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जरा संभल कर: आसां नहीं है पहाड़ों का सफर, कुल्लू में 5 महीनों में 4 सैलानियों की मौत

ट्रैकिंग के दौरान पांच महीने में चार पर्यटकों की मौत. पर्यटकों ने जानकारी के अभाव में गंवाई जान.

डिजाइन फोटो.
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Published : Jun 3, 2019, 1:21 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में देश-विदेश से घूमने आए पर्यटक पहाड़ी रास्तों पर ट्रैकिंग के लिए उत्साहित रहते हैं. इन दिनों मनाली, मणिकर्ण, बंजार और तीर्थन घाटी के विभिन्न रूटों पर सैलानी कदमताल कर रहे हैं, लेकिन ट्रैकिंग का ज्ञान ना होने पर यह कदमताल उनकी जान पर भारी पड़ रही है. साल 2019 में ही अभी तक ट्रैकिंग रूट पर निकले 4 पर्यटकों की मौत हो चुकी है और दो पर्यटक घायल भी हो चुके हैं.

हैरानी की बात ये है कि लगातार हो हादसों से सबक नहीं लिया जा रहा है. इन हादसों से जिला में ट्रेकिंग गतिविधियों को चलाने वाली ट्रैवल एजेंसियों की ओर से सैलानियों को दी जाने वाली सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. पहाड़ी रास्तों पर जरा सी लापरवाही भी पर्यटकों की मौत का कारण बन जाती है. गत दिनों में मणिकर्ण घाटी के खीरगंगा ट्रैक पर निकले पर्यटकों के साथ एक दुर्घटना घटी, जिसमें उत्तर प्रदेश की एक युवती की मौत हो गई. वहीं उसके साथ चल रहे दो अन्य युवक भी घायल हो गए. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोमांच के लिए होने वाली गतिविधियों में थोड़ी सी चूक भी जानलेवा हो सकती है.

ये भी पढ़ें: सीएम के ड्रीम प्रोग्राम जनमंच की 'हकीकत', एक गांव से भेजी 6 डिमांड एक भी नहीं हुई पूरी

जिला पर्यटन अधिकारी बीसी नेगी ने बताया कि पर्यटकों को पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियों से ही ट्रैकिंग रूट के लिए संपर्क करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके. पर्यटन विभाग भी अपने स्तर पर ऐसी ट्रैवल एजेंसियों की जांच करता है और पंजीकरण ना होने पर उनपर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है.

कुल्लू: जिला कुल्लू में देश-विदेश से घूमने आए पर्यटक पहाड़ी रास्तों पर ट्रैकिंग के लिए उत्साहित रहते हैं. इन दिनों मनाली, मणिकर्ण, बंजार और तीर्थन घाटी के विभिन्न रूटों पर सैलानी कदमताल कर रहे हैं, लेकिन ट्रैकिंग का ज्ञान ना होने पर यह कदमताल उनकी जान पर भारी पड़ रही है. साल 2019 में ही अभी तक ट्रैकिंग रूट पर निकले 4 पर्यटकों की मौत हो चुकी है और दो पर्यटक घायल भी हो चुके हैं.

हैरानी की बात ये है कि लगातार हो हादसों से सबक नहीं लिया जा रहा है. इन हादसों से जिला में ट्रेकिंग गतिविधियों को चलाने वाली ट्रैवल एजेंसियों की ओर से सैलानियों को दी जाने वाली सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. पहाड़ी रास्तों पर जरा सी लापरवाही भी पर्यटकों की मौत का कारण बन जाती है. गत दिनों में मणिकर्ण घाटी के खीरगंगा ट्रैक पर निकले पर्यटकों के साथ एक दुर्घटना घटी, जिसमें उत्तर प्रदेश की एक युवती की मौत हो गई. वहीं उसके साथ चल रहे दो अन्य युवक भी घायल हो गए. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोमांच के लिए होने वाली गतिविधियों में थोड़ी सी चूक भी जानलेवा हो सकती है.

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जिला पर्यटन अधिकारी बीसी नेगी ने बताया कि पर्यटकों को पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियों से ही ट्रैकिंग रूट के लिए संपर्क करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके. पर्यटन विभाग भी अपने स्तर पर ऐसी ट्रैवल एजेंसियों की जांच करता है और पंजीकरण ना होने पर उनपर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है.

Intro:जिला में 5 माह में हुई 4 ट्रैक्टरों की मौत
जानकारी के अभाव में जान गवा रहे पर्यटक

नोट: मृतक युवती अनिशा की फोटो मेल से भेजी गई है।




Body:जिला कुल्लू में देश-विदेश से घूमने आए पर्यटक यहां साहसिक गतिविधियों का मजा तो लेते ही हैं। उसके अलावा भी पहाड़ी रास्तों पर ट्रैकिंग करने के लिए सैलानी उत्साहित रहते हैं। इन दिनों जिला कुल्लू के मनाली, मणिकर्ण, बंजार, तीर्थन घाटी के विभिन्न रूटों पर सैलानी कदमताल कर रहे हैं। लेकिन ट्रैकिंग का ज्ञान ना होने के कारण यह कदम ताल उनकी जान पर भारी पड़ रही है। साल 2019 में ही अभी तक ट्रैकिंग रूट पर निकले 4 पर्यटकों की मौत हो चुकी है। वहीं दो घायल भी हुए हैं। उसके बाद भी इन हादसों से सबक नहीं लिया जा रहा है। वहीं जिला में ट्रेकिंग गतिविधियों को चलाने वाली ट्रैवल एजेंसियों की ओर से सैलानियों को दी जाने वाली सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। पहाड़ी रास्तों पर जरा सी लापरवाही भी पर्यटकों की मौत का कारण बन जाती है। गत दिनों में मणिकर्ण घाटी के खीरगंगा ट्रैक पर निकले पर्यटकों के साथ एक दुर्घटना घटी, जिसमें उत्तर प्रदेश की एक युवती की मौत हो गई। वहीं उसके साथ चल रहे दो अन्य युवक भी घायल हो गए। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोमांच के लिए होने वाली गतिविधियों में थोड़ी सी चूक भी जानलेवा हो सकती है।


Conclusion:जिला पर्यटन अधिकारी बीसी नेगी ने बताया कि पर्यटकों को पर्यटन विभाग द्वारा पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियों से ही ट्रैकिंग रूट के लिए संपर्क करना चाहिए। ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। पर्यटन विभाग भी अपने स्तर पर ऐसे ट्रैवल एजेंसियों की जांच करता है और पंजीकरण ना होने पर उन पर कानूनी कार्यवाही भी की जाती है।
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