कुल्लू: दुनिया की सबसे खतरनाक और रोमांचकारी यात्राओं में से एक पवित्र श्रीखंड महादेव यात्रा शुरू हुए एक हफ्ते का समय हो चुका है. इस यात्रा के लिए कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को अपनी जान हथेली पर रखकर 8 दर्रे पार करते हुए अंतिम पड़ाव पर पहुंचना पड़ता है.
बता दें कि कुल्लू जिले के आनी उपमंडल के बागीपुल की 22 वर्षीय ईशानी ने इस बार लगातार तीसरी बार श्रीखंड महादेव की यात्रा कर ली. ये 35 किलोमीटर की सबसे कठिन यात्रा ईशानी ने नंगे पैर की है. युवा ईशानी के हौसले और श्रद्धा के आगे निरमंड खंड की 18570 फीट की ऊंचाई, कंटीला और बर्फीला रास्ता भी छोटा पड़ गया.
ईशानी ठाकुर ने बताया कि वे 13 जुलाई को घर से नंगे पांव निकली थी और 17 जुलाई को घर लौटी. इस दौरान करीब 11 घंटे नंगे पांव बर्फ पर भी बिताए. पार्वती बाग से श्रीखंड तक की करीब चार घंटों की सीधी चढ़ाई, फिर श्रीखंड में बिताए करीब दो घंटे और वापस पार्वती बाग तक का बर्फ पर तय किया सफर उनके जीवन के सबसे बेहतरीन पलों में से एक है.
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ईशानी ने बताया कि बहुत से लोगों ने यहां तक कहा कि इस दिखावे के साथ यात्रा करने की क्या जरूरत थी, लेकिन जब बर्फ पर पैदल चलकर श्रीखंड पहुंची और श्रीखंड महादेव, पार्वती और गणेश भगवान के दर्शन के बाद वहां सफाई की, उससे जो शांति मिली वे पल जीवनभर याद रहेंगे.
ईशानी ने बताया कि श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए उनके घर के पास से श्रद्धालु गुजरते थे तो उन्हें भी मन में विचार आता था कि वे भी यात्रा पर जाएंगी. 2016 में जब घर में कहा कि वे श्रीखंड यात्रा पर जाना चाहती हैं वे भी नंगे पांव तो अनुमति नहीं मिली. 2017 में जिद्द करके वे अकेले ही यात्रा पर निकल पड़ी और सकुशल लौटी. 2018 में भी पार्वती बाग से अकेले गई थी और रात भी श्रीखंड में ही काटी थी.
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