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Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में भूलकर भी न करें यह काम, वरना पितर हो जाएंगे नाराज, जानें कैसे मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद ?

इस साल 29 सितंबर से पितृपक्ष आरंभ होने जा रहा है. पितृपक्ष के दौरान कुछ खास बातों को विशेष ध्यान देना होता है. इस दौरान भूलकर भी कुछ काम नहीं करना होता है. क्योंकि ऐसा करने से पितर आप से नाराज हो सकते हैं. पढ़िए पूरी खबर...(Pitru Paksha 2023) (Shraddha Tarpan and Pind Daan Importance) (Pitru Paksha Shraddha).

Pitru Paksha 2023
पितृपक्ष में भूलकर भी न करें यह काम
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 26, 2023, 9:06 AM IST

कुल्लू: सनातन धर्म में पितृपक्ष को काफी अहम माना जाता है. पितृपक्ष के दौरान पितरों के निमित्त दान करने का भी विधान शास्त्रों में है. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वज अपने वंशजों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं, लेकिन पितृपक्ष के दौरान अगर कोई व्यक्ति कुछ खास बातों का ध्यान नहीं रखता है तो, पितर खुश होने की बजाय नाराज हो जाते हैं. जिस कारण व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आती है. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान व्यक्ति को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत: पितृपक्ष हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होते हैं. यह 15 दिनों तक चलता है और अमावस्या के दिन पितृपक्ष का समापन किया जाता है. इस बार 29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत होने जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पितर कौवे के रूप में आकर धरती पर विचरण करते हैं और अपने वंशज को भी याद करते हैं. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.

पितृपक्ष के दौरान घर में रखे सात्विक माहौल: आचार्य दीप कुमार का कहना है कि पितृपक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में सात्विक माहौल होना चाहिए. इस दौरान घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनना चाहिए. व्यक्ति को चाहिए कि वह इन दिनों अपने घर में लहसुन और प्याज का सेवन भी बिल्कुल ना करें. पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को पूरे 15 दिनों तक बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए. साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए. ताकि पितृ प्रसन्न हो सके.

पितृपक्ष में पशु-पक्षियों की सेवा करे: इसके अलावा पितृपक्ष के दौरान पूर्वज पक्षी के रूप में भी धरती पर आते हैं. इसलिए पक्षियों का अनादर नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं. पितृपक्ष में पशु पक्षियों की सेवा करने का भी विधान शास्त्रों में लिखा गया है. वही, इस पक्ष के दौरान शास्त्रों में कुछ शाकाहारी चीजों के खाने पर भी रोक लगाई गई है. पितृपक्ष के दौरान घर में लौकी, खीरा, चना, जीरा और सरसों का साग भी नहीं खाना चाहिए.

पितृ पक्ष में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. इसके अलावा शादी, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य भी पितृपक्ष में वर्जित माने गए हैं. पितृपक्ष के दौरान शोक का माहौल होता है. इसलिए इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है.

ये भी पढ़ें: Pitru Paksha 2023: 29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत, पितरों की मोक्ष के लिए ऐसे करें पूजा, जानें श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का महत्व

कुल्लू: सनातन धर्म में पितृपक्ष को काफी अहम माना जाता है. पितृपक्ष के दौरान पितरों के निमित्त दान करने का भी विधान शास्त्रों में है. मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वज अपने वंशजों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं, लेकिन पितृपक्ष के दौरान अगर कोई व्यक्ति कुछ खास बातों का ध्यान नहीं रखता है तो, पितर खुश होने की बजाय नाराज हो जाते हैं. जिस कारण व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां आती है. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान व्यक्ति को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत: पितृपक्ष हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होते हैं. यह 15 दिनों तक चलता है और अमावस्या के दिन पितृपक्ष का समापन किया जाता है. इस बार 29 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत होने जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान पितर कौवे के रूप में आकर धरती पर विचरण करते हैं और अपने वंशज को भी याद करते हैं. ऐसे में पितृपक्ष के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.

पितृपक्ष के दौरान घर में रखे सात्विक माहौल: आचार्य दीप कुमार का कहना है कि पितृपक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में सात्विक माहौल होना चाहिए. इस दौरान घर में मांसाहारी भोजन नहीं बनना चाहिए. व्यक्ति को चाहिए कि वह इन दिनों अपने घर में लहसुन और प्याज का सेवन भी बिल्कुल ना करें. पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म करने वाले व्यक्ति को पूरे 15 दिनों तक बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए. साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए. ताकि पितृ प्रसन्न हो सके.

पितृपक्ष में पशु-पक्षियों की सेवा करे: इसके अलावा पितृपक्ष के दौरान पूर्वज पक्षी के रूप में भी धरती पर आते हैं. इसलिए पक्षियों का अनादर नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से पितर नाराज हो जाते हैं. पितृपक्ष में पशु पक्षियों की सेवा करने का भी विधान शास्त्रों में लिखा गया है. वही, इस पक्ष के दौरान शास्त्रों में कुछ शाकाहारी चीजों के खाने पर भी रोक लगाई गई है. पितृपक्ष के दौरान घर में लौकी, खीरा, चना, जीरा और सरसों का साग भी नहीं खाना चाहिए.

पितृ पक्ष में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. इसके अलावा शादी, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य भी पितृपक्ष में वर्जित माने गए हैं. पितृपक्ष के दौरान शोक का माहौल होता है. इसलिए इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है.

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