कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के पीपलागे गांव में दहकते अंगारों पर भक्तों ने देव नृत्य किया. वहीं, माता नैना का जाग उत्सव भी धूमधाम के साथ मनाया गया. इस उत्सव को देखने के लिए जिला कुल्लू के अलावा प्रदेशभर से श्रद्धालु उमडे़. इस जाग महोत्सव में माता भद्रकाली, माता कोयला, माता शीतला, माता छत्रेश्वरी अपने कारकूनों ओर हारियानों सहित विशेष रूप से शामिल हुई.
माता के पुजारी अमित महंत ने बताया कि इस मौके पर भजन मंडली ने भजन कीर्तन के माध्यम से माता की महिमा का बखान कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया. रात्रि एक बजे माता नैना, भद्रकाली अपने, कारकूनों, हारियानो सहित ढोल नगाड़े के साथ मंदिर में प्रवेश किया और अंगारों के चारों ओर परिक्रमा की. माता की शक्ति के आगे श्रद्धालु भी नतमस्तक हो गए.
इस धार्मिक कार्यक्रम को देखने के लिए जिला कुल्लू व मंडी क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ी. बुधवार रात करीब 1:00 बजे माता नैना और भद्रकाली ने अपने कारकूनों, हारियानों व देवलुओं के साथ ढोल-नगाड़ों की थाप पर मंदिर में प्रवेश कर देवालय के साथ अंगारों के चारों ओर परिक्रमा की. इसके बाद जलते अंगारों के बीच हुए नृत्य का अद्भुत दृश्य देखने को मिला.
भद्रकाली माता के पुजारी अमित महंत ने बताया कि इस जाग की अद्भुत बात यह है कि यहां पर माता के गुरु, चेलियां आग के अंगारों पर चलते हैं और माता रानी की कृपा से किसी के भी पैर में आंच तक नहीं आती. उन्होंने बताया कि जाग के दिन माता ने सभी भक्तों के दुखों का निवारण किया और सभी को मनवांछित फल प्रदान किया. वही, माता रानी जाग उत्सव में नारियल के माध्यम से सभी भक्तों के ग्रहों का निवारण करती हैं.
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