कुल्लू: बच्चों को अपनी लोक संस्कृति से परिचित करवाने के उद्देश्य से भाषा एवं संस्कृति विभाग कुल्लू ने लाल चन्द प्रार्थी कला केन्द्र में बहस नाट्य कला संगम के सहयोग से अभिरूचि कक्षाओं का आयोजन किया. जिला लोक संपर्क अधिकारी प्रेम सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.
21 जुलाई से 30 जुलाई तक चले इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्थानीय स्कूल और कॉलेज के लगभग 40 बच्चों ने भाग लिया. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भौउंरू कुल्लू की बहुत ही प्राचीन लोक गायन विधा है, जो पुराने समय में प्रेम-प्यार सहित अनेक प्रकार के संदेश के वाहक माने जाते हैं.
उन्होंने कहा कि गायन के बोल और संदेश बिल्कुल स्पष्ट हैं और इसे एक निराली तरज में प्रस्तुत किया जाता है. उन्होंने कहा कि हॉरन में पर्यावरण, आपसी भाईचारे और देवी-देवताओं के आह्वान का अनूठा संगम देखने को मिलता है.
समापन समारोह के अवसर पर बच्चों ने लोक नाट्य हॉरन व लोकगीत भौउंरू की प्रस्तुतियां दी और साथ ही गत 10 दिनों में बच्चों द्वारा अनुपयोगी सामान द्वारा तैयार की गई सजावटी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई.
जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर ने कहा कि भौउंरू तथा हॉरन के पुराने कलाकारों को आमंत्रित करके नई पीढ़ी को इन लोक गीतों व नाटक का बेहतरीन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है.
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