कुल्लू: जिला के बंजार उपमंडल की अनेक ग्राम पंचायतों के चैहणी, वेहलो, बाहू, देउठा, चेडा, फरयाडी, पेखडी समेत कई ग्रामीण इलाकों में भी भगवान विष्णु के सम्मान में फागली उत्सव की शुरूआत हो गई है. बर्फबारी के बाद शुरू हुए फागली उत्सव से घाटी का वातावरण एक बार फिर से देवमयी हो रहा है.
देव समाज से जूड़े हुए लोगों का कहना है कि हर साल की भांति इस वर्ष भी फाल्गुन संक्रांति से मनाया जाने वाला फागली उत्सव भगवान विष्णु नारायण के दस अवतारों की गाथाओं के साथ बुराई पर अच्छाई की,पाप पर पुण्य की और अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव शुरू हो गया है. कुल्लू के बाहर रहने वाले सभी ग्रामीण इस उत्सव में शामिल होने के लिए घर लौट आए हैं.
बता दें कि इस उत्सव में विष्णु के कृष्णावतार की रास लीलाओं की गाथाओं का गुणगान स्थानीय लोग पहाड़ी परंपरागत तरीके से करते हैं. फागुली उत्सव विष्णु भगवान की पौष माह के अंतिम सप्ताह में स्वर्गलोक की यात्रा और मकर संक्रांति की पूर्व संध्या को भूलोक पर वापसी के बाद उनके पहले धार्मिक अवतार समारोह के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान उनके द्वारा रचाई गई लीलाओं का गुणगान 18 लोकगीतों के माध्यम से किया जा रहा है.
फागली उत्सव में अश्लील गालियों का दौर भी शुरू हो गया है. इन अश्लील गालियों को फागली उत्सव का ही एक अंग माना जाता है, इसलिए इन्हें बुरा नहीं माना जाता है. बल्कि इन्हे बुरी शक्तियों को भगाने का एक उपाय माना जाता है.
फागली उत्सव पर विष्णुनारायण अपने निवास स्थानों और देवालयों से बाहर निकलकर अपने मंदिरों की पालकियों, रथों और विराजमान होकर हारियान क्षेत्र की परीकर्मा करते हैं. उनके सम्मान में अवतार समारोह मनाया जाता है.
ये भी पढ़ें: पुलवामा के शहीद तिलकराज की एक साल बाद ना प्रतिमा लगी...ना गांव में बना गेट