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देसी-विदेशी सैलानियों की सैरगाह बनेगी लगघाटी, वन विभाग की टीम ने किया मठासौर-बड़ासौर का साइट का दौरा

लगघाटी में पर्यटन की लौ जलाने के लिए कदम ताल शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने लगघाटी की प्राकृतिक छटा से लबरेज अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का फैसला लिया है.

Forest Department team site visit to Mathasaur
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Published : Oct 20, 2019, 2:31 PM IST

कुल्लू: लगघाटी में पर्यटन की लौ जलाने के लिए कदम ताल शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने लगघाटी की प्राकृतिक छटा से लबरेज अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का फैसला लिया है. इसी को लेकर वन महकमे के अधिकारियों समेत लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति के पदाधिकारियों ने मठासौर और बड़ासौर साइट दौरा किया.

ब्रिटिश शासन काल के दौरान घाटी में एक पैदल मार्ग हुआ करता था जो कि आज अपना अस्तित्व खो चुका है. इसका पुनर्निर्माण कर घाटी को देसी विदेशी सैलानियों की सैरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा.

प्रदेश सरकार ने घाटी में पर्यटन विकास को विकसित कर घाटी के लोगों की आर्थिकी को मजबूत करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए विभागाधिकारियों को भी दिशा निर्देश दिए हैं. इसी को लेकर वन महकमे की टीम ने साइट पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.

जिला भाजपा के मीडिया प्रभारी खुशहाल सिंह राठौर ने कहा कि सरकार घाटी के लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के साथ साथ इलाका वासियों की आर्थिकी को भी सुदृढ़ करना चाहती है. इसी को लेकर सरकार और विभागों ने घाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को चिन्हित करने का काम शुरू किया है. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते विभाग के अधिकारी लगघाटी के गोरूडुघ जाकर स्थिति का जायजा लेंगे.

वन महकमे ने ब्रिटिशों द्वारा निर्मित पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण करने का फैसला लिया है. इसके साथ पर्यटन और धार्मिक पर्यटन को कैसे विकसित किया जाएगा. इसे लेकर प्राकलन तैयार किया जाएगा. वन विभाग के अरण्यपाल अनिल शर्मा ने कहा कि कुल्लू-काईसधार-कडौन रेस्ट हाउस तक पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज मठासौर और बड़ासौर को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए लोगों और विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जाएगा.

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ये भी पढ़ें: भुंतर एयरपोर्ट के नाम पर हो रही ठगी, युवाओं को दिया जा रहा नौकरी का झांसा

कुल्लू: लगघाटी में पर्यटन की लौ जलाने के लिए कदम ताल शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने लगघाटी की प्राकृतिक छटा से लबरेज अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने का फैसला लिया है. इसी को लेकर वन महकमे के अधिकारियों समेत लगघाटी पर्यावरणीय पर्यटन विकास समिति के पदाधिकारियों ने मठासौर और बड़ासौर साइट दौरा किया.

ब्रिटिश शासन काल के दौरान घाटी में एक पैदल मार्ग हुआ करता था जो कि आज अपना अस्तित्व खो चुका है. इसका पुनर्निर्माण कर घाटी को देसी विदेशी सैलानियों की सैरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा.

प्रदेश सरकार ने घाटी में पर्यटन विकास को विकसित कर घाटी के लोगों की आर्थिकी को मजबूत करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए विभागाधिकारियों को भी दिशा निर्देश दिए हैं. इसी को लेकर वन महकमे की टीम ने साइट पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.

जिला भाजपा के मीडिया प्रभारी खुशहाल सिंह राठौर ने कहा कि सरकार घाटी के लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के साथ साथ इलाका वासियों की आर्थिकी को भी सुदृढ़ करना चाहती है. इसी को लेकर सरकार और विभागों ने घाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को चिन्हित करने का काम शुरू किया है. उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते विभाग के अधिकारी लगघाटी के गोरूडुघ जाकर स्थिति का जायजा लेंगे.

वन महकमे ने ब्रिटिशों द्वारा निर्मित पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण करने का फैसला लिया है. इसके साथ पर्यटन और धार्मिक पर्यटन को कैसे विकसित किया जाएगा. इसे लेकर प्राकलन तैयार किया जाएगा. वन विभाग के अरण्यपाल अनिल शर्मा ने कहा कि कुल्लू-काईसधार-कडौन रेस्ट हाउस तक पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाएगा. इसके अलावा प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज मठासौर और बड़ासौर को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए लोगों और विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जाएगा.

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Intro:...तो देशी-विदेशी सैलानियों की सैरगाह बनेगी लगघाटी
अस्तित्व खो चुके ब्रिटिशकालिन मार्ग का होगा पुनर्निर्माण
वन महकमे की टीम ने किया अनछुए पर्यटन स्थलों का साइट बिजिटBody:
कुल्लू :
लगघाटी में पर्यटन की लौ जलाने के लिए कदम ताल शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने लगघाटी की प्राकृतिक छटा से लबरेज अनछुए पर्यटन स्थालों को विकसित करने का निर्णय लिया है। इसी को लेकर वन महकमे के अधिकारियों सहित लगघाटी पर्यावर्णिय पर्यटन विकास समिति के पदाधिकारियों ने मठासौर तथा बड़ासौर का साइट बिजिट किया। ब्रिटिश शासन काल के दौरान घाटी में एक पैदल मार्ग हुआ करता था जो कि आज अपना अस्तित्व खो चुका है। इसके पुनर्निर्माण कर घाटी को देशी विदेशी सैलानियों की सैरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यालय से सटी होने के बावजूद भी लगघाटी आज भी विकास की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाई है। दुनिया जहां चांद पर बसने की सोच रहा है वहीं प्रकृतिक सुंदरता से लबरेज लगघाटी विकास से कोसों दूर खड़ी है। स्वत्रंता के बाद निरंतर राजनीतिक उपेक्षा के चलते आज तक घाटी का कायाकल्प नहीं हो पाया है। अब प्रदेश सरकार ने घाटी में पर्यटन विकास को विकसित कर घाटी के लोगोंं की आर्थिकी को मजबूत करने का फैसला लिया है। सरकार ने घाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को संवारने तथा विकसित करने का निर्णय लिया है। मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर ने इसके लिए विभागाधिकारियों की भी दिशा निर्देश दिए हैं। इसी को लेकर वन महकमे की टीम ने साइट पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जिला भाजपा के मिडिया प्रभारी खुशहाल सिंह राठौर ने कहा कि सरकार घाटी के लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के साथ साथ इलाका वासियों की आर्थिकी को भी सुदृढ़ करना चाहती है। इसी को लेकर सरकार तथा विभागों ने घाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को चिहिंत करने का कार्य शुरू किया है। आगमी सप्ताह विभाग के अधिकारी लगघाटी के गोरूडुघ जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। वन महकमे ने ब्रिटिश हुक्कमरानों द्वारा निर्मित पैदल मार्ग जो कि सरकारी अपेक्षा के चलते अपना अस्तित्व खो चुका है का पुनर्निर्माण करने का फैसला लिया है। इसके साथ पर्यटन व धार्मिक पर्यटन को कैसे विकसित किया जाएग इसको लेकर हकमा प्राकलन भी तैयार करेगा। वन विभाग के अरण्यपाल अनिल शर्मा ने कहा कि कुल्लू- काईसधार- कडौन रेस्ट हाउस तक पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज मठासौर तथा बड़ासौर को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए लोगों तथा विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जाएगा। अनिल शर्मा ने कहा कि आगमी सप्ताह विभाग की टीम गोरूडु़ग का साइट बिजिट करेगी। जिला पर्यटन विकास अधिकारी बीएस नेगी ने कहा कि विभाग विभिन्न विभागों का सहयोग लेकर लगघाटी के अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित कर घाटी में पर्यटन विकास की लौ जगाएगा। Conclusion:उधर लगघाटी पर्यावरणिय पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष प्रताप ठाकुर, महा सचिव कुशाल, मुख्य सलाहकार हुक्कम चाहडू, उपाध्यक्ष चमन ठाकुर, मोहर ठाकुर, अभिषेक ठाकुर, सचिव रणवरी ठाकुर, अर्जन ठाकुर, सलाहकार मोहर सिंह नेगी, कोषाध्यक्ष बलवीर ने कहा कि अगर सरकार घाटी में पर्यटन विकास की अलख जगाएगी तो घाटी में स्वरोजगार के द्वार खुलेंगे।
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