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श्रीखंड महादेव दर्शन के लिए फिर से पंजीकरण शुरू, प्रशासन ने इस वजह से यात्रा पर लगाई अस्थाई रोक

वीरवार को फिर से प्रशासन ने भक्तों के लिए बेसकैम्प सिंघगाड़ में पंजीकरण शुरू कर दिया है

श्रीखंड यात्रा को लेकर पंजीकरण फिर से शुरू, प्रशासन ने इस वजह से यात्रा पर लगाई अस्थाई रोक
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Published : Jul 18, 2019, 12:14 PM IST

कुल्लू: सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा प्रशासनिक तौर पर 15 जुलाई से शुरू हुई है. दो दिनों में बेसकैम्प सिंघगाड़ में करीब 2200 श्रद्धालुओं का पंजीकरण हुआ. करीब 32 किमी का पैदल सफर करने के बाद यात्री श्रीखंड महादेव के दर्शन कर सकता है.

18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के रास्ते में इस बार कई जगह भारी ग्लेशियर जमा है. पार्वतीबाग से ऊपर ऑक्सीजन की कमी के चलते कई श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिस वजह से इस जोखिम भरी यात्रा में बीते नौ सालों में करीब 35 लोगों की मौतें हो चुकी हैं.

Kullu shree khand travel
श्रीखंड यात्रा को लेकर पंजीकरण फिर से शुरू, प्रशासन ने इस वजह से यात्रा पर लगाई अस्थाई रोक

दो दिन पूर्व नैनसरोवर के पास ग्लेशियर और भूस्खलन होने से रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था, पहाड़ी से पत्थर गिरने से चार लोग चोटिल भी हुए. जबकि ऑक्सीजन की कमी के चलते दम घुटने से पुणे से आये 74 वर्षीय एक श्रद्धालु सुभाष पाटिल की पार्वतीबाग के पास मौत हो गई. जिसका शव रेस्क्यू दल नीचे उतार रहा है. उसके बाद प्रशासन ने यात्रा पर अस्थाई रोक लगा दी थी.

ये भी पढ़े; रिपोर्ट: घर की मजबूरियां बनी बेड़ियां, जिला कुल्लू में ही 19 बेटियां शिक्षा की लौ से दूर

वहीं, वीरवार को फिर से प्रशासन ने भक्तों के लिए बेसकैम्प सिंघगाड़ में पंजीकरण शुरू कर दिया है, लेकिन पार्वती बाग से ऊपर किसी भी श्रद्धालु को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. प्रशासन का कहना है कि, जब तक ऊपर के रास्ते ठीक न हो तब तक किसी को भी आगे नहीं भेजा जाएगा.

कुल्लू: सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा प्रशासनिक तौर पर 15 जुलाई से शुरू हुई है. दो दिनों में बेसकैम्प सिंघगाड़ में करीब 2200 श्रद्धालुओं का पंजीकरण हुआ. करीब 32 किमी का पैदल सफर करने के बाद यात्री श्रीखंड महादेव के दर्शन कर सकता है.

18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के रास्ते में इस बार कई जगह भारी ग्लेशियर जमा है. पार्वतीबाग से ऊपर ऑक्सीजन की कमी के चलते कई श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिस वजह से इस जोखिम भरी यात्रा में बीते नौ सालों में करीब 35 लोगों की मौतें हो चुकी हैं.

Kullu shree khand travel
श्रीखंड यात्रा को लेकर पंजीकरण फिर से शुरू, प्रशासन ने इस वजह से यात्रा पर लगाई अस्थाई रोक

दो दिन पूर्व नैनसरोवर के पास ग्लेशियर और भूस्खलन होने से रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था, पहाड़ी से पत्थर गिरने से चार लोग चोटिल भी हुए. जबकि ऑक्सीजन की कमी के चलते दम घुटने से पुणे से आये 74 वर्षीय एक श्रद्धालु सुभाष पाटिल की पार्वतीबाग के पास मौत हो गई. जिसका शव रेस्क्यू दल नीचे उतार रहा है. उसके बाद प्रशासन ने यात्रा पर अस्थाई रोक लगा दी थी.

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वहीं, वीरवार को फिर से प्रशासन ने भक्तों के लिए बेसकैम्प सिंघगाड़ में पंजीकरण शुरू कर दिया है, लेकिन पार्वती बाग से ऊपर किसी भी श्रद्धालु को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. प्रशासन का कहना है कि, जब तक ऊपर के रास्ते ठीक न हो तब तक किसी को भी आगे नहीं भेजा जाएगा.

Intro:श्रीखंड यात्रा को लेकर फ़िर पंजीकरण हुआ शुरू Body:
पार्वतीबाग से ही भक्तजन कर सकेंगे पूजा अर्चना
बीते कल महाराष्ट्र के एक श्रद्धालु की हुई है मौत


भारत वर्ष की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा प्रशासनिक तौर पर 15 जुलाई से शुरू हुई है । दो दिनों में बेसकेम्प सिंघगाड़ में करीब 2200 श्रद्धालुओ का पंजीकरण हुआ। करीब 32 किमी का पैदल सफर करने के बाद यात्री श्रीखंड महादेव के दर्शन कर सकता है। 18570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के रास्ते इस बार कई जगह भारी ग्लेशियर जमा है। पार्वतीबाग से ऊपर ऑक्सीजन की कमी के चलते कई श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिस वजह इस जोखिम भरी यात्रा में बीते नौ सालों में करीब 35 लोगों की मौतें हो चुकी है।
दो दिन पूर्व नैनसरोवर के पास ग्लेशियर और भूस्खलन होने से रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था। वही, पहाड़ी से पत्थर गिरने से चार लोगों को चोटें भी आई जबकि कई लोग बाल बाल बचे। जबकि ऑक्सीजन की कमी के चलते दम घुटने से पुणे से आये 74 वर्षीय एक श्रध्दालु सुभाष पाटिल की पार्वतीबाग के पास मौत हो गई। जिसके शव को रेस्क्यू दल द्वारा नीचे उतारा जा रहा है। उसके बाद प्रशासन ने यात्रा पर अस्थाई रोक लगा दी थी। Conclusion:वही, वीरवार फ़िर से प्रशासन ने भक्तो के लिए बेसकेम्प सिंघगाड़ में पंजीकरण शुरू कर दिया है लेकिन पार्वती बाग से ऊपर किसी भी श्रध्दालु को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि, जब तक ऊपर के रास्ते ठीक न हो तब तक किसी को भी आगे नही भेजा जाएगा।
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