कुल्लू: कोरोना काल में जहां व्यापार को लेकर लोगों को कई आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ी. वहीं, सरकारी काम को लेकर भी लोग काफी परेशान रहे. कोरोना काल में करीब 6 माह तक दिव्यांगों को भी अपना प्रमाण पत्र लेने के लिए खासा परेशान होना पड़ा.
हालांकि विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर तो नहीं काटने पड़ते. इसके लिए अब ऑनलाइन प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन कोरोना काल मे लोकमित्र केंद्र बंद रहने के चलते दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए अप्लाई नहीं कर पाए.
565 से अधिक प्रमाण पत्र दिव्यांगों को नहीं मिल पाए हैं
अब सरकारी कार्यालय सहित लोकमित्र भी खुल चुके हैं और अब विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांग भी सभी औपचारिकताओं को पूरा कर रहे हैं. वहीं, सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के चलते अभी भी 565 से अधिक प्रमाण पत्र दिव्यांगों को नहीं मिल पाए हैं.
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अब हर माह के पहले व अंतिम शनिवार को मेडिकल बोर्ड की बैठक की जा रही है, ताकि जल्द से जल्द प्रमाण पत्र दिव्यांगों को जारी किए जा सके. स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड में विकलांगता की प्रतिशतता 40 से ऊपर हो तो प्रमाण पत्र ऑनलाइन ही जारी किया जाता है.
'4611 लोगों को विकलांगता पेंशन दी जा रही है'
कम्प्यूटर से यूडीआईडी कार्ड लेकर दिव्यांग उसे सरकारी बस में पास की तरह प्रयोग में ला सकता है और ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से ही कल्याण विभाग के द्वारा पेंशन का प्रावधान किया जाता है. जिला कल्याण अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार जिला में 4611 लोगों को विकलांगता पेंशन दी जा रही है. वहीं, सरकार द्वारा दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना के तहत भी पढ़ाई के लिए 29 छात्रों को 29 लाख 86 हजार रुपये की राशि बांटी गई है.
विकलांगता विवाह योजना के तहत भी 10 दंपत्तियों को 3 लाख 25 हजार की धनराशि खर्च की गई है. जिला कल्याण अधिकारी समीर का कहना है कि अभी कुछ आवेदन विभाग के पास नए आए हैं और इसी वित्तीय वर्ष में उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा.
'हर माह 2 बार मेडिकल बोर्ड गठित किया जाता है'
वहीं, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र का कहना है कि हर माह 2 बार मेडिकल बोर्ड गठित किया जाता है. जिसमें ऑनलाइन आवेदन करने वाले लोगों की जांच की जाती है.
जांच में विकलांगता की प्रतिशतता अधिक पाए जाने पर उन्हें प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं. 2148 लोगों की नई यूडीआईडी बनाई गई है और 565 लोगों के आवेदन विभाग के पास प्रमाण पत्र बनाने के लिए आए हैं. जिन्हें जल्द प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
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