कुल्लू: जिला मुख्यालय में स्थित ढालपुर देवसदन में शनिवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान मंत्री ने जिले में चल रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि पर्यटन की दृष्टि से कुल्लू जिले का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है. वहीं, जिला में पर्यटन को और बेहतर बनाने व विकसित करने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि कुल्लू स्थित ऐतिहासिक कला केंद्र भवन के ऊपर छत लगाने और इसे काष्ठ शैली में सुंदर तथा आकर्षक बनाने के लिए जिला भाषा अधिकारी को आगामी प्रक्रिया अपनाने को कहा गया है. इसके अलावा शहर की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए है.
शिक्षा मंत्री ने भूतनाथ पुल के मरम्मत कार्य को समय पर पूरा नहीं होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों को मरम्मत के कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देश देते हुए कहा कि समस्या को हल किया जाएगा लेकिन बहानेबाजी किसी भी स्तर पर बर्दाशत नहीं की जाएगी. कोरोना काल में भी विकास कार्य किसी भी तरह से प्रभावित न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वर्चुअली माध्यम से लोगों से जुड़े रहे और करीब 4 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों के शिलान्यास तथा लोकार्पण किया.
विभिन्न विभागों में पिछले 10 वर्षों से बिना खर्च किए पड़े 15 हजार करोड़ रूपए को निकाला गया तथा कोराना काल में विकास के कार्यों पर व्यय किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिला में विकास के बहुत अच्छे काम हो रहे हैं. कुल्लू में मेडिकल कॉलेज जैसा बड़ा स्वास्थ्य संस्थान नहीं है, इसके लिए जिला प्रशासन को कुल्लू में मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि तलाशने को कहा गया है.
जिला में पर्यटन विकास, साहसिक तथा जल क्रीड़ा गतिविधिओं को बढ़ाने व बेहतर बनाने के लिए अलग से रणनीति बनाकर अमलीजामा पहनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया. उन्होंने कहा कि सभी विभाग बेहतर कार्य कर रहे हैं, लेकिन इससे भी अधिक विभागों को नए विंजन के साथ आगे बढ़ते हुए कुछ नया करने की पहल करनी चाहिए. ताकि कुल्लू को एक आदर्श जिले के रूप में विकसित किया जा सके.
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कुल्लू तथा मनाली में अटल आदर्श विद्यालयों के लिए प्राथमिकता के आधार पर भूमि का चयन करें. ग्राम पंचायत प्रीणी तथा हामटा में कल्चर सैंटर विकसित करने के लिए कहा गया. जिला में संचालित किए जा रहे 11 गौसदनों की वर्तमान स्थिति तथा उनमें व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए पशु पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए. बजौरा में 2 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 50 बिस्तरों तथा कटराईं में 90 लाख रुपये से बन रहे आयुर्वेदिक अस्पताल भवनों के निर्माण कार्यों को गति प्रदान करने को कहा गया.
कोराना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला में जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई तैयारियों पर भी बैठक में विस्तृत चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सभी को मास्क लगाना, हाथों को सैनिटाइज करना, वैक्सीनेशन करवाना, सामाजिक दूरी तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाना जरूरी है.
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