कुल्लू: कोरोना के दौर में कारोबार खासे प्रभावित हुए हैं. वहीं, डेंटल के डॉक्टरों को भी इस दौर में खासी समस्या पेश आई है. हालांकि अब डेंटल क्लीनिक खुले हुए है, लेकिन कोरोना के चलते मरीज क्लीनिक नहीं आ पा रहे हैं.
कोरोना संक्रमण के चलते जिला कुल्लू में भी 2 माह तक सभी डेंटल क्लीनिक पर ताला लटका रहा. हालांकि अब सरकार की ओर से क्लीनिक खोलने की इजाजत दे दी गई है, लेकिन मरीजों में अभी भी कोरोना का डर बैठा हुआ है. हालांकि क्लीनिक में डॉक्टर पूरी तरह स्टेरेलाइजेशन के बाद ही काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस का डर लोगों के दिलों से उतर नहीं पा रहा है.
कुल्लू में डेंटल क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर पंकज चौहान का कहना है कि कोरोना के दौर में सिर्फ आपातकाल स्थिति में ही मरीज उनके क्लीनिक आए, जबकि डेंटल वायर, फेसिंग सहित आर्टिफिशियल दांत लगाने वाले मरीज अभी तक उनसे दूरी बनाए हुए हैं. कोरोना के दौर में उनका काम 90% प्रभावित हुआ है. वहीं, अभी तक उनका यह काम सही तरीके से चल नहीं पा रहा है.
डॉक्टर पंकज का कहना है कि अभी भी वे फेसिंग, दांतों में फिलिंग जैसे काम करने से परहेज रखे हुए हैं, ताकि कोरोना वायरस से बचा जा सके. वहीं, मरीजों का भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इलाज किया जा रहा है और अपॉइंटमेंट के हिसाब से ही मरीजों को क्लीनिक में बुलाया जा रहा है.
क्या कहना है दंत रोग से पीडित युवक का:
वहीं, सेऊ बाग के रहने वाले युवा कमल किशोर का कहना है कि उन्हें दांत में काफी समय से समस्या है और डॉक्टर ने उन्हें दांत में फीलिंग करवाने की सलाह दी है, लेकिन कोरोना के डर के चलते अभी डॉक्टर के पास नहीं जा पा रहे हैं. उनका कहना है कि वह दर्द से राहत पाने के लिए दवा ले रहे हैं.
बता दें कि कोरोना वायरस इन्सान की लार से ही फैलता है. ये वायरस इन्सान के मुंह, नाक और आंख के जरिए भी प्रवेश कर सकता है. यही वजह है कि लोगों में कोरोना का खौफ बरकरार है. लोग अभी भी बाहर जाने से बच रहे हैं
कोरोना से प्रभावित हुए कारोबार:
कोरोना संक्रमण से जिला कुल्लू का पर्यटन कारोबार भी प्रभावित हुआ है. वहीं, डेंटल डॉक्टरों की समस्या भी इससे बढ़ी है. जिला कुल्लू में 50 से अधिक डेंटल क्लीनिक हैं, जिनका रोजगार भी इसी के सहारे चला हुआ है. कोरोना वायरस ने डेंटल क्लीनिक के रोजगार पर भी संकट खड़ा कर दिया है.