कुल्लू: भारत एक समृद्ध संस्कृति वाला देश है और यह बात कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान सिद्ध होती है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान देश-विदेश से कलाकार कुल्लू के ढालपुर पहुंच रहे हैं. इसी दौरान इराक के कुर्दिस्तान से भी अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में अपनी संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए कलाकारों का प्रतिनिधिमंडल ढालपुर पहुंचा.
कुर्दिस्तान के कलाकारों को भाई भारत की संस्कृति: कुर्दिस्तान से आए कलाकारों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने अपने देश में भारत के बारे में पढ़ा और सुना था. अब भारत आकर उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि कुर्दिस्तान और भारत की संस्कृति का आपस में काफी मेलजोल है. दोनों देशों की संस्कृति भी आपस में मिलती-जुलती है. इस दौरान कुर्दिस्तान के कलाकारों ने सीपीएस सुंदर ठाकुर के साथ भी मुलाकात की और दोनों देशों की संस्कृति को लेकर भी चर्चा की.
'कुल्लू लोक नृत्य और कुर्दिस्तान लोक नृत्य में समानताएं': वही सीपीएस सुंदर ठाकुर ने भी सभी कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि कुल्लू का लोक नृत्य और कुर्दिस्तान का लोक नृत्य में काफी समानताएं हैं. ऐसे में पुराने दौर में दोनों देशों के बीच काफी अच्छे व्यापारिक संबंध भी रहे हैं. वहीं, अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में कुर्दिस्तान के अलावा अन्य कई देशों के कलाकार भी यहां पर पहुंचे हैं. जो सांस्कृतिक संध्या में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. जिससे कुल्लू के ढालपुर में हर ओर चहल-पहल नजर आ रही है.
भारतीय सिनेमा का कुर्दिस्तान में जादू: कुर्दिस्तान से आए कलाकारों का कहना है कि उनके यहां पर बॉलीवुड की फिल्मों के प्रति आज भी लोगों में काफी दीवानगी है. कुर्दिस्तान में लोग आज भी बॉलीवुड हीरो धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन शाहरुख खान को काफी पसंद करते हैं और उनकी फिल्मों को बड़े शौक से देखते हैं. भारत सरकार के इंडियन काउंसिल एंड कल्चर रिलेशन द्वारा उन्हें अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में बुलाया गया. जहां पर वह अब 29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के सामने कला केंद्र में अपने लोक नृत्य का प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा वे जिला कुल्लू के कसोल में भी घूमने गए थे और लाहौल के सिसु का भी दौरा किया. यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी कुर्दिस्तान से मेल खाती है और पहली बार भारत आने पर उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है.
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