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Devta Shamshari Mahadev: आनी के कोहिला में अनूठी देव परंपरा, यहां मेले में उल्टा चलता है देवता का रथ, जानिए क्या है मान्यता?

हिमाचल प्रदेश विश्व भर में देवभूमि के नाम से विख्यात है. प्रदेश में साल भर देवी-देवताओं को समर्पित मेलों का आयोजन किया जाता है. कुल्लू जिले में भी आनी के आराध्य गढपति देवता शमशरी महादेव अपने दौरे पर मौजूद हैं. आनी के कोहिला गांव में पहुंचने पर देवता का रथ उलटा होकर चलता है और भक्तों को वह अपने दर्शन देते हैं. (Devta Shamshari Mahadev) (Devta Shamshari Mahadev on Anni Visit)

Devta Shamshari Mahadev on Anni Visit
कोहिला गांव में उल्टा चलता है देवता का रथ
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 8:33 AM IST

Updated : Sep 9, 2023, 8:46 AM IST

आनी की अनूठी देव परंपरा

रामपुर: हिमाचल प्रदेश का दूसरा नाम देवभूमि है. हिमाचल को यूं ही देव भूमि नहीं कहा जाता है, यहां लगभग हर गांव व कुटुंब में देवी देवताओं के मंदिर विराजमान हैं. अपने-अपने इष्ट देवताओं के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा व अटूट आस्था है. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न गांवों में हमेशा देव परंपराओं का पालन किया जाता है. देवताओं में सम्मान में ग्रामीण साल भर समय-समय पर विभिन्न मेलों का आयोजन करते हैं. इस दौरान ग्रामीण अपनी लोक संस्कृति के रंग में रंगे हुए नजर आते हैं. वहीं, इन मेलों द्वारा युवा पीढ़ी को अपनी देव व लोक संस्कृति को करीब से जानने का अवसर प्राप्त होता है.

दौरे पर आनी के आराध्य देव: हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरा, चंबा का मिंजर मेला और रामपुर का लवी मेला अपनी लोक व देव संस्कृति के लिए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है. कुल्लू जिले के आनी क्षेत्र में भी इन दिनों यहां के आराध्य गढपति देवता शमशरी महादेव 7 साल के लंबे अंतराल के बाद गत 13 अगस्त से अपने अधिकार क्षेत्र के 45 गांवों के दौरे पर निकले हैं. शुक्रवार को देवता अपने लाव लश्कर के साथ आनी के गांव कोहिला पहुंचे. जहां स्थानीय ग्रामीणों ने प्राचीन परंपरा अनुसार उनका भव्य स्वागत किया.

देव परंपरा की मान्यता: मान्यताओं के अनुसार कोहिला गांव में शमशरी महादेव के रथ पर गडूम्बी नाग बैठता है. यानी देव शमशरी महादेव के रथ पर गडूम्बी नाग का मोहरा लगता है. जिन्हें देव शमशरी महादेव का बेटा बताया गया है. देव मान्यता अनुसार इसे ढाई फेर की गद्दी दी गई है और अपना गढ़ यानी क्षेत्र इन्होंने देवता शमशरी महादेव को दिया है. कोहिला गांव में शमशरी महादेव की गद्दी पर बैठे गडूम्बी नाग रथ पर विराजमान होकर उल्टे चलते हैं. यहां अपने भक्तों के हर्षोल्लास के बीच देवता गडूम्बी नाग पीछे की ओर चलते हुए लोगों को दर्शन देते हैं.

देवता आज पहुंचेंगे खुन्न गांव: ग्रामीणों के अनुसार इस अनूठी परंपरा के पीछे बहुत सी मान्यताएं मौजूद हैं. शमशरी महादेव देवता के पुजारी सत पाल शास्त्री ने बताया कि शनिवार को शमशरी देवता अपने प्रवास के दौरान कोहिला से खुन्न गांव पहुंचेंगे. जहां देवता के स्वागत में रविवार को एक भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि देवता का फेर 23 सितंबर को समाप्त होगा.

ये भी पढे़ं: Dev Chunjwala Hoom: 10 हजार फीट पर आराध्य देव चुंजवाला का जागरण, सुबह मुंडन संस्कार के साथ संपन्न

आनी की अनूठी देव परंपरा

रामपुर: हिमाचल प्रदेश का दूसरा नाम देवभूमि है. हिमाचल को यूं ही देव भूमि नहीं कहा जाता है, यहां लगभग हर गांव व कुटुंब में देवी देवताओं के मंदिर विराजमान हैं. अपने-अपने इष्ट देवताओं के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा व अटूट आस्था है. हिमाचल प्रदेश के विभिन्न गांवों में हमेशा देव परंपराओं का पालन किया जाता है. देवताओं में सम्मान में ग्रामीण साल भर समय-समय पर विभिन्न मेलों का आयोजन करते हैं. इस दौरान ग्रामीण अपनी लोक संस्कृति के रंग में रंगे हुए नजर आते हैं. वहीं, इन मेलों द्वारा युवा पीढ़ी को अपनी देव व लोक संस्कृति को करीब से जानने का अवसर प्राप्त होता है.

दौरे पर आनी के आराध्य देव: हिमाचल प्रदेश में कुल्लू दशहरा, चंबा का मिंजर मेला और रामपुर का लवी मेला अपनी लोक व देव संस्कृति के लिए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है. कुल्लू जिले के आनी क्षेत्र में भी इन दिनों यहां के आराध्य गढपति देवता शमशरी महादेव 7 साल के लंबे अंतराल के बाद गत 13 अगस्त से अपने अधिकार क्षेत्र के 45 गांवों के दौरे पर निकले हैं. शुक्रवार को देवता अपने लाव लश्कर के साथ आनी के गांव कोहिला पहुंचे. जहां स्थानीय ग्रामीणों ने प्राचीन परंपरा अनुसार उनका भव्य स्वागत किया.

देव परंपरा की मान्यता: मान्यताओं के अनुसार कोहिला गांव में शमशरी महादेव के रथ पर गडूम्बी नाग बैठता है. यानी देव शमशरी महादेव के रथ पर गडूम्बी नाग का मोहरा लगता है. जिन्हें देव शमशरी महादेव का बेटा बताया गया है. देव मान्यता अनुसार इसे ढाई फेर की गद्दी दी गई है और अपना गढ़ यानी क्षेत्र इन्होंने देवता शमशरी महादेव को दिया है. कोहिला गांव में शमशरी महादेव की गद्दी पर बैठे गडूम्बी नाग रथ पर विराजमान होकर उल्टे चलते हैं. यहां अपने भक्तों के हर्षोल्लास के बीच देवता गडूम्बी नाग पीछे की ओर चलते हुए लोगों को दर्शन देते हैं.

देवता आज पहुंचेंगे खुन्न गांव: ग्रामीणों के अनुसार इस अनूठी परंपरा के पीछे बहुत सी मान्यताएं मौजूद हैं. शमशरी महादेव देवता के पुजारी सत पाल शास्त्री ने बताया कि शनिवार को शमशरी देवता अपने प्रवास के दौरान कोहिला से खुन्न गांव पहुंचेंगे. जहां देवता के स्वागत में रविवार को एक भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि देवता का फेर 23 सितंबर को समाप्त होगा.

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Last Updated : Sep 9, 2023, 8:46 AM IST
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