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मलाणा के बाद अब बंजार बना चरस का गढ़! तस्करों पर पुलिस की पैनी नजर - डीएसपी बंजार बिन्नी मिन्हास

लाख दावों के बाद भी प्रदेश में नशे के काले कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. बंजार में पकड़ी गई 111 किलो चरस मामले में अभी कई बड़ी मछलियों पर पुलिस की नजर है. जल्द ही इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

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कुल्लू: मलाणा के बाद अब बंजार बना चरस का गढ़
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Published : Jan 16, 2021, 12:44 PM IST

Updated : Jan 16, 2021, 12:56 PM IST

कुल्लू: मलाणा के बाद अब बंजार नशे के कारोबार का गढ़ बनने लगा है. बंजार में पकड़ी 111 किलो चरस मामले में अभी कई बड़ी मछलियों पर पुलिस की नजर है. जल्द ही इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. हालांकि, अभी तक पुलिस टीम जांच में जुटी है. तमाम दावों के बावजूद हिमाचल में चरस की खेती का दायरा कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है.

चरस, अफीम, गांजा के लिए देश-विदेश में हिमाचल के कुल्लू जिला को नशे के रूप में देखा जाने लगा है. यहां पर नशे का इस्तेमाल तो बढ़ा ही है, साथ ही नशीले पदार्थ की पैदावार में भी इजाफा हुआ है. प्रदेश के कुल्लू, मंडी, धर्मशाला, कसोल, मणिकर्ण, बंजार वैली, अपर शिमला के इलाकों में भांग (चरस) और पोस्त खेती अधिक मात्रा में होती है.

मनोरम वादियां नशे के काले कारोबार का बना गढ़!

हर वर्ष पुलिस टीम हजारों बीघा जमीन से पौधों को नष्ट करते हैं लेकिन इसके बावजूद क्विंटलों के हिसाब से चरस बरामद होती है. आखिर यह चरस कहां से आती है. यह पुलिस के लिए एक बड़ा सवाल है. कुल्लू घाटी की मनोरम वादियां इन दिनों नशे के काले कारोबार का गढ़ बन गई है. मादक पदार्थ और आनन-फानन में कमाई की चाहत विदेशियों को हिमाचल के इन अनजान इलाकों की तरफ खींच रही है.

कारोबार के पीछे हो सकती है विदेशी ताकत

आशंका जताई जा रही है कि हिमाचल प्रदेश में नशे के काले कारोबार के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है. माना जा रहा है कि मणिकर्ण घाटी के बाद अब बंजार वैली की ओर रुख कर रहे हैं. मणिकर्ण घाटी में हर पूर्णिमा को यहां होने वाली रेव पार्टियां इसका प्रमाण है. हालांकि इस बार एक पार्टी पर पुलिस ने दबिश दी और आरोपित को पकड़ा गया. इन पार्टी के जरिए दिल्ली, मुंबई से लेकर विदेशों तक यह कारोबार चल रहा है.

42 किलो चरस भी बंजार में की थी बरामद

डीएसपी बंजार बिन्नी मिन्हास के नेतृत्व में इससे पहले 42 किलो चरस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद एक-एक कर के सुराग मिलते गए. बताया जा रहा है कि बंजार में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर अभी भी चरस की खेप है. अब वीरवार को पुलिस ने बंजार से प्रदेश की सबसे बड़ी चरस की खेप 111 किलो चरस बरामद की है. ऐसे में अब इन तस्करों से पूरा पता लगाया जा रहा है कि इनके तार किस-किस से जुड़े हुए हैं.

कुल्लू पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह का कहना है कि चरस तस्करों के नाश के लिए पुलिस लगातार कार्य कर रही है. ऐसे माफिया पर पुलिस निगरानी बनाए हुए हैं. जिला कुल्लू में चरस का काला कारोबार करने वालों को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा. मादक पदार्थ मामले में लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है.

कुल्लू: मलाणा के बाद अब बंजार नशे के कारोबार का गढ़ बनने लगा है. बंजार में पकड़ी 111 किलो चरस मामले में अभी कई बड़ी मछलियों पर पुलिस की नजर है. जल्द ही इस मामले में कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. हालांकि, अभी तक पुलिस टीम जांच में जुटी है. तमाम दावों के बावजूद हिमाचल में चरस की खेती का दायरा कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है.

चरस, अफीम, गांजा के लिए देश-विदेश में हिमाचल के कुल्लू जिला को नशे के रूप में देखा जाने लगा है. यहां पर नशे का इस्तेमाल तो बढ़ा ही है, साथ ही नशीले पदार्थ की पैदावार में भी इजाफा हुआ है. प्रदेश के कुल्लू, मंडी, धर्मशाला, कसोल, मणिकर्ण, बंजार वैली, अपर शिमला के इलाकों में भांग (चरस) और पोस्त खेती अधिक मात्रा में होती है.

मनोरम वादियां नशे के काले कारोबार का बना गढ़!

हर वर्ष पुलिस टीम हजारों बीघा जमीन से पौधों को नष्ट करते हैं लेकिन इसके बावजूद क्विंटलों के हिसाब से चरस बरामद होती है. आखिर यह चरस कहां से आती है. यह पुलिस के लिए एक बड़ा सवाल है. कुल्लू घाटी की मनोरम वादियां इन दिनों नशे के काले कारोबार का गढ़ बन गई है. मादक पदार्थ और आनन-फानन में कमाई की चाहत विदेशियों को हिमाचल के इन अनजान इलाकों की तरफ खींच रही है.

कारोबार के पीछे हो सकती है विदेशी ताकत

आशंका जताई जा रही है कि हिमाचल प्रदेश में नशे के काले कारोबार के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है. माना जा रहा है कि मणिकर्ण घाटी के बाद अब बंजार वैली की ओर रुख कर रहे हैं. मणिकर्ण घाटी में हर पूर्णिमा को यहां होने वाली रेव पार्टियां इसका प्रमाण है. हालांकि इस बार एक पार्टी पर पुलिस ने दबिश दी और आरोपित को पकड़ा गया. इन पार्टी के जरिए दिल्ली, मुंबई से लेकर विदेशों तक यह कारोबार चल रहा है.

42 किलो चरस भी बंजार में की थी बरामद

डीएसपी बंजार बिन्नी मिन्हास के नेतृत्व में इससे पहले 42 किलो चरस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद एक-एक कर के सुराग मिलते गए. बताया जा रहा है कि बंजार में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर अभी भी चरस की खेप है. अब वीरवार को पुलिस ने बंजार से प्रदेश की सबसे बड़ी चरस की खेप 111 किलो चरस बरामद की है. ऐसे में अब इन तस्करों से पूरा पता लगाया जा रहा है कि इनके तार किस-किस से जुड़े हुए हैं.

कुल्लू पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह का कहना है कि चरस तस्करों के नाश के लिए पुलिस लगातार कार्य कर रही है. ऐसे माफिया पर पुलिस निगरानी बनाए हुए हैं. जिला कुल्लू में चरस का काला कारोबार करने वालों को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा. मादक पदार्थ मामले में लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है.

Last Updated : Jan 16, 2021, 12:56 PM IST
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