कुल्लू: देश सहित हिमाचल प्रदेश में भी हर पंचायत में लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना चलाई जा रही है. वहीं, इस योजना में जिला कुल्लू की नारी शक्ति पुरुषों पर भारी पड़ी हैं. जिला कुल्लू में 54 फीसदी महिलाओं ने मनरेगा में इस साल रोजगार हासिल किया है. जबकि पुरुषों की उपस्थित इसमें मात्र 46 प्रतिशत ही रही है. बीते 5 सालों में केवल कुल्लू खंड को छोड़कर किसी भी अन्य खंड में पुरुष महिला कामगारों से ज्यादा काम लेने में सफल नहीं हो पाए हैं. इससे पता चलता है कि मनरेगा के कार्यों में पुरुषों पर नारी शक्ति भारी पड़ रही है.
कुल्लू जिला की अगर बात करें तो यहां पर 97 हजार 281 परिवारों को जॉब कार्ड वितरित किए गए हैं. जिनमें 95 हजार 5 महिलाओं सहित 1 लाख 93 हजार 647 कामगारों को पंजीकृत किया गया है. इन पंजीकृत परिवारों में 69 हजार 260 कार्ड सक्रिय है और 61 हजार 361 महिलाओं सहित 1 लाख 19 हजार 936 कामगार सक्रिय हैं. जिला कुल्लू में अभी तक काम करने वाले 41 हजार 781 परिवारों की 35 हजार 309 महिलाओं ने रोजगार पाया है.
जिला कुल्लू में अगर कुल कार्य दिवस की बात करें तो मनरेगा के तहत 14 लाख 41 हजार 239 कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं. जिनमें महिलाओं ने 7 लाख 86 हजार 64 कार्य दिवस लगाए है. पुरुष कामगारों की बात करें तो उन्होंने 6 लाख 55 हजार 165 कार्य दिवस अर्जित किए हैं. इस साल अभी तक आनी खंड में 9794 महिलाएं, बंजार में 7280, भुंतर में 4326, कुल्लू में 2261, नगर में 2687 तथा निरमंड में 8961 महिलाओं ने रोजगार पाया है.
इसके अलावा आनी खंड में 4 लाख 11 हजार 148 कार्य दिवस में से 2 लाख 21 हजार 260 कार्य दिवस महिलाओं के रहे हैं. वही बंजार में 3 लाख 5 हजार 361 में से 1 लाख 65 हजार 914, भुंतर में 1 लाख 68 हजार 811 में से 87 हजार 787, कुल्लू में 1 लाख 2 हजार 408 में से 44 हजार 636, नग्गर में 92 हजार 438 में से 52 हजार 725 और निरमंड में 3 लाख 61 हजार 77 में से 2 लाख 9 हजार 752 कार्य दिवस महिला कामगारों के हैं.
वहीं, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण विभाग की उपनिदेशक डॉ. जयवंती ठाकुर का कहना है कि सभी पंचायत में मनरेगा के तहत विकास कार्य किया जा रहे हैं और महिलाओं की भागीदारी जिला कुल्लू में सबसे अधिक है. ऐसे में ग्रामीण स्तर में विकास कार्य को पूरा करने में महिलाएं भी अपना पूरा सहयोग दे रही है.
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