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International Labour Day 2023: केंद्र सरकार के राज में हो रहा मजदूरों का शोषण, हित को लेकर कार्य कर रही CPIM - कुल्लू में सीपीआईएम ने मनाया मजदूर दिवस

मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है. इसी कड़ी में आज कुल्लू में भी CPIM ने मजदूर दिवस मनाया. पढ़ें पूरी खबर...

International Labour Day 2023
कुल्लू में CPIM ने मनाया मजदूर दिवस
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Published : May 1, 2023, 3:18 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी के अशोक भवन में सीपीआईएम के द्वारा 1 मई को मजदूर दिवस मनाया गया. वहीं, इस दौरान मजदूरों को लेकर भी चर्चा की गई कि और मांग रखी गई कि केंद्र सरकार मजदूरों के हितों को लेकर निर्देश जारी करें, ताकि देश भर के मजदूरों को इसका फायदा मिल सके. वहीं, इस दौरान यह बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पहली बार अमेरिका के शिकागो में साल 1889 में मनाया गया था. जब अमेरिका में मजदूर अपने हक पर हड़ताल पर बैठ गए थे. इस आंदोलन का मुख्य कारण मजदूरों की कार्य अवधि थी. क्योंकि उस दौरान मजदूर को 1 दिन में 15 घंटे काम करना पड़ता था.

इस आंदोलन के दौरान पुलिस ने मजदूरों पर गोली चलाई जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई थी. ऐसे में इस घटना के 3 साल बाद अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि हर मजदूर से प्रतिदिन 8 घंटे ही काम लिया जाएगा और हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाएगा. अमेरिका के मजदूरों की तरह कई देशों में अभी 8 घंटे काम करने के नियम को लागू किया गया. सीपीआईएम जिला कुल्लू के अध्यक्ष सर चंद ने बताया कि भारत में भी मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत लगभग 34 साल पहले हुई और भारत में भी मजदूरों ने अत्याचार व शोषण के खिलाफ आवाज उठाई. वहीं मजदूरों का नेतृत्व भारत मे वामपंथी दल के द्वारा किया गया था.

सीपीआईएम के जिला अध्यक्ष सर चंद ने बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार के राज्य में पूंजीवाद का बोलबाला है और मजदूरों से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं. वहीं अब केंद्र सरकार के द्वारा यह कानून भी पास किया गया है कि शाम 5:00 बजे के बाद भी महिला को काम के लिए बुलाया जा सकता है. ऐसे में सीपीआईएम मजदूरों के हितों को लेकर काम करेगी और मजदूर विरोधी निर्णय का विरोध किया जाएगा.

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कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय सरवरी के अशोक भवन में सीपीआईएम के द्वारा 1 मई को मजदूर दिवस मनाया गया. वहीं, इस दौरान मजदूरों को लेकर भी चर्चा की गई कि और मांग रखी गई कि केंद्र सरकार मजदूरों के हितों को लेकर निर्देश जारी करें, ताकि देश भर के मजदूरों को इसका फायदा मिल सके. वहीं, इस दौरान यह बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पहली बार अमेरिका के शिकागो में साल 1889 में मनाया गया था. जब अमेरिका में मजदूर अपने हक पर हड़ताल पर बैठ गए थे. इस आंदोलन का मुख्य कारण मजदूरों की कार्य अवधि थी. क्योंकि उस दौरान मजदूर को 1 दिन में 15 घंटे काम करना पड़ता था.

इस आंदोलन के दौरान पुलिस ने मजदूरों पर गोली चलाई जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई थी. ऐसे में इस घटना के 3 साल बाद अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि हर मजदूर से प्रतिदिन 8 घंटे ही काम लिया जाएगा और हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाएगा. अमेरिका के मजदूरों की तरह कई देशों में अभी 8 घंटे काम करने के नियम को लागू किया गया. सीपीआईएम जिला कुल्लू के अध्यक्ष सर चंद ने बताया कि भारत में भी मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत लगभग 34 साल पहले हुई और भारत में भी मजदूरों ने अत्याचार व शोषण के खिलाफ आवाज उठाई. वहीं मजदूरों का नेतृत्व भारत मे वामपंथी दल के द्वारा किया गया था.

सीपीआईएम के जिला अध्यक्ष सर चंद ने बताया कि केंद्र की भाजपा सरकार के राज्य में पूंजीवाद का बोलबाला है और मजदूरों से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं. वहीं अब केंद्र सरकार के द्वारा यह कानून भी पास किया गया है कि शाम 5:00 बजे के बाद भी महिला को काम के लिए बुलाया जा सकता है. ऐसे में सीपीआईएम मजदूरों के हितों को लेकर काम करेगी और मजदूर विरोधी निर्णय का विरोध किया जाएगा.

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