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कुल्लू के होनहार बच्चों को सम्मानित करेगा IIM अहमदाबाद, राष्ट्रपति के हाथों मिल सकता है पुरस्कार

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Published : Sep 7, 2019, 11:32 AM IST

जिला कुल्लू में आईआईएम अहमदाबाद के 30 विद्यार्थियों की टीम हिमाचल की सभ्याता, शिक्षा प्रणाली और दुर्गम क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर शोध कर रही है.

स्कूली छात्र

कुल्लू: इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद इन दिनों कुल्लू की सैंज घाटी में शोध कर रही है. शोध के दौरान अच्छे विचारों को प्रस्तुत करने वाले बच्चों को आईआईएम अहमदाबाद सम्मानित करेगा.


देश का भविष्य बनने के लिए बच्चों के टलेंट को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम अहमदाबाद की एक 32 सदस्यों की टीम शोध पर निकली है. यह टीम सैंज घाटी में शोध कर रही है. शोध के दौरान बच्चों के विचारों की वीडियोग्राफी भी की जा रही है.

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आईआईएम प्रोफेसर के साथ छात्रा


बता दें कि आईआईएम अहमदाबाद के 30 विद्यार्थियों के साथ-साथ दो प्रोफेसर भी हिमाचल के बच्चों की पढ़ाई, पहाड़ों, गांव की समस्याओं और गांव की खासियत को लेकर शोध यात्रा कर रहे हैं. शोध के दौरान कुल्लू जिला के जिन बच्चे ने अपने स्कूल के शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने गांव की समस्याओं को बेहतर तरीके टीम के समक्ष रखा है, उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित करने की योजना है.


आईआईएम अहमदाबाद के प्रो.अनिल गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के जिन दुर्गम क्षेत्रों में सुविधाओं का अभाव रहता है, ऐसे स्थानों का शोध करने के लिए संस्थान के 30 विद्यार्थी आए हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने संस्थान के विद्यार्थियों को प्रकृति के बचाव की सीख दी है.

कुल्लू: इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद इन दिनों कुल्लू की सैंज घाटी में शोध कर रही है. शोध के दौरान अच्छे विचारों को प्रस्तुत करने वाले बच्चों को आईआईएम अहमदाबाद सम्मानित करेगा.


देश का भविष्य बनने के लिए बच्चों के टलेंट को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम अहमदाबाद की एक 32 सदस्यों की टीम शोध पर निकली है. यह टीम सैंज घाटी में शोध कर रही है. शोध के दौरान बच्चों के विचारों की वीडियोग्राफी भी की जा रही है.

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आईआईएम प्रोफेसर के साथ छात्रा


बता दें कि आईआईएम अहमदाबाद के 30 विद्यार्थियों के साथ-साथ दो प्रोफेसर भी हिमाचल के बच्चों की पढ़ाई, पहाड़ों, गांव की समस्याओं और गांव की खासियत को लेकर शोध यात्रा कर रहे हैं. शोध के दौरान कुल्लू जिला के जिन बच्चे ने अपने स्कूल के शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने गांव की समस्याओं को बेहतर तरीके टीम के समक्ष रखा है, उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित करने की योजना है.


आईआईएम अहमदाबाद के प्रो.अनिल गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के जिन दुर्गम क्षेत्रों में सुविधाओं का अभाव रहता है, ऐसे स्थानों का शोध करने के लिए संस्थान के 30 विद्यार्थी आए हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने संस्थान के विद्यार्थियों को प्रकृति के बचाव की सीख दी है.

Intro:अहमदाबाद में सम्मानित होंगे कुल्लू के होनहारBody:
इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) अहमदाबाद अच्छे विचारों को प्रस्तुत करने वाले जिला कुल्लू के बच्चों को सम्मानित करेगा। इसके लिए बाकायदा इंस्टीच्यूट के विद्यार्थियों के अलावा प्रोफेसर जिला कुल्लू के शैक्षणिक संस्थानों के अलावा गांव-गांव में शोध कर रहे हैं। शोध की सामाग्री जहां फाइलों में लिखित रूप में विस्तार से लिखी जा रही है। वहीं, फोटोग्राफी के साथ-साथ बच्चों के विचारों की वीडियोग्राफी भी की जा रही है। देश का भविष्य बनने के लिए बच्चों के टलेंट को बढ़ावा देने के लिए आईआईएम अहमदाबाद की एक 32 सदस्य टीम शोध पर निकली है। यह टीम सैंज घाटी में शोध करने में डटी हुई है। शोध के दौरान कुल्लू जिला के जिस बच्चे ने अपने स्कूल के शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अपने गांव की खासियत के साथ-साथ समस्या को अच्छे तरीके के साथ-साथ टीम के शोध के दौरान रखा होगा, उसे सम्मान मिलेगा। ऐसे बच्चों को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित करने की संस्थान की योजना है। बता दें कि आईआईएम अहमदाबाद के 30 विद्यार्थियों के साथ-साथ दो प्रोफेसर पहाड़ी राज्य हिमाचल के बच्चों की पढ़ाई, पहाड़ों, गांव की समस्याओं और गांव की खासियतों को लेकर शोध यात्रा कर रहे है। यह टीम सैंज घाटी के गांवों मेंबपहुंची हुई है। आईआईएम अहमदाबाद के कुल 30 शोधार्थी शोध कर रहे हैं। इनमें भारत के 18 प्रदेशों के 25 शोधार्थियों के साथ-साथ पांच विदेशी शोधार्थी भी हैं, जो संस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं। विदेशी शोधार्थियों में इटली और फ्रांस के हैं। शोधा यात्रा में आईआईएम अहमदाबाद के प्रो. अनिल गुप्ता, प्रो. नवदीप माथुर शामिल हैं। यह जहां यहां के बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके अलावा टीम जिस स्कूल में भी गई, वहां के बच्चों को आईआईएम के विद्यार्थियों ने आडियो, वीडियो कंटेंट इकठा किया और उन्हें सभी विषय के बारे में जानकारी भी दी। वहीं, टीम ने ग्लोब, साइंस, मेप भी स्कूल तक पहुंचाए। शोधार्थियों ने पहली से लेकर जमा दो तक के बच्चों को हर विषय के बारे में जानकारी भी दी। Conclusion:उधर, आईआईएम के प्रो. अनिल गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के दुर्गम क्षेत्रों में जहां पर सुविधाओं का अभाव रहता है, वहां का शोध करने के लिए संस्थान के 30 विद्यार्थी आए हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों ने संस्थान के विद्यार्थियों को प्रकृति के बचाव करने सीख दी है।
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