कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में अब पर्यटकों के लिए एक नया पर्यटन स्थल तैयार किया गया है. खास बात ये है कि पर्यटक यहां पर पहुंचने के लिए ई-कार का भी उपयोग कर सकेंगे. वन विभाग द्वारा सैलानियों के लिए ई-कार उपलब्ध करवाई जाएगी. 7 किलोमीटर का सफर पर्यटक ई-कार से पूरा कर पाएंगे. ऐसे में सैलानियों को अब पर्यटन नगरी मनाली के अलावा पीज के काईस धार ट्रेक का भी आनंद ले सकेंगे.
कुल्लू मुख्यालय के साथ लगते पीजी की पहाड़ी पर काईस धार स्थित है. यहां पर पहले भी पर्यटक ट्रेकिंग के लिए जाते थे, लेकिन वहां सड़क की सुविधा न होने के चलते अधिकतर सैलानियों को इस जगह के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अब वन विभाग इस जगह का पर्यटन स्थल के रूप में प्रचार-प्रसार कर रहा है. बता दें कि वन विभाग द्वारा पीज से मुख्य सड़क के साथ लगते जीप योग्य सड़क के पुराने ट्रेक को ठीक किया गया है. इस ट्रेक पर ई-कार चलाने का निर्णय लिया गया है. इस कार से पर्यटक घने जंगल से होकर काईस धार तक पहुंच सकेंगे. वन विभाग द्वारा इसके लिए दो ई-कार खरीदी गई है. वहीं, पीज से काईव धार ट्रेक तक इसका ट्रायल भी किया गया. जो पूरी तरह से सफल रहा है. ऐसे में अब 15 दिनों के भीतर इस ट्रेक पर ई-कार सेवा शुरू होने की उम्मीदें जताई जा रही है.
बता दें कि भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में कुल्लू के काईस धार ट्रेक में चलने वाली ई-कार का यह पहला कांसेप्ट होगा. भारत में किसी भी पहाड़ी क्षेत्र में इस तरह का यह पहला प्रयास है. हालांकि, मैदानी इलाकों में कई राज्यों में इस तरह की कार चल रही है, लेकिन पहाड़ में अभी तक ई-कार नहीं चलाई गई है. वहीं, हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर भी पहली बार ई-कार के माध्यम से सैलानी प्राकृतिक सुंदरता का मजा ले सकेंगे.
आने वाले समय में बंजार घाटी के बठाहड़ से बागा सराहन को भी बश्लेउ जोत होते हुए आपस में जोड़ने के लिए भी वन विभाग द्वारा इस तरह की ई कार सुविधा शुरू करने की योजना बना रहा है. क्योंकि अंग्रेजों के जमाने में इस ट्रेक में जीप चला करती थी, लेकिन बाद में इस ट्रेक पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके चलते यह रास्ता खराब हो गया. अब वन विभाग के द्वारा इसका सर्वे किया गया है और जल्द ही इस पूरे ट्रेक की मरम्मत कर ई कार सेवा शुरू करने की भी योजना बनाई जा रही है.
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पीज से काईस धार तक सैलानियों को ले जाने और वापस लाने के लिए विभाग द्वारा दो ई-कार खरीदी गई है. जिस पर 14 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. एक ई-कार में 5-6 सीटर है. जिस ओर 8 लाख रुपये खर्च किया गया है. वहीं, दूसरी ई-कार 4 सीटर है, जिस पर 6 लाख रुपये खर्च किए गए है. इस ट्रेक पर पहले भी सैलानी पैदल पहुंचते थे, लेकिन बुजुर्गों को यहां जाने में दिक्कत उठानी पड़ती थी. अब वन विभाग के द्वारा ई-कार की सुविधा सैलानियों को दी जाएगी. वहीं, वन विभाग कुल्लू के डीएफओ एंजेल चौहान ने बताया कि इस ट्रेक पर ई-कार सेवा का ट्रायल सफल रहा है. अब जल्द ही इस सेवा को शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि वन विभाग ने दो ई-कार खरीद ली है. जिसका अब जल्द संचालन किया जाएगा.
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