हमीरपुर: जिला हमीरपुर में राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा के 1 दिसंबर से बंद होने के नोटिस के बाद से ही लोगों में गहरा रोष है. लोगों ने सरकार के खिलाफ शिमला-कांगड़ा हाईवे पर चार दिनों तक प्रदर्शन किया. इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी इस धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लिया. महिलाओं का कहना है कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल गरीब लोगों के लिए एक वरदान है. इस अस्पताल में 25 किलोमीटर क्षेत्र के लोगों का फ्री इलाज किया जाता है. बाजारों की बजाए यहां पर दवाइयां सस्ती मिलती हैं. उन्होंने मांग की है सरकार को इस समस्या का जल्द निपटारा करना चाहिए. वरना सैकड़ों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करेंगे.
29 और 30 नवंबर को प्रदर्शन
सेवानिवृत्त एसडीओ रविंद्र खन्ना ने बताया कि कागजी कार्रवाई करने के लिए समय लग सकता है. मुख्यमंत्री ने भी इस समस्या को हल करने का आश्वासन दिया है, लेकिन लिखित तौर पर राधा स्वामी मैनेजमैंट को अभी तक कुछ नहीं मिला है. रविंद्र खन्ना ने कहा, "अगर सरकार लिखित तौर पर डेरा ब्यास मैनेजमेंट को आश्वासन देती है, तो अस्पताल यहां से नहीं जा सकता है. इसी के चलते 29 और 30 नवंबर को भोटा चैरिटेबल अस्पताल के बाहर लोग हजारों की संख्या में आकर प्रदर्शन करेंगे."
BJP नेताओं ने प्रदर्शन का किया समर्थन
वहीं, बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा और नैना देवी के विधायक रणधीर शर्मा ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि हिमाचल का एकमात्र राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा में कई सालों से लोगों को फ्री मेडिकल सुविधा दे रहा है. कोरोना काल के समय भी इस संस्था ने लोगों की बहुत सेवा की है. इसके अलावा पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया था. धूमल ने कहा था, "राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल पिछले कई सालों से अपनी सेवाएं गरीब लोगों को दे रहा है. ये अस्पताल जनता के हित में ही काम करता है. इसलिए सरकार जनता के हित के बारे में सोच-समझ कर उचित फैसला ले."
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा पिछले 24 सालों से चला हुआ है. इस अस्पताल के दायरे में करीब 25 से 30 ग्राम पंचायतें आती हैं, जहां के लोग यहां सस्ता इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं. मगर अब पहली दिसंबर से अस्पताल को बंद किए जाने के नोटिस के बाद से लोगों में गहरा आक्रोश है. भोटा में लोग चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों की मांग है कि अस्पताल को बंद न किया जाए, ताकि लोगों को सस्ते और फ्री इलाज की सुविधा मिलती रहे. गौरतलब है कि भोटा चैरिटेबल अस्पताल का कई सालों का करोड़ों रुपयों का GST पेंडिंग है. जिसके कारण अस्पताल की जमीन भी राधा स्वामी सोसाइटी के पास हस्तांतरित नहीं हो पाई है. जिसके चलते अस्पताल में अपग्रेडेशन का काम भी रुका हुआ है. हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी जमीन हस्तांतरण मामले में जल्द लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने का आश्वासन दिया है.