कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों से हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त है. वही, 3 दिनों से जिला कुल्लू का संपर्क अन्य जिलों से पूरी तरह से कट गया है. ऐसे में बाहरी राज्यों से न तो सब्जी के सप्लाई हो पा रही है और न ही पेट्रोल डीजल के टैंकर कुल्लू पहुंच पा रहे हैं. अगर जल्द ही सड़क मार्ग बहाल नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के साथ-साथ रोजमर्रा की जरुरतों के लिए भी लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना होगा.
3 दिन से बजौरा में खड़ी सैंकड़ों गाड़ियां: जिला कुल्लू को जिला मंडी से जोड़ने वाला पंडोह सड़क मार्ग भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया हैं. वही, वाया कटोला बजौरा होते हुए भी सड़क मार्ग कन्नौज गांव के पास बुरी तरह से टूट गया है. जिला प्रशासन लगातार कटौला सड़क मार्ग को बहाल करने के दिशा में काम कर रहा है, लेकिन मलबा अधिक होने के कारण अभी तक सड़क बहाल नहीं हो पाई हैं. सड़क बंद होने के कारण बजौरा में 3 दिनों से सैंकडों वाहन खड़े है. वाहनों में लदी हुई सब्जियां और फल भी अब खराब होने लगी है. जिसके चलते किसान बागवान और व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
अब तक 6 मरीजों को किया गया एयरलिफ्ट: जिला कुल्लू और मंडी को जोड़ने वाला सड़क मार्ग बाधित होने के चलते मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जुलाई माह से लेकर अब तक छह मरीजों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से एयरलिफ्ट कर पीजीआई चंडीगढ़ पहुंचाया गया है. जहां पर अब उनका इलाज किया जा रहा है. वही रुटीन चेकअप के लिए चंडीगढ़ या फिर शिमला जाने वाले मरीजों को भी इन दिनों खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि सड़क मार्ग बंद होने के चलते हुए भी अपने इलाज के लिए बाहरी राज्य नहीं जा पा रहे हैं.
भारी बारिश से कुल्लू की कई सड़कें प्रभावित: जिला कुल्लू की अगर बात करें तो जुलाई माह में आई बाढ़ के चलते सड़के बुरी तरह से प्रभावित हुई. आपदा के एक माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी सैंज घाटी की सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है. बंजार की तीर्थन घाटी सहित अन्य इलाकों में भी अभी तक बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है. बंजार से जलोड़ी जोत होते हुए भी आनी के लिए बड़े वाहन डेढ़ माह बाद भी शुरू नहीं हो पाए है. जिस कारण लोगों को महंगा किराया देकर टैक्सी में सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
हाइवे बंद होने से फंसी सैंकड़ों गाड़ियां: 3 दिनों से मंडी से कुल्लू सड़क मार्ग बंद होने के कारण बजौरा में 500 से अधिक वाहन फंसे हुए है. जो सड़क मार्ग बहाल होने का इंतजार कर रहे है. सैकड़ों वाहन चालकों को अब रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा 2 समय का भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है. वही, अन्य समाजसेवी भी फंसे हुए वाहन चालकों की मदद कर रहे है. मंडी से लेकर बिलासपुर सड़क मार्ग पर भी मंडी पुलिस प्रशासन के द्वारा 70 से अधिक पुलिस जवान तैनात किए है, जो कुल्लू आने वाले वाहन चालकों को सड़क किनारे खड़ा कर रहे है.
सड़कें नहीं खुली तो पहियों पर लगेगी ब्रेक: जिला कुल्लू के सभी पेट्रोल पंप पर फिलहाल पेट्रोल व डीजल मिल रहा है, लेकिन अगर 2 दिनों में टैंकर सप्लाई लेकर कुल्लू नहीं पहुंचे तो फिर से जिला कुल्लू में वाहनों के पहियों पर ब्रेक लग सकती है. बीते दिनों भी दोनों सड़क मार्ग के बंद होने के चलते पेट्रोल व डीजल खत्म हो गया था. प्रशासन ने पेट्रोल पंप संचालको को राशनिंग के आर्डर भी जारी किए थे. सड़क की हालत को देखते हुए जिला के पेट्रोल पंप पर फिर से वाहनों की लाइन लगनी शुरू हो गई है. प्रशासन का दावा है कि अभी सभी पंप पर तेल सुचारू रूप से मिल रहा है, लेकिन अगर 2 दिन में सड़क नहीं खुली तो पेट्रोल व डीजल न मिलने से वाहनों को फिर से खड़ा करना होगा.
खड़ी ट्रकों में फल-सब्जियों हो रही खराब: बजौरा में फंसे हुए वाहन चालकों का कहना है कि वो सब्जियां लेकर पंजाब की मंडियों की और निकले थे, लेकिन सड़क मार्ग बंद होने के कारण वो फंस गए है. अब सब्जियां भी खराब होनी शुरू हो गई है. अगर जल्द ही सड़क मार्ग बहाल नहीं हुआ तो सब्जियां खराब हो जाएगी. उन्होंने बताया यहां पर समाजसेवी संस्थाओं द्वारा भोजन की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन सड़क मार्ग बंद होने के कारण उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
सड़क खोलने से खराब मौसम बन रहा बाधा: डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया कि सड़क बहाली के कार्य लगातार किया जा रहा है. फंसे हुए वाहन चालकों को रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा मदद की जा रही है. खराब मौसम सड़क बहाली के कार्य में बाधा बना हुआ है. जैसे ही सड़क बहाल होती है, वैसे ही फंसे हुए वाहनों को निकाल दिया जाएगा. वही, पेट्रोल और डीजल के वाहन भी कुल्लू लाए जाएंगे. अभी पेट्रोल व डीजल की कोई कमी नहीं है.
बिजली और पेयजल परियोजना बाधित: खराब मौसम के कारण जिला कुल्लू के ग्रामीण इलाकों में बिजली और पेयजल व्यवस्था भी बार बार बाधित हो रही है. ग्रामीण इलाकों में भूस्खलन और पेड़ टूटकर बिजली के खंभों पर गिर रहे है. जिसके चलते बिजली आपूर्ति बार-बार बाधित हो रही है. लोगों का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. पेयजल व्यवस्था जुलाई माह में आई बाढ़ के कारण अभी भी कई इलाकों में बाधित है. हालांकि जल शक्ति विभाग ने अस्थाई रुप से पेयजल की व्यवस्था की है, लेकिन नदी नालों का बार-बार बढ़ रहा जलस्तर भी आपूर्ति में बाधा बन रहा है. जिला कुल्लू की सैंज घाटी की बात करे तो जुलाई माह में आई बाढ़ के कारण 1 महीने तक कई ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था बाधित रही और लोगों को अंधेरे में रात गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ा.
भूस्खलन से जिले में मोबाइल कनेक्टिविटी बाधित: मंडी से लेकर कुल्लू तक सड़क मार्ग में भूस्खलन के कारण कुल्लू जिले में दूरसंचार सेवा भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है. दूरसंचार कंपनियों ने जो लाइनें बिछाई है, वो जगह जगह से टूट गई है. जिस कारण कभी इंटरनेट सेवा बंद हो रही है तो, कभी लोगों के फोन से नेटवर्क गायब हो जा रहा है. नेटवर्क नहीं होने से लोग अपने रिश्तेदारों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे है. आपदा के दौरान भी कई इलाकों में 20 दिनों तक नेटवर्क नहीं आया था. नेटवर्क आने के बाद प्रशासन को जानकारी मिली कि किस जगह पर कितना नुकसान हुआ है.
ये भी पढ़ें: Mandi Landslide: जगह-जगह से टूटा किरतपुर-मनाली फोरलेन, वायरल वीडियो में दिखा खौफनाक मंजर, सैंकड़ों गाड़ियां फंसी