कुल्लू: जिला कुल्लू में विदेश से आ रही सेब की किस्मों के चलते बागवानों का रुझान भी इस ओर बढ़ा है. जल्दी फसल देने वाली इन किस्मों से बागवानों को लाभ मिल रहा है. साथ ही इन पौधों के लिए यहां का वातावरण भी उपयुक्त माना जा रहा है.
जिला कुल्लू में भी इटली से आ रही सेब की नए पौधों के बारे में बागवान आकर्षित हुए हैं. कई बगीचों में इसकी खेती भी की जा रही है. दरअसल, सेब की यह किस्म कम समय में उत्पादन शुरू कर देती है. इनका आकार भी छोटा रहता है. साथ ही किसी भी खराब मौसम में इस किस्म के पौधों को नेट में सुरक्षित रखा जा सकता है.
बागवानी विभाग पिछले कुछ सालों से बागवानों को इटली की अच्छी किस्म व ज्यादा फल देने वाले सेब के पौधे उपलब्ध करवा रहा है. वहीं, बागवान अब खुद भी इटली से यह पौधे मंगवा रहे है. विभाग द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत विश्व बैंक योजना के अंतर्गत कलस्टर आधार पर बनाए समूह में प्रति किसान को इटली के 50 सेब के पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं.
जिला कुल्लू के अलग-अलग क्षेत्रों में जहां अनुकूल मौसम में साधारण सेब की पैदावार में हमेशा गिरावट आती है, लेकिन इटली के सेब सभी प्रकार के मौसम में अच्छी पैदावार देगा. इटालियन सेब की किस्म का पौधा दो साल में फल देना शुरू कर देता है. इसके अलावा इन पौधों में हर साल अच्छी फसल होती है.
इस किस्म के पौधों के लिए बागवानों को पसीना नहीं बहाना पड़ता है. इसका पौधा कम जगह लेता है और फैलाव भी काफी कम होता है, जिससे यह बागवानों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है.
बागवान तिलक राज ने कहा कि उन्होंने भी अपने बगीचे में इटली से मंगवाए सेब के पौधे लगाए हैं. ये पौधे कम समय में ही सेब की फसल देना शुरू कर देता है. गौर रहे कि विदेशी किस्म के सेब के पौधों के लिए यहां का वातावरण काफी बेहतर है. स्थानीय युवा भी इस विदेशी किस्म को लगाकर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं.