाता है. चीफ इंजनियर नेशनल हाईवे शिमला के आदेशानुसार एनएच पंडोह ने मेरिडियन बिल्डर से डबल लेन स्टील ट्रस टाइप ब्रिज के टेंडर आवॉर्ड कर दिए. अभी तक मामला केवल पुल के डिजाइन टेंडर तक ही सीमित है.

स्थानीय निवासी घनश्याम का कहना है कि पुल की प्लेटों के शोर से वो रात को सो नहीं पाते. ऐसे में यहां कंक्रीट का पुल बनाया जाए. वहीं, टैक्सी चालक बेली राम का कहना है कि सिंगल लेन पुल पर सुबह के समय काफी लंबा जाम लगता है. इस जाम के कारण भी लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते.

कुल्लू: भुंतर में सब्जी मंडी के पास पुल पर लगने वाले जाम व इसकी आवाज से जनता अब दुखी है. स्थानीय जनता और वाहन चालकों का कहना है कि भुंतर पुल की प्लेटों की आवाज रात को सोने नहीं देती और दिन को इसका जाम परेशान करता है.

भुंतर के टैक्सी चालक बेली राम, स्थानीय निवासी घनश्याम, मनीष व ऋषि का कहना है कि भुंतर के सिंगल लेन अस्थाई ब्रिज के जाम व पुल की आवाज से वे बहुत दुखी हैं. रात को पुल की आवाज डराती है तो वहीं सुबह से शाम तक जाम ने परेशान करके रखा है.

वीडियो रिपोर्ट

किसानों-बागवानों को सब्जी व फल मंडी पहुंचाने के लिए भुंतर के संकरे पुल के पास खूब पसीना बहाना पड़ता है. यहां के लोग बीते 25 सालों से पुल पर जाम से परेशान हैं. साल1995 में भुंतर पुल बाढ़ का शिकार हुआ था जिसका खामियाजा लोग आज तक भुगत रहे हैं.

25 सालों के अंतराल में कई बार सरकारें बदलीं, लेकिन ब्यास-पार्वती नदी संगम पर बने अस्थाई ब्रिज को किसी ने स्थाई बनाने की जहमत नहीं उठाई. जनहित में यातायात की इस समस्या को देखते हुए माननीय हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है, लेकिन काईकोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है.

हर बार पुल की मरम्मत करके काम चलाया जाता है. चीफ इंजनियर नेशनल हाईवे शिमला के आदेशानुसार एनएच पंडोह ने मेरिडियन बिल्डर से डबल लेन स्टील ट्रस टाइप ब्रिज के टेंडर आवॉर्ड कर दिए. अभी तक मामला केवल पुल के डिजाइन टेंडर तक ही सीमित है.

स्थानीय निवासी घनश्याम का कहना है कि पुल की प्लेटों के शोर से वो रात को सो नहीं पाते. ऐसे में यहां कंक्रीट का पुल बनाया जाए. वहीं, टैक्सी चालक बेली राम का कहना है कि सिंगल लेन पुल पर सुबह के समय काफी लंबा जाम लगता है. इस जाम के कारण भी लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते.

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