कुल्लू: सनातन धर्म में नवग्रहों का अपना-अपना महत्व है. तो वहीं, ग्रहों में देवगुरु की उपाधि बृहस्पति महाराज को दी गई है. वीरवार या गुरुवार का दिन बृहस्पति ग्रह से संबंधित है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. बृहस्पति यानी गुरुवार को व्रत करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है.
भगवान विष्णु की करें पूजा: गुरुवार के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस दिन जो भी व्यक्ति आस्था और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं, उसके जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं. बृहस्पतिवार को पीले वस्त्रों को धारण करना भी शुभ माना गया है.
गुरुवार का व्रत करने से मिलेगा ये फल: ग्रहों के गुरु बृहस्पति भगवान का व्रत करने से कई फल मिलते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और केले के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व होता है. क्योंकि केले के पेड़ में भगवान विष्णु और बृहस्पति का वास माना गया है. पूरे विधि विधान और सच्चे भाव से जो भी ये व्रत करता है उसे आर्थिक रूप से लाभ, नौकरी में तरक्की मिलती है. वहीं, शारिरिक बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है. वहीं, अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर है तो भी आप ये व्रत जरूर रखें और बृहस्पति भगवान और विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की आराधना जरूर करें. आपके सभी कष्ट दूर होंगे.
व्रत करने से पहले जानें पूजा की विधि: गुरुवार के दिन सुबह स्नान कर पीले कपडे़ धारण करें. इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. दीपक जलाएं और जल, पीले फूल, चंदन और प्रसाद अर्पित करें. वहीं, केले के वृक्ष के नीचे बैठकर भी भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व और बढ़ जाता है. वहीं, बृहस्पति भगवान की कथा भी जरूर पढ़ें. कुंडली में बृहस्पति मजबूत करने के लिए मस्तक पर हल्दी का टीका लगाया और हल्दी की माला धारण करें. इस दौरान भगवान विष्णु के समक्ष अपनी मनोकामना रखें और सच्चे भाव से उनकी पूजा करें.
केलों का करें दान: गुरुवार के दिन केले बांटने का भी विशेष महत्व है. भगवान को प्रसाद में चढ़ाए गए केलों को बच्चों में बांट दें. ऐसा करने से आपके घर में खुशहाली आएगी और घर में शांति बनी रहेगी. वहीं, आप आर्थिक स्थिति में सुधार करना चाहते हैं तो गुरुवार के दिन सुबह नहाने के बाद तुलसी माता को गाय का कच्चा दूध अर्पित करने का भी बहुत महत्व है.
ये भी पढ़ें: Amalaki Ekadashi 2023: 3 मार्च को मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, जानें महत्व और व्रत पारण का समय