कुल्लूः जिला में कोरोना कर्फ्यू के बीच जहां दुकानों के खुलने का समय बढ़ा दिया गया है. तो वहीं बाजारों में खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ भी उमड़ रही है, लेकिन सार्वजनिक परिवहन बसों व ऑटो व टैक्सियों के ना चलने से लोगों को खासी परेशानी भी उठानी पड़ रही है.
मरीजों को भी क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू आने में खासी परेशानी
कुल्लू के ग्रामीण इलाकों से अगर लोगों को अपने काम से जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर पहुंचना हो तो उन्हें या तो लिफ्ट का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर पैदल ही ढालपुर का रुख करना पड़ रहा है. इसके अलावा मरीजों को भी क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू आने में खासी परेशानी हो रही है.
सार्वजनिक परिवहन को देनी चाहिए छूट
ढालपुर में भी एक बुजुर्ग व्यक्ति ने मीडिया के समक्ष अपनी आपबीती सुनाई. बुजुर्ग तेज सिंह का कहना है कि उन्हें अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए कुल्लू अस्पताल आना पड़ता है, लेकिन परिवहन सुविधा न होने से उन्हें खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. तेज सिंह ने बताया कि बुधवार को भी अखाड़ा बाजार से पैदल चलकर वो अपनी बुजुर्ग पत्नी के साथ ढालपुर अस्पताल पहुंचे. पैदल चलने के कारण उनकी समस्या बढ़ रही है.
बुजुर्ग तेज सिंह का कहना है कि उनकी तरह कई ऐसे लोग शहरों व ग्रामीण इलाकों में रहते हैं जिनके पास आवागमन का कोई साधन नहीं है. ऐसे में प्रदेश सरकार को सार्वजनिक परिवहन में भी छूट देनी चाहिए, ताकि किसी मरीज या आपात स्थिति में सफर करने वाले लोगों को राहत मिल सके.
सरकार से की ऑटो चलाने की अनुमति देने की मांग
तेज सिंह का कहना है कि उनके पहले भी 2 ऑपरेशन हो चुके हैं ऐसे में पैदल चलना अब उनके बस में नहीं है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि बुजुर्गों व मरीजों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए कुल्लू शहर में ऑटो चलाने की अनुमति जल्द चालकों को प्रदान करें.
गौर रहे कि बुजुर्ग की आपबीती को सुनकर कार सेवा संस्था के द्वारा उन्हें वापस घर जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया करवाई गई. बुजुर्ग को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल से वापस उनके घर तक भी छोड़ा गया.
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