मनाली: अप्रैल माह के आखिरी सप्ताह में लगातार बर्फबारी व बारिश ने प्रदेश के किसानों व बागबानों का भारी नुकसान किया है. पहले लंबे अरसे तक प्रदेश सूखे की चपेट में रहा और अब अप्रैल के आखिरी सप्ताह में लगातार बर्फबारी ने भारी नुकसान किया है.
भारी ठंड व बारिश के कारण सेब की फसल लगभग समाप्त हो चुकी है. फ्लावरिंग के समय भारी बारिश ने सेब में लगे फूल गिरा दिए हैं. वहीं, नाशपती व प्लम में जहां सेटिंग हो रही थी उस पर ओले की मार पड़ गई है. जिला के बंजार व आनी क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई है. जिससे फलदार पौधों के अलावा मटर व अन्य सब्जियों की खेती भी तबाह हो गई है.
बर्फबारी का क्रम पांचवें दिन भी जारी
जिला लाहौल स्पीति में भारी बर्फबारी का क्रम पांचवें दिन भी जारी रहा और पर्यटन नगरी मनाली में भी बर्फबारी शुरू हो गई है. लाहौल घाटी के ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्रों दारचा, जिस्पा, योचे, छिका, रारिक, प्यूकर, खंगसर, तिनन, कोकसर, सिस्सू, गोंदला, दालंग, नैनगाहर, गवाड़ी, चौखंग व मायड़ घाटी में दो से तीन फुट बर्फ गिर चुकी है और यह क्रम लगातार जारी है.
जन जीवन अस्त व्यस्त
वहीं, स्पीति में भी लोसर, क्योटो, हंसा, चिचम, टशीगंग, हिकम, किबर लंगचा सहित पिन वैली में भारी हिमपात हो रहा है. पांच दिनों से हो रही बर्फबारी के चलते समस्त जिला में जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. बर्फबारी से जिला में एक दूसरे गांव कि घाटी का संपर्क कट गया है. जिसे प्राकृतिक लॉकडाउन कहा जा रहा है.
यहां पांच फुट बर्फबारी हो चुकी है
बारालाचा दर्रे सहित रोहतांग, कुंजम व शिंकुला दर्रे में चार से पांच फुट बर्फबारी हो चुकी है. बर्फबारी ने लाहौल स्पीति जिला के लोगों के साथ-साथ बीआरओ की भी दिक्कत बढ़ा दी है. बीआरओ को मनाली लेह मार्ग सहित मनाली रोहतांग कोकसर मार्ग, ग्राम्फू समदो मार्ग, तांदी संसारी मार्ग व दारचा पदुम मार्ग की बहाली नए सिरे से करनी पड़ेगी.
बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि सभी दर्रों में चार से पांच फुट तक हिमपात हुआ है. उन्होंने कहा कि बीआरओ मौसम साफ होते ही सड़कों की बहाली शुरु कर देगा. वहीं, जिला कुल्लू के आनी व निरमंड में भी बर्फबारी शुरू हो गई है. लगातार बर्फबारी व बारिश से पहाड़ों से हिमस्खलन व भूस्खलन का भी खतरा बढ़ गया है.
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