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International Dussehra Festival Kullu: लंका दहन के साथ संपन्न हुआ अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव, अगले साल फिर मिलने का वादा कर लौटे देवी देवता - lanka dahan kullu

International Dussehra Festival Kullu: आज हिमाचल के जिला कुल्लू में चल रहा अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव लंका दहन के साथ ही संपन्न हो गया. पढ़ें पूरी खबर...

kullu dussehra festival 2023
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 30, 2023, 6:19 PM IST

Updated : Oct 30, 2023, 6:33 PM IST

लंका दहन के साथ देवी-देवताओं के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का समापन

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान में चल रहा अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव लंका दहन के साथ ही संपन्न हो गया और यहां पर दशहरा उत्सव में आए सैकड़ों देवी देवता भी वापस अपने देवालय की और लौट गए. ऐसे में 1 साल के बाद फिर से देवी देवताओं का भव्य मिलन होगा और अब अगले साल के लिए देवी देवता आपस से बिछड़ गए हैं. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के समापन अवसर पर लंका दहन की परंपरा को निभाया गया. भगवान रघुनाथ एक बार फिर से अपने रथ पर विराजमान हुए और ढोल नगाड़ों की थाप पर लंका पर चढ़ाई की गई. ऐसे में पुरानी परंपरा का निर्वाह करने के बाद भगवान रघुनाथ भी पालकी में सवार होकर अपने देवालय रघुनाथपुर के लिए भी रवाना हुए. इस लंका दहन में दो दर्जन से अधिक देवी देवताओं ने भी भाग लिया.

लंका दहन के लिए देवी देवताओं का भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में आना 3:00 बजे ही शुरू हो गया था. उसके बाद देव परंपरा को पूरा किया गया और भगवान रघुनाथ अपने रथ पर सवार हुए. जैसे ही भगवान रघुनाथ लंका दहन के लिए निकले तो पूरा ढालपुर जय श्री राम के नारों से गूंज उठा. शाम करीब 4:00 बजे लंका दहन के सभी रस्मों को पूरा किया गया और सबसे पहले माता हिडिंबा का रथ ढालपुर मैदान की ओर रवाना हुआ. माता हिडिंबा की लंका दहन में अहम भूमिका रहती है और भगवान रघुनाथ के रथ को खींचने के लिए भी सैकड़ो लोगों की भीड़ उमड़ती है.

kullu dussehra festival 2023
लंका दहन के साथ संपन्न हुआ ढालपुर का अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव

वहीं, लंका दहन के साथ-साथ जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से आए देवी देवताओं ने भी अपने-अपने देवालय का रुख किया. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में 7 दिनों के बाद फिर से रौनक आएगी, क्योंकि देवी देवताओं के न होने से जिला कुल्लू के मंदिर भी सूने पड़ गए थे. वहीं, अंतिम दिन भी देवी देवताओं ने एक दूसरे के शिविर में जाकर मिलन की प्रक्रिया को पूरा किया और अगले साल फिर मिलने का वादा कर अपने-अपने मंदिरों की ओर लौट आए. भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि लंका दहन के साथ अब अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का समापन हो गया है और अगले साल फिर से ढालपुर मैदान में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- International Dussehra Festival Kullu: अंतरराष्‍ट्रीय कुल्‍लू दशहरा का इतिहास पढ़कर आप भी हो जाएंगे दंग, ऐसी बातें जो आपने सुनी नहीं होंगी!

लंका दहन के साथ देवी-देवताओं के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का समापन

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान में चल रहा अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव लंका दहन के साथ ही संपन्न हो गया और यहां पर दशहरा उत्सव में आए सैकड़ों देवी देवता भी वापस अपने देवालय की और लौट गए. ऐसे में 1 साल के बाद फिर से देवी देवताओं का भव्य मिलन होगा और अब अगले साल के लिए देवी देवता आपस से बिछड़ गए हैं. सोमवार को अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के समापन अवसर पर लंका दहन की परंपरा को निभाया गया. भगवान रघुनाथ एक बार फिर से अपने रथ पर विराजमान हुए और ढोल नगाड़ों की थाप पर लंका पर चढ़ाई की गई. ऐसे में पुरानी परंपरा का निर्वाह करने के बाद भगवान रघुनाथ भी पालकी में सवार होकर अपने देवालय रघुनाथपुर के लिए भी रवाना हुए. इस लंका दहन में दो दर्जन से अधिक देवी देवताओं ने भी भाग लिया.

लंका दहन के लिए देवी देवताओं का भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में आना 3:00 बजे ही शुरू हो गया था. उसके बाद देव परंपरा को पूरा किया गया और भगवान रघुनाथ अपने रथ पर सवार हुए. जैसे ही भगवान रघुनाथ लंका दहन के लिए निकले तो पूरा ढालपुर जय श्री राम के नारों से गूंज उठा. शाम करीब 4:00 बजे लंका दहन के सभी रस्मों को पूरा किया गया और सबसे पहले माता हिडिंबा का रथ ढालपुर मैदान की ओर रवाना हुआ. माता हिडिंबा की लंका दहन में अहम भूमिका रहती है और भगवान रघुनाथ के रथ को खींचने के लिए भी सैकड़ो लोगों की भीड़ उमड़ती है.

kullu dussehra festival 2023
लंका दहन के साथ संपन्न हुआ ढालपुर का अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव

वहीं, लंका दहन के साथ-साथ जिला कुल्लू के विभिन्न ग्रामीण इलाकों से आए देवी देवताओं ने भी अपने-अपने देवालय का रुख किया. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में 7 दिनों के बाद फिर से रौनक आएगी, क्योंकि देवी देवताओं के न होने से जिला कुल्लू के मंदिर भी सूने पड़ गए थे. वहीं, अंतिम दिन भी देवी देवताओं ने एक दूसरे के शिविर में जाकर मिलन की प्रक्रिया को पूरा किया और अगले साल फिर मिलने का वादा कर अपने-अपने मंदिरों की ओर लौट आए. भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि लंका दहन के साथ अब अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का समापन हो गया है और अगले साल फिर से ढालपुर मैदान में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा.

ये भी पढ़ें- International Dussehra Festival Kullu: अंतरराष्‍ट्रीय कुल्‍लू दशहरा का इतिहास पढ़कर आप भी हो जाएंगे दंग, ऐसी बातें जो आपने सुनी नहीं होंगी!

Last Updated : Oct 30, 2023, 6:33 PM IST
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